Byju's ने 400 तो स्पार्टन पोकर ने 125 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला, कॉस्ट कटिंग और परफॉर्मेंस रिव्यू बताई वजह

ऑनलाइन पोकर प्लेटफॉर्म, स्पार्टन पोकर (Spartan Poker) ने अपने करीब 125 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। यह कंपनी के कुल कर्मचारियों की संख्या का करीब 40 फीसदी है। इसके साथ ही स्पार्टन पोकर उन कंपनियों की लिस्ट में शामिल हो गई हैं।

Layoff News Of  Byju's and Spartan Poker

बायजूज

Layoff News Of Byju's and Spartan Poker : बायजूज (Byju's) ने एक बार फिर छंटनी की है। इस बार छंटनी की वजह परफॉर्मेंस रिव्यू बताई गई है। मेंटॉरिंग एंड प्रोडक्ट एक्सपर्ट डिविजन से 400 से ज्यादा एंप्लॉयीज को नौकरी से हटाया गया है। जुलाई में इनके परफॉर्मेंस का रिव्यू किया गया था। इन्हें 17 अगस्त को इस्तीफे सौंपने के लिए कहा गया। वहीं दूसरी तरफ ऑनलाइन पोकर प्लेटफॉर्म, स्पार्टन पोकर (Spartan Poker) ने अपने करीब 125 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है।

यह कंपनी के कुल कर्मचारियों की संख्या का करीब 40 फीसदी है। इसके साथ ही स्पार्टन पोकर उन कंपनियों की लिस्ट में शामिल हो गई है, जिसने सरकार की ओर से रियल-मनी गेमिंग सेक्टर पर 28 फीसदी GST लगाने के फैसले के बाद से लागत घटाने के लिए कदम उठाए हैं। Spartan Poker ने इस खबर पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

कॉल पर ही शुरू हो गई एक्जिट प्रोसेस

मनीकंट्रोल के मुताबिक बायजूज ने 400 एंप्लॉयीज को नौकरी से निकाला है। इसके लिए एचआर से कॉल आई और एंप्लॉयीज को बताया गया है कि अगले दो घंटों में उनके ईमेल एड्रेसेज डिएक्टिवेट कर दिए जाएंगे। उन्हें अपने पे स्लिप और दूसरे जरूरी डॉक्युमेंट भी डाउनलोड करने को कहा गया। उन्हें कॉल पर ही तुरंत एक्जिट प्रोसेस शुरू करने को भी कहा गया।

स्पार्टन पोकर का क्या है मामला?

Spartan Poker को साल 2014 में अमीन रोजानी, समीर रैटनसी और पीटर अब्राहम ने मिलकर शुरू किया था। यह प्लेटफॉर्म यूजर्स को ऑनलाइन पोकर टूर्नामेंट खेलने की सुविधा देता है। गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) से जुड़े फैसले लेने वाली संस्था, जीएसटी काउंसिल ने बीते 2 अगस्त को रियल-मनी गेम पर फुल फेस वैल्यू के आधार पर 28 फीसदी टैक्स लगाने का प्रस्ताव दिया था। इसके साथ ही काउंसिल ने स्किल और चांस के आधार पर अलग-अलग टैक्स दर लगाने के प्रस्ताव को भी इनकार कर दिया था। हालांकि काउंसिल ने इन फर्मों को थोड़ी राहत देते हुए प्रत्येक दांव की जगह यूजर्स की ओर से रियल-मनी गेम खेलने के लिए लगाई जाने वाली पूरी राशि पर टैक्स लगाने का प्रस्ताव दिया। इससे ये कंपनियां डुअल टैक्स के बोझ से बच गईं हैं।

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