राहत की खबर! दिल्ली AIIMS का सर्वर हुआ बहाल, लेकिन अभी मैनुअल मोड पर चलेंगी सभी सेवाएं

दिल्ली AIIMS पर 23 नवंबर को एक सायबर अटैक हुआ। ये अटैक इतना बड़ा था कि 7 दिन हो गए मगर अब भी AIIMS की ई अस्पताल सेवाएं बहाल नहीं हो पाई हैं। लेकिन अब खबर आ रही है कि सर्वर बहाल हो गया है। लेकिन कुछ दिनों तक सभी सेवाएं मैनुअल मोड पर चलती रहेंगी।

मुख्य बातें
  • सर्वर हैकिंग मामले की जांच NIA करेगी।
  • साइबर आतंकवाद के एंगल से जांच होगी।
  • NIA की एक टीम ने एम्स का दौरा किया।

दिल्ली एम्स का सर्वर बहाल हो गया है। सिस्टम हैक के एक हफ्ते बाद डाटा हासिल करने की सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है। दिल्ली एम्स में सभी सर्विसेज मैनुअल मोड पर चलती रहेंगी। AIIMS में सर्वर हैकिंग मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय भी एक्शन में है। सूत्रों के मुताबिक, MHA में इस संबंध में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई है। इसमें IB के सीनियर अधिकारी, AIIMS एडमिनिस्ट्रेशन, NIC, NIA के सीनियर अधिकारी, दिल्ली पुलिस और MHA के सीनियर अधिकारी समेत दूसरे अफसरों के बीच इस मामले पर चर्चा हुई। इस मामले में 2 सिस्टम एनलिस्ट को सस्पेंड किया गया है।

सूत्रों के मुताबिक ई हॉस्पिटल का डाटा रीस्टोर कर लिया गया है। सेवाओं को बहाल करने से पहले नेटवर्क को सैनिटाइज किया जा रहा है। साइबर सुरक्षा के लिए उपाय भी किए जा रहे हैं। आउटपेशेंट इन-पेशेंट, लैब समेत सभी अस्पताल सेवाएं मैनुअल मोड पर चलती रहेंगी। जांच एजेंसियों के कहने पर एम्स में इंटरनेट सर्विस को रोका गया है। IFSO ने फिरौती और साइबर टेरेरिज्म को लेकर केस दर्ज किया है। NIA आतंकी एंगल से इस मामले की जांच करेगी। बता दें AIIMS दिल्‍ली के सर्वर पर देश की सभी बड़ी और नामचीन हस्तियों के मेडिकल रिकॉर्ड और अन्‍य जानकारियां हैं।

23 नवंबर को दिल्ली AIIMS पर एक सायबर अटैक हुआ। ये अटैक इतना बड़ा था कि 7 दिन बीतने को आए हैं मगर अब भी AIIMS की ई अस्पताल सेवाएं बहाल नहीं हो पाई हैं। करोड़ों मरीजों का डाटा AIIMS के सर्वर में है। इसमें शुरुआती जांच में आतंकी कनेक्शन सामने आ रहा है। अगर ये सही है तो एक बड़ी चुनौती सुरक्षा एजेंसियों का आगे इंतजार कर रही है।

AIIMS में 4 करोड़ मरीजों के डाटा पर आतंक का साया पड़ चुका है। अब तक जिसे रैनसमवेयर जैसा एक आम सायबर अटैक समझा जा रहा था। उसकी कड़ी सायबर टेररिजम से जुड़ती दिख रही है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि, NIA ने अपनी शुरुआती जांच में इस घटना को सायबर टेररिजम माना है। और इसी एंगल से आगे की जांच में भी जुट गई है।

ये सायबर अटैक सामान्य नहीं है। इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि गृह मंत्रालय को हाईलेवल मीटिंग बुलानी पड़ी। करीब डेढ़ घंटे तक जांच की दिशा पर मंथन हुआ। इस हाईलेवल मीटिंग में गृह मंत्रालय के बड़़े अधिकारी, NIA के बड़े अफसर, IB के सीनियर अधिकारी, IT मंत्रालय के अधिकारी, AIIMS प्रशासन, NIC के अधिकारी, दिल्ली पुलिस की सायबर क्राइम यूनिट IFSO के अधिकारी और कंप्यूर इमरजेंसी रिस्पांस टीम यानी CERT के अधिकारी मौजूद रहे।

इन सबके बीच NIA ने दिल्ली AIIMS का दौरा कर रैनसमवेयर अटैक की जांच की। जबकि, 23 नवंबर से अब तक यानी करीब 7 दिन तक हैकर्स के शिकंजे में रहने के बाद आखिरकार AIIMS में ई अस्पताल का डाटा फिर से सर्वर पर आ चुका है। AIIMS प्रशासन के मुताबिक सर्वर रिस्टोर हो गए हैं। 50 में से 20 सर्वर की स्कैनिंग हो चुकी है। एक्सपर्ट्स की टीम बाकी के सर्वर को सैनिटाइज कर रही है। 5 हजार सिस्टम में दोबारा एंटीवायरस डाला जा रहा है। इस पूरी प्रक्रिया में करीब पांच और दिन लग सकते हैं। इसके बाद ही ई अस्पताल सेवाएं शुरू हो सकेंगी। वहीं AIIMS प्रशासन ने वहीं, लापरवाही के आरोप में दो सीनियर सिस्टम एनालिस्ट को सस्पेंड कर दिया।

सिस्टम रिस्टोर होने तक कामकाज मैनुअली जारी रहेगा। मगर इसकी वजह से अस्पताल की OPD और IPD में आने वाले मरीजों को काफी परेशानी आ रही है। एम्स के सर्वर में पूर्व प्रधानमंत्रियों, मंत्रियों, बड़े अफसरों, जजों समेत कई वीआईपी का डाटा स्टोर है। लिहाजा, अगर ये जानकारी आतंकियों के हाथ लगी तो वो बड़ी साजिश को अंजाम दे सकते हैं। यही वजह है कि, NIA इस मामले की पूरी तह तक जाने की कोशिश कर रही है।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल author

अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। अपने न्यूज चैनल टाइम्स नाउ नवभारत की सोच ए...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited