Bank Holiday: बैंक कर्मचारी यूनियन चाहते हैं 5 डे वर्किंग वीक, जानिए क्या है प्रस्तावित विकल्प

Five Day Working Week in Banks: बैंक कर्मचारी यूनियनों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को चिट्ठी लिखकर बैंकों में पांच दिवसीय कार्य सप्ताह (Five-Day Working Week) लागू करने का आग्रह किया है। साथ ही का है कि बैंकों के कर्मचारी तनाव में अपना काम कर रहे हैं। इसलिए उचित होगा कि शनिवार और रविवार को भी अवकाश घोषित किया जाए।

Five Day Working Week in Banks

बैंकों में सप्ताह में पांच दिन काम करने की उठी मांग

Five Day Working Week in Banks: बैंक कर्मचारी यूनियनों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को चिट्ठी लिखकर बैंकों में पांच दिवसीय कार्य सप्ताह (Five-Day Working Week) लागू करने का आग्रह किया है। वर्तमान में बैंकों में रविवार के साथ-साथ हर माह के दूसरे और चौथे शनिवार को काम बंद रहता है। यानी एक सप्ताह 6 दिन वर्किंग तो दूसरे सप्ताह 5 दिन वर्किंग होता है। बैंकों में फाइव डे वर्किंग वीक के लिए 2015 में समझौता हुआ था। अपने प्रस्ताव में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने आश्वासन दिया है कि अगर पांच-दिवसीय सप्ताह को मंजूरी दी जाती है तो ग्राहकों के लिए कुल बैंकिंग घंटों में या कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए कुल कामकाजी घंटों में कमी में कोई कमी नहीं की जाएगी। यह रुख भारतीय बैंक यूनियन के साथ बनी सहमति के अनुरूप है।

आरबीआई और एलआईसी में 5 डे वीक पहले से प्रचलन में

इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक यूनियन ने वित्त मंत्री से इस मामले की अनुकूल समीक्षा करने और भारतीय बैंक यूनियन को तदनुसार कार्यवाही आगे बढ़ाने का निर्देश देने का आग्रह किया है। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने कहा कि आरबीआई और एलआईसी में 5 दिवसीय सप्ताह पहले से ही प्रचलन में है। बैंक कर्मचारी यूनियन ने कहा कि 2015 के समझौते के दौरान इस बात पर सहमति बनी थी कि एक महीने में दो शनिवारों को छुट्टियों के प्रावधान को लागू करने के बाद शेष शनिवारों को बाद में छुट्टियों के रूप में घोषित करने की हमारी मांग पर विचार किया जाएगा।

तनाव में काम करते हैं बैंकों के कर्मचारी

बैंक कर्मियों के लिए वेतन संशोधन और सेवा शर्तों में वृद्धि के संबंध में 7 दिसंबर 2023 को भारतीय बैंक यूनियन और बैंक यूनियनों के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। वित्त मंत्री और सरकार द्वारा उनकी मांगों पर अनुकूल विचार के लिए आभार व्यक्त करते हुए यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस, बैंक यूनियनों और आईबीए के बीच समझौता ज्ञापन द्वारा सुगम वार्ता के समय पर निष्कर्ष को स्वीकार करता है। यूनियन का कहन है कि आप भली-भांति जानते हैं कि बैंकों के कर्मचारी किस बढ़ते तनाव में अपना काम कर रहे हैं। इसलिए उचित होगा कि शेष शनिवारों को भी अवकाश घोषित किया जाए। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने कहा कि हम इस मामले पर अनुकूल विचार करने और आईबीए को इस संबंध में आगे बढ़ने की सलाह देने के लिए आपको धन्यवाद देंगे।

आईबीए, बैंक कर्मचारी यूनियनों के बीच समझौता

पिछले साल भारतीय बैंक यूनियन और बैंक कर्मचारी यूनियनों के बीच हुए समझौता ज्ञापन (एमओयू) के परिणामस्वरूप भारत के सभी सरकारी बैंकों में वेतन में 17% की वृद्धि के लिए समझौता हुआ। जिस पर कुछ खर्च 12,449 करोड़ रुपए आएगा। इस बढ़ोतरी से एसबीआई जैसे पीएसयू बैंकों और चुनिंदा प्राइवेट बैंकों सहित 3.8 लाख अधिकारियों समेत करीब नौ लाख कर्मचारियों को लाभ होगा। 7 दिसंबर 2023 को भारतीय बैंक यूनियन और कर्मचारी संघों के प्रतिनिधियों के बीच हुई बातचीत 180 दिनों के भीतर वेतन संशोधन को अंतिम रूप देने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के साथ समाप्त हुई।

सहमति वाले मुद्दे तय समय के भीतर पूरा हो

एमओयू में कहा गया कि दोनों पक्ष आपसी सहमति वाले मुद्दों के आधार पर एक व्यापक द्विपक्षीय निपटान या संयुक्त नोट का मसौदा तैयार करने के लिए एकत्रित होंगे। जिसका लक्ष्य समय सीमा के भीतर इस प्रक्रिया को पूरा करना होगा। समझौते के डिटेल में 1 नवंबर 2022 से पांच साल की अवधि के लिए वेतन संशोधन का कार्यान्वयन शामिल है। वित्तीय वर्ष 2021-22 वेतन पर्ची व्यय के आधार पर गणना की गई वेतन और भत्तों में 17% की वृद्धि, भारतीय स्टेट बैंक सहित सभी सरकारी बैंकों के लिए 12,449 करोड़ रुपये है। इसके अलावा मूल वेतन के साथ महंगाई भत्ते के विलय और अतिरिक्त 3% लोडिंग से कुल 1795 करोड़ रुपए की वृद्धि होगी।

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रामानुज सिंह author

रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें

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