अजित को अपना बताकर क्या शरद पवार ने खेला दांव? 'INDIA' की बैठक से पहले समझें बयान के मायने
Sharad Pawar Vs Ajit Pawar: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता शरद पवार ने अपने बयान से एक बार फिर सियासी सरगर्मी बढ़ा दी है। उन्होंने शुक्रवार को अपने गढ़ बारामती में कहा कि 'महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार एनसीपी के नेता बने रहेंगे और पार्टी में कोई विभाजन नहीं हुआ है।
एनसीपी में हुई है टूट, मामला सुप्रीम कोर्ट में है।
Sharad Pawar Vs Ajit Pawar: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता शरद पवार ने अपने बयान से एक बार फिर सियासी सरगर्मी बढ़ा दी है। उन्होंने शुक्रवार को अपने गढ़ बारामती में कहा कि 'महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार एनसीपी के नेता बने रहेंगे और पार्टी में कोई विभाजन नहीं हुआ है। लोकतंत्र में पार्टी के नेता अलग रुख अपना सकते हैं। अजित ने अलग रुख अपनाया है लेकिन इसे विभाजन नहीं कहा जा सकता।' शरद पवार का यह बयान इसलिए और भी मायने रखता है क्योंकि उनकी बेटी सुप्रिया सुले ने भी गुरुवार को इसी तरह का बयान दिया था।
पवार ने सुप्रिया के बयान को सही बताया
पुणे जिले के बारामती में मीडिया से बातचीत करते हुए सुले ने कहा कि 'अजित पवार ने एक स्टैंड लिया जो कि पार्टी के खिलाफ है। इसकी शिकायत हमने विधानसभा के स्पीकर से की है और हम उनके जवाब का इंतजार कर रहे हैं।' सुले के इस बयान के बारे में पवार से पूछे जाने पर उन्होंने सुले के बयान को सही ठहराया। पवार ने कहा कि कोई यह कैसे कह सकता है कि एनसीपी टूट गई है? अजित पवार हमारी पार्टी के नेता हैं, इस पर कोई सवाल नहीं है।'
'लोकतंत्र में सभी को निर्णय करने का अधिकार'
पवार ने आगे कहा, 'एक राजनीतिक पार्टी में टूट या विभाजन का मतलब क्या होता है? विभाजन तब होता है जब पार्टी का एक बड़ा धड़ा राष्ट्रीय स्तर पर अलग हो जाता है लेकिन एनसीपी में ऐसी कोई नहीं हुई है। कुछ लोग पार्टी छोड़ देते हैं और कुछ अलग रुख अपना लेते हैं...लोकतंत्र में सभी को निर्णय लेने का अधिकार है।' बता दें कि अजित पवार गत दो जुलाई को एनसीपी के आठ अन्य विधायकों के साथ एकनाथ-फड़णवीस सरकार में शामिल हो गए। एनसीपी की यह टूट का मामला सुप्रीम कोर्ट में है।
मुंबई में होनी है 'INDIA' की बैठक
भतीजे अजित पवार के बारे में एनसीपी नेता के इस बयान को 'INDIA' की होने वाली आगामी बैठक से जोड़कर देखा जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस टूट के बावजूद शरद पवार राष्ट्रीय राजनीति में खुद को कमजोर नहीं दिखाना चाहते। राजनीति में माहिर मराठा छत्रप एक तीर से कई निशाने साधने के लिए जाने जाते हैं। मुंबई में 31 अगस्त एवं एक सितंबर को 'INDIA' की बैठक होनी है। जाहिर है कि अजित पवार के जाने से पार्टी में उनकी स्थिति कमजोर हुई है। पवार को पता है कि कमजोर होकर वह 'INDIA' के साथ सीटों का मोलभाव नहीं कर पाएंगे। इसलिए वह एनसीपी को एकजुट दिखाने की कोशिश कर रहे हैं।
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