हमारा सपना भारत को ऊर्जा आयातक से निर्यातक बनने का है, CMAI के कार्यक्रम में बोले नितिन गडकरी
Nitin Gadkari At CMAI Event : एविएशन सेक्टर को कार्बन मुक्त बनाने और भारत को सतत विमानन ईंधन (SAF) के क्षेत्र में ग्लोबल लीडर बनाने के लिए भारत सरकार ने ऐतिहासिक पहल की शुरुआत की। इस मौके पर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि वर्तमान में हम ऊर्जा के आयातक हैं, लेकिन हमारा सपना ऊर्जा के निर्यातक बनने का है।

CMAI इवेंट में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी
Nitin Gadkari At CMAI Event : भारत में एविएशन सेक्टर को हरित और टिकाऊ बनाने के लिए इंडिया SAF अलायंस की आधिकारिक शुरुआत CMAI इंडिया क्लाइमेट वीक 2025 में की गई। इस पहल का उद्देश्य भारत को सतत विमानन ईंधन (SAF) में वैश्विक नेता बनाना है। इस अवसर पर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी सहित कई प्रमुख उद्योग और सरकारी प्रतिनिधि मौजूद रहे।
भारत SAF अलायंस का शुभारंभ
नितिन गडकरी ने इंडिया SAF अलायंस का उद्घाटन करते हुए कहा कि सरकार की नीति हरित परिवहन और सतत बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने की है। उन्होंने कहा कि आज हम ऊर्जा आयात कर रहे हैं, लेकिन हमारा सपना है कि हम ऊर्जा निर्यातक बनें। मंत्री महोदय ने बायोमास, बायोफ्यूल, कॉर्न मेथनॉल और अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्र में सरकार के प्रयासों को साझा किया। उन्होंने CMAI इंडिया SAF अलायंस और इसके सहयोगियों की सराहना करते हुए सरकार की पूरी सहायता का आश्वासन दिया।
ग्रीन एविएशन की ओर भारत का कदम
इंडिया SAF अलायंस का मुख्य उद्देश्य भारत में SAF उत्पादन, नीति निर्माण और इनोवेशन को बढ़ावा देना है। यह पहल भारत के 2070 तक नेट-जीरो लक्ष्य और एविएशन सेक्टर के कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के संकल्प को मजबूत करती है।
ZR2 ग्रुप के संस्थापक और इंडिया SAF अलायंस के चेयरपर्सन जिमी ओल्सन ने कहा कि हमारा लक्ष्य SAF को किफायती और टिकाऊ बनाना है। इनोवेशन और सहयोग के माध्यम से भारत को इस क्षेत्र में अग्रणी बनाएंगे।
Trualt Bioenergy के संस्थापक और इंडिया SAF अलायंस के को-चेयरपर्सन विजय निरानी ने कहा कि भारत की कृषि और तकनीकी क्षमताएं इसे SAF उत्पादन का हब बना सकती हैं। हमारा लक्ष्य 2027 तक 1% SAF मिश्रण, 2028 तक 2% और 2030 तक 5% SAF मिश्रण को अपनाना है।
SAF को वैश्विक स्तर पर ले जाने की योजना
भारत ने 2030 तक 10% SAF मिश्रण का लक्ष्य रखा है, जिससे विमानन क्षेत्र के कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा विमानन बाजार है, इसलिए SAF को अपनाना भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा। CMAI के महासचिव श्री रोहित कुमार ने कहा कि CMAI का मिशन है कठिन क्षेत्रों को भी नेट-जीरो की ओर ले जाना। इंडिया SAF अलायंस, विमानन क्षेत्र के कार्बन उत्सर्जन को कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
इंडिया SAF अलायंस के मुख्य लक्ष्य
- विमानन क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन कम करना
- हरित नौकरियों के अवसर बढ़ाना और किसानों को सशक्त बनाना
- SAF को अपनाने और उत्पादन को प्रोत्साहित करना
CMAI: भारत को नेट-जीरो की ओर ले जाने वाला संगठन
CMAI (कार्बन मार्केट एसोसिएशन ऑफ इंडिया) भारत के कठिन क्षेत्रों को डिकार्बोनाइज करने के लिए नीति निर्माण, प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता प्रदान करता है। यह संगठन MoEFCC, MNRE, NITI Aayog जैसे प्रमुख मंत्रालयों के साथ मिलकर काम करता है। CMAI ने 220 मिलियन टन ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी लाने में योगदान दिया है।
इंडिया क्लाइमेट वीक – जलवायु परिवर्तन पर भारत का बड़ा मंच
इंडिया क्लाइमेट वीक विभिन्न हितधारकों को साथ लाकर नेट-जीरो समाधान विकसित करने पर ध्यान देता है। इसमें सरकारी अधिकारी, उद्योग जगत के नेता, नीति-निर्माता, अंतरराष्ट्रीय संगठन, विशेषज्ञ, शिक्षाविद, और सिविल सोसायटी के प्रतिनिधि भाग लेते हैं। SAF की यह पहल भारत को सतत विमानन ईंधन के क्षेत्र में अग्रणी बनाएगी और हरित भविष्य की ओर एक बड़ा कदम होगी। (प्रेस रिलीज)
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