पुतिन ने फिर दिया झटका, जेलेंस्की से मिलने नहीं जाएंगे तुर्किये, अपने इस करीबी नेता को भेज रहे इस्तांबुल

क्रेमलिन द्वारा प्रतिनिधिमंडल की सूची की घोषणा करने से पहले बुधवार को अपने संबोधन में जेलेंस्की ने कहा कि वह यूक्रेन की कार्रवाई के बारे में निर्णय लेने से पहले अंतिम सूची की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

Putin Zelensky

पुतिन नहीं जाएंगे तुर्किए

Putin-Zelenskyy Meeting: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने यूक्रेनी समकक्ष वोलोडिमिर जेलेंस्की से मिलने के लिए गुरुवार को इस्तांबुल नहीं जाएंगे। बुधवार की देर शाम क्रेमलिन ने इसकी घोषणा कर दी। क्रेमलिन ने बता दिया कि यूक्रेन और रूस के नेताओं के बीच पहली सीधी वार्ता में मास्को का प्रतिनिधित्व कौन करेगा। क्रेमलिन के मुताबिक, रूसी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पुतिन के सहयोगी व्लादिमीर मेडिंस्की करेंगे, जिन्होंने मार्च 2022 में इस्तांबुल में वार्ता के पहले दौर में मास्को का प्रतिनिधित्व किया था।

रूसी प्रतिनिधिमंडल में कौन-कौन शामिल

मेडिंस्की के अलावा इस टीम में उप विदेश मंत्री मिखाइल गालुजिन, उप रक्षा मंत्री अलेक्जेंडर फोमिन और रूस की सैन्य खुफिया एजेंसी (GRU) के प्रमुख इगोर कोस्त्युकोव होंगे। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भी तुर्की नहीं जाएंगे। मॉस्को ने यूक्रेन के साथ इस्तांबुल वार्ता में कौन भाग लेगा, इसकी घोषणा दिन खत्म होते-होते की। पिछले सप्ताहांत में पुतिन ने कहा था कि रूस और यूक्रेन को सीधी बातचीत के लिए बैठना चाहिए। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने तुरंत जवाब देते हुए कहा था कि वह 2022 की शुरुआत में रूस द्वारा यूक्रेन पर बड़े पैमाने पर हमले के बाद पहली बार पुतिन से मिलने के लिए खुद इस्तांबुल की यात्रा करेंगे।

जेलेंस्की बोले, सूची का इंतजार है

क्रेमलिन द्वारा प्रतिनिधिमंडल की सूची की घोषणा करने से पहले बुधवार को अपने संबोधन में जेलेंस्की ने कहा कि वह यूक्रेन की कार्रवाई के बारे में निर्णय लेने से पहले अंतिम सूची की प्रतीक्षा कर रहे हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा कि तुर्की में बैठक के प्रारूप के बारे में कीव ने कई बैठकें की हैं। उन्होंने कहा, मैं प्रतीक्षा कर रहा हूं कि रूस से कौन आएगा, और फिर मैं यह तय करूंगा कि यूक्रेन को क्या कदम उठाने चाहिए। अब तक, मीडिया में उनके संकेत अविश्वसनीय हैं।

कौन हैं व्लादिमीर मेडिंस्की?

पुतिन के सहयोगी मेडिंस्की यूक्रेन पर रूस के हमले के कट्टर समर्थक हैं। जनवरी 2025 में उन्होंने एक नई किताब "रूस का सैन्य इतिहास" का संपादन किया था, जो यूक्रेन के खिलाफ मास्को के युद्ध को नाजी जर्मनी के खिलाफ सोवियत लड़ाई की निरंतरता के रूप में पेश करती है और रूस के युद्ध को पश्चिमी खतरों के लिए जरूरी प्रतिक्रिया के रूप में दिखाती है। स्कूली बच्चों को ध्यान में रखते हुए किताब में दावा है कि रूस को नाटो की विस्तार नीति और 2014 में यूक्रेन के रूस समर्थक राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच को हटाने के कारण फरवरी 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण करने के लिए मजबूर किया गया था, जिसे इसने पश्चिमी समर्थित तख्तापलट करार दिया था। तीन खंडों वाली इस किताब में यूक्रेन को आक्रामक रूस विरोधी मोर्चा कहा गया है और युद्धक्षेत्र में वीरता दिखाने पर जोर दिया गया है।

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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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