Yana Mir Speech in UK: 'मैं मलाला यूसुफजई नहीं हूं...ब्रिटेन की संसद में कश्मीर की याना मीर ने ऐसा क्या कहा कह दिया- Video

Kashmiri activist Yana Mir Viral Speech : अपने संबोधन में कश्मीरी एक्टिविस्ट याना मीर ( Yana Mir) ने इस बात पर जोर दिया कि वह मलाला यूसुफजई नहीं हैं, जिन्हें आतंकवाद की धमकियों के कारण अपना देश छोड़ना पड़ा

Kashmiri Activist Yana Mir Viral Speech

कश्मीरी एक्टिविस्ट याना मीर

Kashmiri activist Yana Mir Viral Speech: कश्मीरी कार्यकर्ता याना मीर (Kashmiri activist Yana Mir) ने ब्रिटेन की संसद में जोरदार भाषण दिया और भारत के खिलाफ पाकिस्तान के दुष्प्रचार की आलोचना की, उन्होंने जोर देकर कहा कि वह कश्मीर में सुरक्षित और आजादी महसूस करती हैं, जो भारत का अभिन्न अंग है।

'संकल्प दिवस' कार्यक्रम (Sankalp Divas) में अपने संबोधन में मीर ने इस बात पर जोर दिया कि वह मलाला यूसुफजई नहीं हैं, जिन्हें आतंकवाद की धमकियों के कारण अपना देश छोड़ना पड़ा था। मीर ने कहा, 'मैं मलाला यूसुफजई नहीं हूं, क्योंकि मैं अपने देश, भारत में स्वतंत्र और सुरक्षित हूं, अपनी मातृभूमि, कश्मीर में, जो भारत का हिस्सा है।'

मीर ने यूके संसद में कहा- 'मैं मलाला यूसुफजई नहीं हूं (I am not a Malala Yousafzai) क्योंकि मैं अपने देश भारत में स्वतंत्र और सुरक्षित हूं अपनी मातृभूमि कश्मीर में, जो भारत का हिस्सा है। मुझे कभी भी भागकर आपके देश में शरण लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। मैं कभी भी मलाला यूसुफजई नहीं बनूंगी, मुझे सोशल मीडिया और अंतरराष्ट्रीय मीडिया के ऐसे सभी टूलकिट सदस्यों पर आपत्ति है, जिन्होंने कभी भारतीय कश्मीर जाने की परवाह नहीं की, लेकिन वहां से उत्पीड़न की कहानियां गढ़ते हैं।

मलाला को स्वात घाटी में एक तालिबान बंदूकधारी ने सिर में गोली मार दी थी

गौर हो कि मलाला यूसुफजई को लड़कियों की शिक्षा पर तालिबान के प्रतिबंध का उल्लंघन करने के बाद 2012 में स्वात घाटी में एक तालिबान बंदूकधारी ने सिर में गोली मार दी थी। हमले के बाद मलाला ब्रिटेन चली गईं और बाद में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में दाखिला लिया। बाद में वह 2014 में नोबेल शांति पुरस्कार पाने वाली सबसे कम उम्र की बनी।

उन्होंने अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर में प्रगति पर प्रकाश डाला

विशेष रूप से, याना मीर को मुख्य भाषण के दौरान जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में विविधता की वकालत करने के लिए विविधता राजदूत पुरस्कार (Diversity Ambassador Award) भी मिला। उन्होंने अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर में प्रगति पर प्रकाश डाला, बेहतर सुरक्षा, सरकारी पहल और धन आवंटन पर जोर दिया।

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रवि वैश्य author

मैं 'Times Now नवभारत' Digital में Assistant Editor के रूप में सेवाएं दे रहा हूं, 'न्यूज़ की दुनिया' या कहें 'खबरों के संसार' में काम करते हुए करीब...और देखें

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