क्या 3,000 से ज्यादा के UPI लेनदेन पर लगेगा चार्ज? सरकार ने किया साफ

UPI charges: हाल ही में एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि सरकार 3,000 रुपये से अधिक के UPI ट्रांजैक्शन पर शुल्क लगाने पर विचार कर रही है। इस खबर के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही लोगों में चिंता बढ़ गई थी कि अब डिजिटल पेमेंट महंगा हो सकता है।

UPI payment

वित्त मंत्रालय ने कहा है कि UPI को बढ़ावा देने के लिए इसे सस्ता और आम जनता की पहुंच में बनाए रखना जरूरी है।

UPI charges 2025: अगर आप रोजाना UPI से भुगतान करते हैं, तो यह खबर आपके लिए राहत की सांस देने वाली है। सरकार ने साफ कर दिया है कि अभी UPI से लेनदेन पर कोई भी शुल्क नहीं लगाया जाएगा। मतलब, चाहे आप 10 रुपये की चाय खरीदें या 10,000 रुपये की शॉपिंग करें- UPI पेमेंट पूरी तरह फ्री रहेगा।

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गलत है सोशल मीडिया दावा

हाल ही में एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि सरकार 3,000 रुपये से अधिक के UPI ट्रांजैक्शन पर शुल्क लगाने पर विचार कर रही है। इस खबर के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही लोगों में चिंता बढ़ गई थी कि अब डिजिटल पेमेंट महंगा हो सकता है। लेकिन अब वित्त मंत्रालय ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि फिलहाल ऐसा कोई प्लान नहीं है।

सरकार का रुख: UPI को बनाना है सस्ता और सबकी पहुंच में

वित्त मंत्रालय ने कहा है कि UPI को बढ़ावा देने के लिए इसे सस्ता और आम जनता की पहुंच में बनाए रखना जरूरी है। सरकार की तरफ से मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) को दोबारा लागू करने की कोई योजना नहीं है। यह वही चार्ज होता है जो दुकानदारों से बैंक या पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर वसूलते हैं।

RuPay क्रेडिट कार्ड यूजर्स के लिए भी राहत

यदि भविष्य में शुल्क लगाने का कोई बदलाव होता भी है, तब भी RuPay क्रेडिट कार्ड से किए गए ट्रांजैक्शन को MDR से छूट मिलती रहेगी। इसका मतलब है कि RuPay कार्ड से पेमेंट करने वालों को किसी प्रकार की चिंता की आवश्यकता नहीं है।

आम लोगों के लिए UPI फ्री रहेगा

फिलहाल UPI के जरिए किए गए सभी ट्रांजैक्शन चाहे व्यक्ति से व्यक्ति हो या दुकानदार को पूरी तरह फ्री हैं। सरकार का उद्देश्य डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहित करना और कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा देना है। भविष्य में सिस्टम को स्थायी बनाने के लिए कुछ बदलाव हो सकते हैं, लेकिन आम लोगों को उससे नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।

UPI बना डिजिटल पेमेंट की रीढ़

देश में जितना डिजिटल पेमेंट होता है, उसका लगभग 80% हिस्सा UPI के जरिए होता है। 2020 से अब तक पर्सन-टू-मर्चेंट UPI लेनदेन का आंकड़ा 60 लाख करोड़ रुपये से भी ऊपर पहुंच गया है। इतने बड़े पैमाने पर हो रहे ट्रांजैक्शनों से जुड़े सिस्टम को बनाए रखने के लिए खर्च भी आता है।

इसी वजह से पेमेंट इंडस्ट्री के कुछ लोग यह सुझाव दे रहे हैं कि केवल बड़े ट्रांजैक्शन पर एक बहुत मामूली शुल्क, जैसे 0.3%, लगाया जा सकता है- जो कि डेबिट/क्रेडिट कार्ड के मुकाबले काफी कम है। फिलहाल कार्ड पेमेंट्स पर 0.9% से लेकर 2% तक का MDR शुल्क लगता है।

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Vishal Mathel author

विशाल मैथिल, टाइम्स नाउ नवभारत ( Timesnowhindi.com) में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर नवंबर 2023 से जुड़ें हैं। इससे पहले वह दैनिक भास्कर, अमर उजाला मध्यप्रद...और देखें

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