नीतीश कुमार रेड्डी ने एक पारी से अपने पिता के आंसुओं का सारा कर्ज अदा कर दिया

Nitish Kumar Reddy Century: मेलबर्न में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले जा रहे बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच में भारतीय क्रिकेट टीम को उसका नया सितारा मिल गया है। 21 वर्षीय नीतीश कुमार रेड्डी ने शतक जड़कर सभी की जुबां पर अपना नाम ला दिया है। नीतीश के बारे में जानने से पहले उनके सारथी और पिता मुत्याला रेड्डी के संघर्ष को जानना जरूरी है। नीतीश ने आज अपनी पारी से अपने पिता के आंसुओं का सारा कर्ज उतार दिया है।

Nitish Kumar Reddy Father sacrifice

नीतीश कुमार रेड्डी ने शतक से जीत लिया पिता का दिल (फोटो- AP/BCCI/X)

Nitish Kumar Reddy Century: अपनी कहानी में हर कोई खुद हीरो बनना चाहता है, लेकिन पुष्पा और बाहुबली की स्टाइल में सेलिब्रेशन करने वाले भारतीय टीम के युवा सितारे और मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड के शतकवीर नीतीश कुमार रेड्डी की फिल्म में असली हीरो उनके पिता मुत्याला रेड्डी हैं, जिन्होंने अपने बेटे के सपने को साकार करने के लिए अपना सबकुछ न्योछावर कर दिया। जीवन में किसी भी लक्ष्य को हासिल करने के लिए सबकुछ कर गुजरने वाला हौसला किसी को फल की चाहत से और किसी को असफलता से मिलता है,लेकिन नीतीश कुमार रेड्डी के लिए उनके पिता के आंसू ही ऊर्जा का स्त्रोत बन गए, जिन्हें रोता हुआ देखने के बाद इस युवा खिलाड़ी ने भारतीय टीम के लिए खेलने की ठान ली और आज उन्होंने मेलबर्न के खचाखच भरे स्टेडियम में मुश्किल परिस्थिति में खड़ी भारतीय टीम के लिए शतकीय पारी खेल कर उस लक्ष्य को हासिल कर लिया।

नीतीश कुमार रेड्डी ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जा रही बॉर्डर गावस्कर सीरीज में एमसीजी के ऐतिहासिक मैदान पर 171 गेंदों में शतक पूरा कर लिया। ये उनके टेस्ट करियर का पहला शतक था और वो आया भी तब जब टीम को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी। नीतीश के शतक से करोड़ों भारतीय फैंस को गदगद थे, ही लेकिन इन सब में सबसे ज्यादा खुशी और संतुष्टि मेलबर्न मैदान में मौजूद उनके पिता मुत्याला रेड्डी के चेहरे पर दिखाई दी। उनके पास शब्द नहीं थे लेकिन उनके आंसू ही सबकुछ बयां कर रहे थे। यहां तक की भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच रवि शास्त्री भी अपने आंसूओं को बहने से नहीं रोक पाए।

पिता ने दी कुर्बानी

नीतीश कुमार रेड्डी के पिता मुत्याला रेड्डी की कहानी में काफी संघर्षों से भरी हुई है। साल 2016 में उन्होंने अपने बेटे की प्रतिभा को निखारने के लिए हिंदुस्तान जिंक की नौकरी छोड़ दी। यह निर्णय आसान नहीं था। इसके बाद उन्हें परिवार वालों से लेकर समाज में भी आलोचना का सामना करना पड़ा। इसके साथ ही उनकी आर्थिक स्थिति भी खराब हो गई। लेकिन आज नीतीश कुमार रेड्डी ने शतक जड़कर अपने पिता के फैसलों पर सवाल उठाने वाले हर शक्स के मुंह को हमेशा के लिए बंद कर दिया है। शतक जड़ने के बाद जब वे अपने पिता से मिले तो दोनों ने एक दूसरे को ऐसे गले लगाया जैसे इस पल का दोनों को सदियों से इंतजार था। 15 साल पहले दोनों ने मिलकर जो सपना देखा था आज उसकी क्रिकेट के सबसे बड़े मंच पर पूरे होने की शुरुआत हो गई है। जिसका पहला अध्याय नीतीश ने अपने बल्ले से ऐसे स्वर्णिम अक्षरों में लिखा है जिसकी चमक कभी फीकी नहीं पड़ेगी।

पिता को रोते देख मिली कड़ी मेहनत करने की ताकत

नीतीश कुमार रेड्डी ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि वे पहले इतने ज्यादा जिम्मेदार नहीं थे और क्रिकेट को मजे के लिए खेलते थे, लेकिन उनके पिता ने नौकरी छोड़ दी थी और घर चलाना मुश्किल होता जा रहा था। उनके पिता ने एक छोटा सा बिजनेस शुरू किया था लेकिन वो भी डूब गया था। ऐसे खराब हालात में एक दिन उन्होंने अपने पिता को रोते हुए देखा बस इसके बाद उनके अंदर एक अलग ऊर्जा आ गई और उन्होंने अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास करना शुरू कर दिया। आज नीतीश कुमार रेड्डी के शतक के बाद उनके पिता के चेहरे पर जो संतुष्ति और खुशी थी इसे देखकर ये कहा जा सकता है कि नीतीश ने शतकीय पारी से पिता की आंखों से निकले आंसूओं की एक-एक बूंद का हिसाब ब्याज सहित अदा कर दिया है।

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SIddharth Sharma author

सिद्धार्थ शर्मा, टाइम्स नाउ नवभारत ( Timesnowhindi.com) में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर अक्टूबर 2023 से जुड़ें हैं। इससे पहले वह न्यूज 24 और इन्शॉर्ट्स जैस...और देखें

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