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'मचाडो ने मेरे सम्मान में अवॉर्ड लिया, मैं खुश हूं' नोबेल शांति पुरस्कार 2025 पर ट्रंप ने दी प्रतिक्रिया

नॉर्वे की नोबेल समिति के अध्यक्ष जॉर्गन वात्ने फ्रिडनेस ने कहा कि वेनेजुएला में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए विपक्ष की उम्मीदवार रहीं मारिया को राष्ट्रपति निकोलस मादुरो की सरकार के खिलाफ 'कभी गहराई तक विभाजित विपक्ष को एकजुट करने वाली महत्वपूर्ण शख्सियत' के रूप में सराहा गया है।

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वेनेजुएला की विपक्ष की नेता मारिया कोरिना मचाडो को मिला है नोबेल शांति पुरस्कार। तस्वीर-AP

Nobel Peace Prize 2025: नोबेल शांति पुरस्कार 2025 पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रतिक्रिया दी है। ट्रंप ने कहा है कि वेनेजुएला की विपक्ष की नेता मारिया कोरिना मचाडो की उन्होंने कई बार मदद की है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि पुरस्कार मिलने के बाद मचाडो ने उन्हें फोन किया और कहा कि यह अवॉर्ड उन्होंने मेरे सम्मान में लिया है। व्हाइट हाउस में मीडिया से बात करते हुए ट्रंप ने कहा, 'जिसे नोबेल शांति पुरस्कार मिला है, आज उसने मुझे फोन किया और कहा कि वह मेरे लिए यह सम्मान ग्रहण कर रही है क्योंकि उसका मानना है कि मैं यह सम्मान पाने का पात्र हूं।'

मैंने यह नहीं कहा कि इसे मुझे दे दो-ट्रंप

उन्होंने आगे कहा, 'मैंने यह नहीं कहा कि इसे मुझे दे दो। मुझे लगता है कि वह इस पुरस्कार को अपने पास रख सकती हैं। मचाडो के संघर्ष में मैं उनकी मदद करता आया हूं। संकट के दौरान इन लोगों को वेनेजुएला में बहुत सारी मदद की जरूरत थी। मैं लाखों लोगों का जीवन बचाकर खुश हूं।' ऐसी चर्चा थी कि इस बार का नोबेल शांति पुरस्कार ट्रंप को मिल सकता है लेकिन नोबेल समिति ने यह पुरस्कार मचाडो को देने की घोषणा की।

मचाडो ने वेनेजुएला में लोकतंत्र की लौ जलाए रखी है

समिति ने कहा कि गहराते अंधकार के बीच मचाडो ने वेनेजुएला में लोकतंत्र की लौ जलाए रखी है। नॉर्वे की नोबेल समिति के अध्यक्ष जॉर्गन वात्ने फ्रिडनेस ने कहा कि वेनेजुएला में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए विपक्ष की उम्मीदवार रहीं मारिया को राष्ट्रपति निकोलस मादुरो की सरकार के खिलाफ 'कभी गहराई तक विभाजित विपक्ष को एकजुट करने वाली महत्वपूर्ण शख्सियत' के रूप में सराहा गया है। फ्रिडनेस ने कहा, 'मारिया पिछले एक साल से छिपकर रहने के लिए मजबूर हैं। जान को गंभीर खतरे के बावजूद वह देश में ही हैं और इस फैसले ने लाखों लोगों को प्रेरित किया है।' उन्होंने कहा, 'जब अधिनायकवादी सत्ता पर कब्जा कर लेते हैं, तो आजादी की रक्षा करने वाले उन साहसी नायकों को मान्यता देना अहम हो जाता है, जो आवाज उठाते हैं और प्रतिरोध करते हैं।'

‘मैं आश्चर्यचकित हूं, मुझे यकीन ही नहीं हो रहा है’

फ्रिडनेस ने समाचार एजेंसी ‘एसोसिएटेड प्रेस’ से कहा कि समिति घोषणा से कुछ देर पहले मारिया से संपर्क करने में सफल रही थी, जिन्होंने इस पुरस्कार के लिए चुने जाने पर आश्चर्य व्यक्त किया। मारिया के करीबी सहयोगी एडमंडो गोंजालेज (जो स्पेन में निर्वासन में रह रहे हैं) ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें वह फोन पर उनसे बात करते हुए दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में मारिया को गोंजालेज से यह कहते हुए सुना जा सकता है, ‘मैं आश्चर्यचकित हूं। मुझे यकीन ही नहीं हो रहा है।’ गोंजालेज ने मारिया को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किए जाने के फैसले पर खुशी जाहिर की। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘यह हमारी आजादी और लोकतंत्र की रक्षा के लिए एक महिला और लोगों की लंबी लड़ाई को मिली बहुत ही उपयुक्त मान्यता है।'

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आलोक कुमार राव
आलोक कुमार राव Author

आलोक कुमार राव न्यूज डेस्क में कार्यरत हैं। यूपी के कुशीनगर से आने वाले आलोक का पत्रकारिता में करीब 19 साल का अनुभव है। समाचार पत्र, न्यूज एजेंसी, टेल... और देखें

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