समुंदर में फंसे हैं 1000 से अधिक प्रवासी मजदूर, जानें- पूरा मामला कि कहां, कैसे और कौन करेगा मदद?

इस बीच, एसओएस ह्यूमैनिटी के हेड ऑफ ऑपरेशंस टिल रमनहोल ने कहा- यह अंतरराष्ट्रीय कानून और जिनेवा कन्वेंशन का स्पष्ट उल्लंघन होगा। शरण के लिए आवेदन करना और सुरक्षा प्राप्त करना उनका मानवाधिकार है।

Mediterranean Sea

जर्मनी के संगठन मिशन लाइफलाइन के चलाए रेस्क्यू शिप के डेक पर प्रवासी। (एपी)

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो

भूमध्य सागर (Mediterranean Sea) में हजार से अधिक प्रवासी मजदूर फंसे हैं। इन सभी ने इटली से मदद की गुहार लगाई है। दरअसल, वहां (भूमध्य सागर में) चैरिटी से चलने वाले तीन जहाजों को इटली या माल्टा में उतरने की मंजूरी का इंतजार है, क्योंकि घटती आपूर्ति और खराब मौसम की स्थिति के बीच जहाज पर सवार लोगों को तत्काल मदद चाहिए।

डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (मेडिसिन सैन्स फ्रंटियर्स या एमएसएफ), एसओएस मेडिटरेनी और एसओएस ह्यूमैनिटी की ओर से संचालित जहाज एक सप्ताह से अधिक समय से समुद्र में हैं, जिसमें कुल मिलाकर लगभग 1,000 लोग हैं। इटली की नई दक्षिणपंथी सरकार ने उतरने के उनके अनुरोधों की प्राप्ति को स्वीकार कर लिया है, पर बंदरगाह में उनके प्रवेश द्वार पर हरी झंडी देना बंद कर दिया।

जियो बेरेंट्स पर एमएसएफ टीम के नेता रिकार्डो गट्टी ने वीडियो संदेश के जरिए समाचार एजेंसी अल जज़ीरा को बताया, "नवीनतम अनुरोध कल शाम किया गया था, लेकिन हमें कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।" गट्टी ने कहा कि शनिवार को जियो बैरेंट्स ने आने वाले तूफान से आश्रय खोजने के लिए इतालवी जल में प्रवेश किया था, जिसमें 11 महीने की एक और तीन गर्भवती महिलाओं सहित 572 लोग सवार थे।

एसओएस Mediterranee में प्रेस ऑफिसर एलिसा ब्रिवियो के मुताबिक, हर कोई डेक के नीचे नहीं सो सकता है। हम बच्चों और महिलाओं को प्राथमिकता दे रहे हैं। बाकी लोग बाहर सो रहे हैं और कल हमें कुछ बचाव करने वाले टेंट लगाए था, ताकि वे हवा और तूफान से लोग बच सकें।

इस बीच, एसओएस ह्यूमैनिटी के हेड ऑफ ऑपरेशंस टिल रमनहोल ने कहा- यह अंतरराष्ट्रीय कानून और जिनेवा कन्वेंशन का स्पष्ट उल्लंघन होगा। शरण के लिए आवेदन करना और सुरक्षा प्राप्त करना उनका मानवाधिकार है।

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अभिषेक गुप्ता author

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