'मिजोरम में इंदिरा गांधी ने अपने ही लोगों पर कराया हवाई हमला', जानें 1966 की वह घटना जिसका PM ने किया जिक्र
बता दें कि मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) के अलगाववादियों के विद्रोह से निपटने के लिए इंदिरा गांधी ने वायु सेना को उतार दिया था। वायु सेना के विमानों ने आइजोल में बमबारी की। इस बमबारी में निर्दोष नागरिक मारे गए। इस बमबारी पर सवाल उठाते हुए पीएम ने लोकसभा में पूछा कि 5 मार्च 1966 को कांग्रेस ने मिजोरम के नागरिकों पर वायु सेना से हमले कराए।
पांच मार्च 1966 को आइजोल पर वायु सेना ने बम गिराए।
Mizoram Air Strike : अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कांग्रेस पर करारा प्रहार किया। चर्चा का जवाब देते हुए उन्होंने पुराने फैसलों के लिए कांग्रेस को कठघरे में खड़ा किया। खासकर पूर्वोत्तर राज्यों को लेकर उसकी नीतियों एवं फैसलों पर उन्होंने सवाल खड़े किए। प्रधानमंत्री ने कहा कि '5 मार्च 1966 को कांग्रेस ने मिजोरम में असहाय लोगों पर वायुसेना से हमला करवाया। क्या मिजोरम के लोग भारत के नागरिक नहीं थे? यहां के निर्दोष नागरिकों पर कांग्रेस ने हमला करवाया था। आज भी पांच मार्च को पूरा मिजोरम शोक मनाता है। कांग्रेस ने इस सच को छिपाया, कभी घाव भरने की कोशिश नहीं की। इस वक्त इंदिरा गांधी पीएम थीं।'
MNF ने किया था विद्रोह
बता दें कि मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) के अलगाववादियों के विद्रोह से निपटने के लिए इंदिरा गांधी ने वायु सेना को उतार दिया था। वायु सेना के विमानों ने आइजोल में बमबारी की। इस बमबारी में निर्दोष नागरिक मारे गए। इस बमबारी पर सवाल उठाते हुए पीएम ने लोकसभा में पूछा कि 5 मार्च 1966 को कांग्रेस ने मिजोरम के नागरिकों पर वायु सेना से हमले कराए। कांग्रेस को बताना चाहिए कि क्या यह किसी दूसरे देश की वायु सेना थी? क्या मिजोरम के लोग इस देश का हिस्सा नहीं थे? क्या इन लोगों की सुरक्षा भारत सरकार की जिम्मेदारी नहीं थी?'
कांग्रेस ने सच छिपाया-पीएम
पीएम ने कहा, 'आज भी मिजोरम के लोग पांच मार्च को इस हमले का शोक मनाते हैं। कांग्रेस ने इन लोगों के घावों को भरने की कभी कोशिश नहीं की। इस पार्टी ने देशवासियों से इस सच को छिपाए रखा। इस हमले के समय कौन शासन कर रहा था? इंदिरा गांधी।'
मिजो हिल्स असम का हिस्सा था
1960 के दशक में मिजो हिल्स असम का हिस्सा था। इसी साल असम सरकार ने असमिया भाषा को राजकीय भाषा घोषित कर दिया। यानी जिसे असमिया भाषा नहीं आती उन्हें सरकारी नौकरी नहीं मिल सकती थी। मिजो लोग इसका विरोध करने लगे।1961 में लालडेंगा के नेतृत्व में MNFबना। साल 1964 में असमिया भाषा लागू होने की वजह से असम रेजिमेंट ने अपनी सेकेंड बटालियन को बर्खास्त कर दिया। इसमें अधिकतर मिजो लोग थे। इससे मिजो हिल्स के लोगों में नाराजगी बढ़ी फिर MNF हिंसा पर उतर आया।
ऑपरेशन जेरिको लॉन्च किया
रिपोर्टों की मानें तो एमएनएफ के विद्रोहियों ने 28 फरवरी 1966 को ऑपरेशन जेरिको लॉन्च किया। इसका उद्देश्य मिजोरम से भारतीय सेना को खदेड़ना था। एमएनएफ के विद्रोहियों ने असम राइफल के कई ठिकानों पर हमले किए। यही नहीं एक मार्च को एमएनएफ ने मिजोरम की स्वतंत्रता की घोषणा कर दी। एमएनएफ के इस विद्रोह को देखते हुए असम सरकार ने भारतीय सेना की मदद मांगी।
इंदिरा गांधी ने IAF को उतारा
हालात को बिगड़ता देख तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने वहां वायु सेना भेजने का फैसला किया। इसके बाद वायु सेना के चार लड़ाकू विमान आइजोल पर मंडराने लगे और विद्रोहियों पर बम गिराए। वायु सेना की यह बमबारी 13 मार्च तक हुई। सेना की बमबारी से घबराकर एमएनएफ के विद्रोही भागकर म्यांमार एवं पूर्वी पाकिस्तान चले गए। कहा जाता है कि वायु सेना की इस बमबारी में 13 नागरिकों की मौत हुई और आइजोल के चार प्रमुख इलाके रिपब्लिक वेंग, मेइच्छे वेंग, डावरपुइ वेंग और छिंगा वेंग पूरी तरह से नष्ट हो गए।
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