अक्षय तृतीया 2025

अक्षय तृतीया पौराणिक कहानी और इतिहास:
अक्षय तृतीया जिसे कई जगह पर आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है। ये हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है। जो वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन मनाया जाता है। इस दिन को मुख्य रूप से सोने की खरीदारी से जोड़कर देखा जाता है। अक्षय तृतीया के दिन कई लोग सोने की खरीदारी करते हैं। इतना ही नहीं ये दिन वस्त्र-आभूषणों की खरीदारी के अलावा विवाह, गृह प्रवेश, वाहन और मकान की खरीदारी आदि कार्यों के लिए भी शुभ माना जाता है
अक्षय तृतीया की कहानी:
अक्षय तृतीया की पौराणिक कथा के अनुसार प्राचीन काल में एक धर्मदास नामक वैश्य था। जो अपने परिवार के साथ एक छोटे से गांव में रहता था। वह बहुद गरीब था जिस कारण उसे हमेशा अपने परिवार के भरण-पोषण की चिंता रहती थी। धर्मदास बहुत धार्मिक पृव्रत्ति का व्यक्ति था उसका सदाचार और देव एवं ब्राह्मणों के प्रति उसकी श्रद्धा पूरे गांव में प्रसिद्ध थी। एक दिन मार्ग में उसने कुछ ऋषियों को अक्षय तृतीया के महत्त्व का वर्णन करते सुना। वह ऋषि कह रह थे कि अक्षय तृतीया बुधवार से संयुक्त होने पर महान फल प्रदान करने वाली होती है। अक्षय तृतीया के शुभ दिन पर ही नर-नारायण, हयग्रीव एवं परशुराम अवतार प्रकट हुये थे। ऐसे में इस दुर्लभ संयोग के अवसर पर किये जाने वाले दान, हवन, पूजन आदि कर्मों का अक्षय फल प्राप्त होता है। अत: ऐसा फल जिसकी कभी समाप्ति न हो।
अक्षय तृतीया का महत्व:
पुराणों अनुसार अक्षय तृतीया सौभाग्य और सफलता प्रदान करती है। अधिकांश लोग इस दिन सोने की खरीदारी करते हैं क्योंकि मान्यता है कि अक्षय तृतीया पर सोने खरीदने से भविष्य में अत्यधिक धन-समृद्धि की प्राप्ति होती है। अक्षय तृतीया के दिन मुख्य रूप से भगवान विष्णु द्वारा की पूजा होती है। हिन्दु पौराणिक कथाओं के अनुसार, त्रेता युग का आरम्भ भी अक्षय तृतीया के दिन ही हुआ था। इतना ही नहीं इस दिन भगवान विष्णु के छठवें अवतार भगवान परशुराम जी का जन्म भी हुआ था। इसलिए इस दिन परशुराम जयंती भी मनाई जाती है।
अक्षय तृतीया पर क्या दान करें:
अक्षय तृतीया एक बेहद शुभ पर्व है जो वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन मनाया जाता है। इस साल ये पर्व 30 अप्रैल 2025 को मनाया जा रहा है। इस दिन दान-पुण्य, पूजा-पाठ, जप-तप और शुभ कार्य करने का खास महत्व माना गया है। कहते हैं इससे शुभ फलों की प्राप्ति होती हैं।
अक्षय तृतीया पूजा सामग्री लिस्ट:
विष्णु भगवान और लक्ष्मी माता की फोटो, लक्ष्मी-गणेश जी की फोटो, पीला कपड़ा, मिट्टी का घड़ा जल से भरा, गेहूं, कलावा, घी का दीपक, चंदन, अक्षत, कलावा, भगवान नारायण और गणेश जी के लिए जनेऊ, इत्र, दक्षिणा, फल, फूल और अक्षय तृतीया पर खरीदा गया सामान।

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