यूक्रेन नहीं, रूस लड़ रहा अस्तित्व की जंग! पश्चिमी मुल्कों पर भड़के पुतिन- वे जानते हैं कि हमें हराना असंभव, इसलिए...
पुतिन ने अपने संबोधन में बार-बार युद्ध को जायज करार दिया और यूक्रेन में कब्जे वाले इलाकों से सैनिकों को हटाने की अंतरराष्ट्रीय मांगों को खारिज कर दिया।
मॉस्को में राष्ट्र के नाम संबोधन देते हुए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस और यूक्रेन को पश्चिमी मुल्कों के दोहरे रवैये का ‘पीड़ित’ करार दिया है। उन्होंने कहा है कि यूक्रेन नहीं बल्कि रूस अपने अस्तित्व के लिए लड़ाई लड़ रहा है। मंगलवार (21 फरवरी, 2023) को राष्ट्र के नाम अपने बहुप्रतीक्षित संबोधन में उन्होंने पश्चिमी देशों पर संघर्ष भड़काने का आरोप लगाया। साथ ही पड़ोसी देश यूक्रेन पर हमले का बचाव भी किया।
उन्होंने बताया, ‘‘हम यूक्रेन के लोगों से नहीं लड़ रहे। यूक्रेन कीव के शासन का बंधक बन गया है और पश्चिमी आकाओं ने देश पर प्रभावी रूप से कब्जा कर लिया है।’’ वह आगे बोले- रूस की ‘रणनीतिक हार’ साबित करने के लिए पश्चिमी अभिजात्य वर्ग अपने लक्ष्यों को छिपाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। उन्होंने स्थानीय संघर्ष को वैश्विक टकराव में बदलने के इरादे जताए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘यह वे (देश) हैं, जिन्होंने युद्ध शुरू किया...और हम इसे खत्म करने के लिए बल प्रयोग कर रहे हैं।’’ पुतिन यह भी बोले कि पश्चिमी देश जानते हैं कि ‘‘युद्ध के मैदान में रूस को हराना असंभव है, इसलिए उन्होंने ऐतिहासिक तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत करके दुष्प्रचार हमले शुरू किए। रूसी संस्कृति, धर्म और मूल्यों पर हमला किया।’’ जंग को जायज बताते हुए पुतिन ने दावा किया कि उनकी सेना यूक्रेन के क्षेत्रों में नागरिकों की रक्षा कर रही है। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘हम लोगों के जीवन, अपने घर की रक्षा कर रहे हैं...और पश्चिम वर्चस्व स्थापित करने का प्रयास कर रहा है।’’
India का जिक्र कर क्या बोले रूसी राष्ट्रपति?स्पीच के दौरान इंडिया का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "हम भारत के साथ अपने सहयोग और कारोबार को बढ़ाना जारी रखेंगे।" यही नहीं, भारत-चीन सरीखे मुल्कों से कारोबार में इजाफा लाने के लिए उन्होंने आईएनएसटीसी यानी इंटरनेशनल नॉर्थ साउथ कॉरिडोर के विस्तार से जुड़ा ऐलान भी किया। वह इस बाबत आगे बोले- हम भारत-ईरान और पाकिस्तान जैसे मुल्कों से सहयोग बढ़ाने की आस रखते हैं।
US से परमाणु संधि में रूस की भागीदारी सस्पेंडउधर, पुतिन ने बताया कि रूस उस संधि में अपनी भागीदारी निलंबित कर रहा है, जिसका मकसद परमाणु हथियारों के विस्तार पर रोक लगाना है। दरअसल, तथाकथित ‘न्यू स्टार्ट’ (नई सामरिक शस्त्र न्यूनीकरण संधि) संधि पर साल 2010 में रूस और अमेरिका ने हस्ताक्षर किए थे। यह संधि दोनों देशों की ओर से तैनात किए जा सकने वाले लंबी दूरी के परमाणु मुखास्त्रों की संख्या को सीमित करती है और परमाणु हथियार ले जाने में समक्ष मिसाइल के उपयोग को सीमित करता है। (AP-PTI इनपुट्स के साथ)
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