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Parenting: चर्चा में KBC में आए इशित भट्ट की एक्साइटमेंट, जानें बच्चों को कैसे सिखाएं धैर्य रखना

बड़े मंच पर बच्चों का एक्साइटेड होना बेहद आम है। सामने अगर अमिताभ जैसी शख्सियत हो तो फिर क्या ही कहा जाए। ऐसे में उत्सुकता में बच्चे बहुत कुछ ऐसा कर जाते हैं जो लोगों को सोचने पर मजबूर कर देता है। लेकिन एक बात तो है कि बच्चों को धैर्य रखना सिखाना हर अभिभावक की जिम्मेदारी है।

How to teach Patience to kids

बच्चों को धैर्य रखना कैसे सिखाएं (Photo: iStock)

Parenting Tips: कौन बनेगा करोड़पति (KBC) टीवी का पॉपुलर गेम शो है। हाल ही में शो में अमिताभ बच्चन के सवालों का जवाब देने पहुंचा इशित भट्ट नाम का एक बच्चा। बच्चा शो में काफी एक्साइटेड दिखा। वह इतना ज्यादा एक्साइटेड था कि सवाल के ऑप्शन्स देखने से पहले ही जवाब देने लगता। अपनी उत्सुकता में वह कई बार अमिताभ से भी 'गुस्ताखी' करता दिखा। बहुत से लोगों को बच्चे का यह बिहेवियर अटपटा लगा। हालांकि ऐसे लोग यह भूल रहे हैं कि बच्चों में अति उत्सुकता बहुत आम है। बच्चे का व्यवहार सही था या गलत, इस विमर्श में ना पड़ते हुए बतौर अभिभावक हमारे लिए ये जानना जरूरी है कि बम बच्चों को धैर्य रखना कैसे सिखाएं। उनमें यह समझ विकसित करें कि जब भी हम बड़े मंच या फिर किसी बड़े आदमी से मिलें तो वहां पर हमें कैसे बिहेव करना चाहिए।

बच्चों को धैर्य रखना कैसे सिखाएं (How to Teach Patience to Children)

इंटरनेट रिपोर्ट्स, रिसर्च और तमाम पेरेंटिंग एक्सपर्ट्स की सलाह को पढ़ने के बाद हम आपको यहां कुछ तरीके बता रहे हैं जिससे आप अपने बच्चों को धैर्य से काम लेना सिखा सकते हैं। ये तरीके ना सिर्फ आपके बच्चे के पेशेंस लेवल को बढ़ाएंगे बल्कि उन्हें भविष्य की चुनौतियों के लिए भी तैयार करेंगे:

पेरेंट्स पेश करें उदाहरण

बच्चे सबसे ज्यादा अपने माता-पिता को देखकर सीखते हैं। वह वैसा ही बनेंगे जैसा देखेंगे। तो अगर आप बच्चे को धैर्यवान बनाना चाहते हैं तो पहले आपको खुद के व्यवहार में धैर्य लाना होगा। अगर आप हर छोटी बात में गुस्सा होते हैं या फिर जल्दबाजी दिखाते हैं तो बच्चा भी वैसा ही बिहेवियर अपनाएगा। तो बच्चों के सामने खुद को बतौर उदाहरण पेश करें।

तुरंत पूरी ना करें हर डिमांड

अकसर पेरेंट्स बच्चों की डिमांड तुरंत पूरी कर देते हैं। ये बच्चों को उतावला बनाता है। इसलिए अगर बच्चा कुछ मांगता है तो उसे थोड़ी देर इंतजार कराएं। धीरे-धीरे वह समझने लगेगा कि हर चीज तुरंत नहीं मिलती। यह छोटी सी देरी उसके अंदर धैर्य की भावनाओं को मजबूत करती है।

खेल-खेल में वेट करना सिखाएं

बच्चे को सिखाने का सबसे आसान तरीका खेल-खेल में सिखाने को माना जाता है। तो उसे ऐसे गेम खिलाएं जिसमें वह वेट करना सीखे। जैसे कौन पहले बोलेगा किसकी बारी है आदि। इससे बच्चे मजे में वेट करना सीखते हैं।

गार्डनिंग कराएं

बच्चों को धैर्य सिखाने के लिए गार्डनिंग को भी बेहद कारगर तरीका माना जाता है। पेरेंट्स बच्चों से पौधे लगवाएं। डेली उसमें पानी डलवाएं। बच्चे को बताएं कि इतने दिनों में फूल निकलेंगे या फिर फल लगेंगे। इससे बच्चा डेली इंतजार करता है। पौधों को बड़ा होते देखता है। यह उसमें संयम लाता है।

धैर्य के किस्से-कहानियां सुनाएं

बच्चे कहानियों से बहुत कुछ सीखते हैं। उन्हें धैर्य का महत्व बताने वाली कहानियां सुनाएं। उन्हें ऐसी कहानियां सुनाएं जिसमें धैर्य करने वाला हमेशा दूसरों से आगे रहता है। इससे बच्चा समझेगा कि जीवन में धैर्य रखना कितना जरूरी है।

हमेशा याद रखें कि धैर्य कोई एक दिन में सिखाया जाने वाला गुण नहीं है। यह डेली प्रैक्टिस की चीज है। पेरेंट्स को यह भी समझना होगा कि बच्चों को धैर्य सिखाना कोई रॉकेट साइंस नहीं है। बस ऊपर बताए इन आसान तरीकों को अपनाकर देखें। आपको फर्क साफ दिने लगेगा।

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Suneet Singh
Suneet Singh Author

सुनीत सिंह टाइम्स नाऊ नवभारत डिजिटल में बतौर डिप्टी न्यूज़ एडिटर कार्यरत हैं। टीवी और डिजिटल पत्रकारिता में 13 साल का अनुभव है। न्यूज़रूम में डेस्क पर... और देखें

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