फिरोजशाह कोटला कब और किसने बनवाया, यहीं पर फिरोजशाह कोटला मैदान भी है
फिरोजशाह कोटला दिल्ली में आइटीओ के पास यमुना नदी के किनारे बसाया गया किला है। इसी किले के नाम से दिल्ली में फिरोजशाह कोटला मैदान भी है। दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम का फिरोजशाह कोटला मैदान आज यानी बुधवार 9 अक्टूबर को भारत व बांग्लादेश के दूसरे टी20 मैच का होस्ट भी बनेगा।
कहां है फिरोजशाह कोटला
जैसा कि हमने ऊपर बताया फिरोजशाह कोटला दिल्ली आईटीओ के पास यमुना नदी के किनारे, बहादुर शाह जफर मार्ग पर मौजूद है।
कब और किसने बनाया यह किला
फिरोजशाह कोटला को दिल्ली के शासक रहे फिरोज शाह तुगलक ने 1354 में बनाया था। उस समय फिरोज शाह तुगलक ने इस फिरोजाबाद शहर को बसाया था, जो दिल्ली सल्तनत की नई राजधानी थी।
कोटला का क्या मतलब
फिरोजशाह कोटला में फिरोजशाह तो दिल्ली सल्तनत के बादशाह का नाम है, लेकिन कोटला शब्द का अर्थ किले या गढ़ से है। इसलिए इसे फिरोजशाह कोटला कहा जाता है, इसमें किला शब्द नहीं जोड़ा जाता।
दिल्ली सल्तनत पर फिरोजशाह का राज
फिरोज शाह तुगलक 1451 से 1388 तक दिल्ली सल्तनत पर मौजूद रहा। इसी दौरान 1354 में उसने यहां दिल्ली सल्तनत की नई राजधानी बसाई, जिसे फिरोजाबाद कहा गया और आज इस किले को फिरोजशाह कोटला के नाम से जाना जाता है।
अवशेष ही बचे हैं अब
14वीं सदी के इस किले में इतनी सदियों के बाद ज्यादातर बिल्डिंगें और स्ट्रक्चर टूट-फूट चुके हैं। इस दौरान दिल्ली सल्तनत पर मुगलों, मराठों और अंग्रेजों का राज रहा। आज यहां ज्यादातर अवशेष ही बचे हैं। फिरोजशाह कोटला के नाम से क्रिकेट मैदान जरूर यहां पास में ही मौजूद है।
आजादी से पहले फिरोजशाह कोटला
आजादी से पहले देश में ऑडिटोरियम नहीं होते थे, इसलिए ज्यादातर क्लासिकल म्यूजिक परफॉर्मेंस या तो दक्षिण दिल्ली के कुतुब कॉम्प्लेक्स में होते थे या यहां फिरोजशाह कोटला के प्रांगण में।
जवाहरलाल नेहरू भी आए यहां
उस समय NSD प्रमुख इब्राहिम अल्काजी ने धर्मवीर भारती के अंधा युग पर आधारित अपने नाटक का मंचन 1964 में फिरोजशाह कोटला में ही किया और प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू इसे देखने यहां आए थे।
फिरोजशाह कोटला स्टेडियम
फिरोजशाह कोटला स्टेडियम को 1883 में बनाया गया था और फिरोजशाह कोटला ने नाम पर ही इसको यह नाम मिला था। हालांकि, 2019 में स्टेडियम का नाम बदलकर अरुण जेटली स्टेडियम कर दिया गया, लेकिन मैदान का नाम आज भी फिरोजशाह कोटला मैदान है।
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