पहलगाम आतंकी हमले पर सियासी संग्राम: समर्थन भी, सवाल भी

पहलगाम आतंकी हमले ने एक बार फिर देश की सुरक्षा व्यवस्था और राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।

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पहलगाम आतंकी हमले पर सियासी संग्राम: समर्थन भी, सवाल भी

नई दिल्ली: पहलगाम आतंकी हमले ने एक बार फिर देश की सुरक्षा व्यवस्था और राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। हमले के बाद केंद्र सरकार ने सभी दलों के साथ एक ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई थी, जिसमें कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियों ने सरकार को समर्थन देने का आश्वासन दिया। लेकिन इस समर्थन के साथ-साथ विपक्ष ने सरकार को घेरने की रणनीति भी बनानी शुरू कर दी है।

सूत्रों के मुताबिक, विपक्षी दल पहलगाम हमले पर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रहे हैं। जल्द ही विपक्षी पार्टियां सरकार को इस संबंध में एक संयुक्त पत्र भी लिखने जा रही हैं। विपक्ष का कहना है कि ऐसे गंभीर हमले पर विस्तृत चर्चा और जवाबदेही तय करना बेहद जरूरी है।

वहीं, कांग्रेस ने सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार से कई तीखे सवाल पूछे हैं:

1. आखिर सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक कैसे हुई?

2. इंटेलिजेंस एजेंसियों की विफलता का जिम्मेदार कौन है?

3. आतंकी बॉर्डर पार कर भारतीय सीमा के अंदर तक कैसे पहुंचे?

4. 28 नागरिकों की मौत के लिए कौन जिम्मेदार है?

5. क्या इस हमले की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए गृहमंत्री इस्तीफा देंगे?

6. क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस हमले की ज़िम्मेदारी लेंगे?

कांग्रेस ने एक बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से अब तक जम्मू-कश्मीर में कुल 51 आतंकी हमले हो चुके हैं। इन हमलों में 35 जवान शहीद हुए हैं, जबकि 56 आम नागरिकों की भी जान गई है। पार्टी का कहना है कि सरकार आतंकवाद पर काबू पाने में नाकाम रही है, और इसके चलते आम लोगों की जान जोखिम में पड़ी हुई है।

गौरतलब है कि पहलगाम हमला देशभर में आक्रोश का कारण बना है। सरकार ने हमले के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिया है, वहीं विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार से पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग कर रहा है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि विपक्ष के दबाव के बीच सरकार क्या कदम उठाती है और क्या वाकई इस मुद्दे पर संसद का विशेष सत्र बुलाया जाता है या नहीं।

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रंजीता झा author

13 साल के राजनीतिक पत्रकारिता के अनुभव में मैंने राज्य की राजधानियों से लेकर देश की राजधानी तक सियासी हलचल को करीब से देखा है। प्लांट की गई बातें ख़बरे...और देखें

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