Tirupati Laddu Row: 'उस रेट में गाय का शुद्ध घी खरीदा ही नहीं जा सकता', TTD के अधिकारी ने कम कीमत पर उठाए सवाल
Tirupati Laddu Row: तिरूमाला तिरूपति देवस्थान (टीटीडी) के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर शामला राव ने कहा कि उन्होंने जब टीटीडी का पद संभाला तो मंदिर के लड्डुओं के लिए खरीदे जाने वाले घी और लड्डू की गुणवत्ता पर मुख्यमंत्री ने चिंता जाहिर की। लड्डू की गुणवत्ता के साथ किसी तरह का समझौता या खोट लड्डू को 'अपवित्र' करने जैसा माना जाता है।'
तिरूपत मंदिर के लड्डुओं में पशु चर्बी मिलाने पर बवाल।
मुख्य बातें
- तिरूपति मंदिर के लड्डुओं में पशु चर्बी मिलने पर मच गया है बवाल
- टीटीडी के अधिकारी ने कहा कि सूअर, भैंस की चर्बी मिलने की पुष्टि
- मंदिर अब अपना लैब तैयार करेगा, घी के सैंपल की होगी जांच
Tirupati Laddu Row: तिरूपति मंदिर के लड्डुओं में पशुओं की चर्बी के इस्तेमाल का मामला काफी गरमा गया है। श्रद्धालुओं में गुस्सा तो है ही, मामला राजनीतिक होता जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ से इस मामले का संज्ञान लेने की अपील की गई है। इस बीच, तिरूमाला तिरूपति देवस्थान (टीटीडी) के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर शामला राव ने कहा कि उन्होंने जब टीटीडी का पद संभाला तो मंदिर के लड्डुओं के लिए खरीदे जाने वाले घी और लड्डू की गुणवत्ता पर मुख्यमंत्री ने चिंता जाहिर की। लड्डू की गुणवत्ता के साथ किसी तरह का समझौता या खोट लड्डू को 'अपवित्र' करने जैसा माना जाता है।'
सीएम चाहते थे कि मैं कदम उठाऊं-राव
राव ने आगे कहा कि 'मुख्यमंत्री चाहते थे कि गाय का शुद्ध घी खरीदने सहित इस मंदिर की पवित्रता बनाए रखने के लिए मैं कदम उठाऊं। सीएम की इच्छा के मुताबिक हमने काम करना शुरू किया। हमने पाया कि घी में मिलावट परखने के लिए मंदिर के पास अपनी कोई प्रयोगशाला नहीं है। बाहर के प्रयोगशाला में भी घी की गुणवत्ता जांचने की कोई व्यवस्था नहीं है।'
'इस कीमत में गाय का शुद्ध घी नहीं मिल सकता'
राव ने कहा, 'मंदिर के घी का टेंडर पाने के लिए कारोबारी जो रेट दे रहे थे, वह व्यावहारिक नहीं था। उनका रेट इतना कम था कि कोई भी यह कह सकता है कि इस कीमत में गाय का शुद्ध घी नहीं मिल सकता। इसके बाद हमने घी की आपूर्ति करने वाले सभी आपूर्तिकर्ताओं को चेतावनी जारी कि यदि उनका घी लैब टेस्ट में पास नहीं हुआ तो उन्हों काली सूची में डाल दिया जाएगा। हमने घी के सभी नमूनों को जांच लिए लैब भेजा। यह सरकारी लैब है। इस लैब से रिपोर्ट आ गई है और यह रिपोर्ट चौंकाने वाली है।'
'सैंपल में मिलावट पाई गई'
राव ने बताया कि लैब से जो रिपोर्ट आई है उसके मुताबिक घी के सैंपल में मिलावट पाई गई। इसमें वेजिटेबल ऑयल और पशुओं की चर्बी की मिलाई गई है। सैंपल में सूअर की चर्बी, पॉम ऑयल, भैंस की चर्बी, मछली के तेल, अंगूर के बीज और तीसी के तेल की मिलावट पाई गई। इस घी को इन सभी के मिश्रण से तैयार किया गया था। दरअसल, शुद्ध दूध के फैट 95.68 से 104.32 के बीच होना चाहिए लेकिन हमारे घी के सभी सैंपल की वैल्यू 20 के आसपास थी।
'हम अपना खुद का लैब बनाएंगे'
उन्होंने कहा, 'इसका मतलब मंदिर में लड्डू के लिए जो घी मंगाया गया उसमें काफी मिलावट थी। मिलावट की बात सामने आने के बाद हमने आपूर्तिकर्ताओं को ब्लैकलिस्ट करना शुरू किया। हम उन पर जुर्माना भी लगा रहे हैं। घी की गुणवत्ता बेहतर करने के लिए हमने एक्सपर्ट की एक कमेटी बनाई है। अब घी सैंपल का टेस्ट पास करने वाले आपूर्तिकर्ता मिल गए हैं। एक्सपर्ट कमेटी ने हमसे खुद का लैब तैयार करने के लिए कहा है। इस समस्या का समाधान आगे कर लिया जाएगा।'
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