Powerful Women of Ramayana: रामायण काल की 6 शक्तिशाली महिलाएं, जिनके त्याग भक्ति और आस्था ने रचा था इतिहास, जानिए इनके नाम

Powerful Women of Ramayana (रामायण की शक्तिशाली महिलाएं): रामायण सनातन हिंदू धर्म का मूल ग्रंथ है जिसकी रचना महर्षि वाल्मीकि ने की थी। रामायण में ऐसी साहसी और अद्भुत महिलाओं का वर्णन है जिनका तप, त्याग और मनोबल आज भी प्रेरणादायक श्रोत है। चलिए जानते हैं इनके बारे में।

रामायण
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रामायण

महर्षि वाल्मीकि द्वारा लिखे गए रामायण ग्रंथ में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जीवन का उल्लेख मिलता है। अयोध्या के राजमहल से लेकर लंका विजयी होने तक की यात्रा ने श्रीराम को भगवान बना दिया। लेकिन श्रीराम के अलावा रामायण में ऐसी दिव्य महिलाओं का वर्णन मिलता है जिनके बिना ये गाथा अधूरी मानी जाती है।

कैकेयी
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कैकेयी

साहस और शक्ति की मूरत महारानी कैकेयी को रामायण में मुख्यतः विवादित भूमिका में देखा जाता है, लेकिन वो एक वीर और दूरदर्शी महिला थीं। इन्होंने कई युद्ध लड़े थे और महाराज दशरथ की रक्षा की थी और उनका जीवन बचाया था। हालांकि उनका श्रीराम को वनवास देना उनके व्यक्तित्व को नकारात्मक बना देता है।

सीता
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सीता

संयम और सहनशीलता की प्रतीक माता सीता को उनकी पवित्रता, धैर्य और अद्भुत सहनशक्ति के लिए जाना जाता है। स्वयं माता लक्ष्मी का स्वरूप लेकर जन्मी माता सीता ने लंका में रहकर भी अपनी मर्यादा को बनाए रखा और अपने चरित्र की शक्ति से रावण जैसे अहंकारी राक्षस को पराजित किया।

मंदोदरी
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मंदोदरी

लंकापति रावण की पत्नी मंदोदरी एक विदुषी और धर्मपरायण महिला थीं। इन्होंने कई बार रावण को सही मार्ग पर लाने का प्रयास किया और धर्म का पालन करने की सलाह दी लेकिन रावण ने उनकी एक बात नहीं मानी। मंदोदरी को पंच कन्याओं में से एक माना जाता है।

अनसूया
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अनसूया

महर्षि अत्रि की पत्नी अनसूया ने अपने तपोबल से त्रिदेवों (ब्रह्मा, विष्णु और महेश) को बालरूप धारण करने के लिए विवश कर दिया था। उनके पतिव्रत धर्म और महान तपोबल का उल्लेख कई धर्म ग्रंथों में मिलता है जिसमें रामायण भी है।

शबरी
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शबरी

भक्ति और प्रेम की साकार मूर्ति शबरी ने श्रीराम के आगमन की प्रतीक्षा में अपना पूरा जीवन व्यतीत किया था। उनकी भक्ति इतनी निष्काम थी कि उन्होंने प्रेम पूर्वक राम को जूठे बेर खिलाए, जिसे प्रभु श्रीराम ने बड़े प्रेम से ग्रहण किया और उन्हें आशीर्वाद द‍िया।

तारा
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तारा

वानर राज बालि की पत्नी तारा अपनी अद्भुत बुद्धिमत्ता और राजनीतिक सूझबूझ के लि‍ए जानी जाती थीं। इन्होंने बालि को कई बार श्रीराम से युद्ध न करने की सलाह दी थी लेकिन अंत में बालि के अहंकार वध स्‍वंय श्रीराम ने क‍िया था। तारा भी पंच कन्याओं से एक मानी जाती है।

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