Virat Kohli Retirement: विराट ने एक पीढ़ी को टेस्ट क्रिकेट से प्यार करना सिखाया, उनके जोश और जुनून को ये खेल मिस करेगा
Virat Kohli Retirement: भारतीय टेस्ट क्रिकेट में एक कहानी का अंत हो गया है जिसके मुख्य किरदार विराट कोहली थे जो कि अब रेड बॉल के इस खेल को हमेशा के लिए छोड़कर जा रहे हैं। कोहली ने इस कहानी में एंट्री मारते ही इसे ब्लॉकबस्टर बना दिया और अब जब वे इसे छोड़कर जा रहे हैं तो उनके किरदार को ये कहानी भी मिस करेगी।

विराट कोहली संन्यास (फोटो- AP)
Virat Kohli Retirement: कहानी खत्म हुई और ऐसी खत्म हुई कि लोग रोते रह गए वो भी तालियां बजाते हुए। भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज खिलाड़ी विराट कोहली ने जब टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का ऐलान किया तो ऐसा लगा मानो एक महागाथा का अंत हो गया हो जिसे सालों तक याद रखा जाएगा। विराट कोहली टेस्ट क्रिकेट के केवल एक खिलाड़ी नहीं बल्कि इसके सबसे बड़े प्रचारक भी थे जिन्होंने दुनियाभर में इसका क्रेज बढ़ाया। पश्चिम दिल्ली के लड़के का ‘स्वैग’ लेकर भारतीय ड्रेसिंग रूम में दाखिल हुए विराट कोहली क्रिकेट को लेकर अपने असीम जुनून के चलते मौजूदा दौर के महानायक बनकर उभरे और एक पूरी पीढ़ी को क्रिकेट के सबसे पुराने फॉर्मेंट के प्रति प्यार करना सिखा गए।
2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ डेब्यू करने वाली विराट की शुरुआत थोड़ी धीमी रही थी लेकिन 2012 की शुरुआत में जैसे ही उन्होंने एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शतक जड़ा तो इस फॉर्मेंट में अपने आगाज का ऐलान कर दिया। इस शतक के बाद वे नहीं रुके और ऐसे समय में जब द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण और सचिन तेंदुलकर जैसे दिग्गज इस खेल से विदा ले रहे थे तब उन्होंने एक मजबूत भविष्य की नींव रखी। कोहली को 2014 में पहली बार टीम की कमान मिली तो उन्होंने पहले ही मैच में कप्तान के रुप में दोनों पारियों में शतक जड़ दिया और ये साफ कर दिया कि कप्तानी का उन पर कोई दबाव नहीं रहेगा। इसके बाद उन्होंने एक टीम का निर्माण किया और कोच रवि शास्त्री के साथ भारतीय टेस्ट टीम के स्वर्णिम युग की पटकठा रची।
विराट ने देखें कई उतार-चढ़ाव
अपने सीनियर खिलाड़ियों के लिये गोल मटोल ‘चीकू’ से जूनियर खिलाड़ियों के ‘भैया’ तक ‘किंग कोहली’ ने लंबा सफर तय किया है और अपने करियर में काफी उतार चढाव भी देखे ।2006 में अठारह बरस के कोहली ने अपने पिता प्रेम कोहली के निधन की खबर सुनकर भी 90 रन बनाकर दिल्ली को फॉलोआन से बचाया और फिरोज शाह कोटला स्टेडियम से सीधे श्मशान घाट जाकर उनकी अंतिम संस्कार किया। कोहली के इस समर्पण की कहानी जानकर लोगों का उनसे लगाव और भी बढ़ गया और वे उनकी हर पारी को देखने के लिए उत्साहित होने लगे और लोगों का टेस्ट क्रिकेट के प्रति भी झुकाव बढ़ा।
विराट कोहली का टेस्ट में स्वर्णिम युग 2012 से लेकर 2019 तक चला। इसके बाद पिछले पांच सालों में उनके फॉर्म में उतार-चढ़ाव जारी रहा। पिछले पांच सालों में उनका औसत केवल 30 का रह गया। 2022 में उन्होंने कप्तानी छोड़ दी लेकिन इसके बावजूद विराट कोहली का मैदान पर जादू खत्म नहीं हुआ। वे अपने जोश और जुनून से सभी का दिल जीतते रहे उनके फील्ड पर रिएक्शन, विपक्षी खिलाड़ियों से मतभेद, विकेट के बाद सेलिब्रेशन और यहां तक की डांस भी सोशल मीडिया पर वायरल होता रहा और ये गेम भी आगे बढ़ता गया।
ये खेल भी कोहली को मिस करेगा
ऐसे समय में जब एक औसत भारतीय प्रशंसक की तवज्जो एक इंस्टाग्राम रील से भी कम समय के लिये होती है, कोहली ने पिछली और मौजूदा पीढी को टेस्ट क्रिकेट से प्यार करना सिखाया । इंडियन प्रीमियर लीग की जगमगाहट के बीच लोग कोहली को टेस्ट बल्लेबाजी करते देखना चाहते रहे हैं। हालांकि अब जब वे इस फॉर्मेंट को अलविदा कह कर जा रहे हैं तो भारतीय टेस्ट क्रिकेट के एक स्वर्णिम दौर का अंत हो रहा है। भारतीय टीम में अभी भी कई सुपरस्टार खिलाड़ी मौजूद हैं लेकिन कोहली की कमी पूरी करना मुश्किल है। विराट के जाने के बाद अब कौन इस खेल में रुची बढ़ाएगा और फैंस को बांधे रखेगा ये देखना होगा।
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सिद्धार्थ शर्मा, टाइम्स नाउ नवभारत ( Timesnowhindi.com) में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर अक्टूबर 2023 से जुड़ें हैं। इससे पहले वह न्यूज 24 और इन्शॉर्ट्स जैस...और देखें

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