9 October 2024 Panchang: पंचांग से जानिए नवरात्रि के सातवें दिन की पूजा का समय, राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त
9 October 2024 Panchang: पंचांग अनुसार 9 अक्टूबर को आश्विन शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि दोपहर 12 बजकर 15 मिनट तक रहेगी इसके बाद सप्तमी तिथि लग जाएगी। जानिए 9 अक्टूबर का पूरा पंचांग।
9 October 2024 Panchang
9 October 2024 Panchang: पंचांग अनुसार 9 तारीख को दोपहर 12 बजकर 15 मिनट से सप्तमी तिथि लग जाएगी। इस तिथि पर मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। इस जिन नक्षत्र मूल रहेगा। जबकि योग सौभाग्य सुबह 6 बजकर 39 मिनट तक इसके बाद शोभन योग लग जाएगा। चंद्र देव धनु राशि में रहेंगे तो सूर्य देव कनया राशि में विराजमान रहेंगे। अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 52 मिनट से दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। अब जानिए आज का पूरा पंचांग।
9 अक्टूबर 2024 पंचांग (9 October 2024 Panchang In Hindi)
संवत---पिङ्गला विक्रम संवत 2081
माह-आश्विन शुक्ल पक्ष
तिथि- खष्ठी 12:15 pm तक फिर सप्तमी
दिवस-बुधवार
सूर्योदय-06:17am
सूर्यास्त-06:01pm
नक्षत्र-- मूल
चन्द्र राशि -- धनु राशि,स्वामी ग्रह-बृहस्पति
सूर्य राशि- कन्या राशि,स्वामी ग्रह -बुध
करण-तैतिल 12:15 pm तक फिर गरज
योग- सौभाग्य 06:39am तक फिर शोभन
9 अक्टूबर 2024 शुभ मुहूर्त (9 October 2024 Shubh Muhurat)
अभिजीत-11:52 am से 12:34 pm तक
विजय मुहूर्त-02:20pm से 03:23 pm तक
गोधुली मुहूर्त--06:20pm से 07:23 pm तक
ब्रम्ह मुहूर्त-4:07m से 05:05am तक
अमृत काल-06:08am से 07:41am तक
निशीथ काल मुहूर्त-रात्रि 11:40से 12:20तक रात
संध्या पूजन-06:24 pm से 07:07pm तक
दिशा शूल- उत्तर दिशा व उत्तर -पूर्व दिशा। इस दिशा में यात्रा से बचें। दिशाशूल के दिन उस दिशा की यात्रा करने से बचते हैं, यदि आवश्यक है तो एक दिन पहले प्रस्थान निकालकर फिर उसको लेकर यात्रा करें।
9 अक्टूबर 2024 राहुकाल
इस दिन राहुकाल दोपहर 12 बजे से 01 बजकर 30 मिनट तक रहेगा।
क्या करें-क्या ना करें- नवरात्रि माता दुर्गा पूजा का आज खष्ठम दिवस है। आज माता कात्यायनी के रूप में माता दुर्गा की उपासना की जाती है। शिव व शक्ति की उपासना करें। दुर्गासप्तशती का पाठ करें। माता के नाम का जप करें। सिद्धिकुंजिकास्तोत्र का 09 पाठ पुण्यदायी है। नवरात्र व्रत का पुण्य अखण्ड है, इस व्रत से जन्म जन्मांतर के पाप नष्ट होते हैं। मनोवांछित फल की प्राप्ति हेतु संकल्प करके दुर्गासप्तशती का पाठ करें या कराएं। बेहतर है कि माता दुर्गा की भक्ति मांगे। यह स्थायी है।भक्ति जन्म जन्मांतर काम आती है। शिव उपासना अवश्य करें। सप्तश्लोकी दुर्गा का 108 या 09 पाठ अवश्य करें। माता दुर्गा के 108 नाम का जप करें। दिन में 12बजकर 15 मिनट के बाद सप्तमी तिथि लग जायेगी। सप्तमी में माता कालरात्रि जी की उपासना की जाती है। माता की किसी भी बात की अवज्ञा मत करें।
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धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें
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