बिहार के लोग पहले शाम के बाद घर से बाहर निकलने से डरते थे, नीतीश ने बोला आरजेडी पर हमला, बीजेपी की तारीफ की

नीतीश ने कहा, जब 2005 में हमने सत्ता संभाली थी, तब क्या स्थिति थी? खराब कानून-व्यवस्था के कारण लोग शाम ढलने के बाद घर से बाहर निकलने से डरते थे। और आज देखिए कि हालात क्या हैं।

nitish kumar

नीतीश कुमार का आरजेडी पर निशाना

Nitish Kumar Attacks RJD: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को अपने धुर विरोधी लालू प्रसाद की पार्टी आरजेडी पर एक बार फिर हमला बोला। उन्होंने दावा किया कि पहले राज्य के लोग शाम ढलने के बाद घर से बाहर निकलने से डरते थे। नीतीश संत रविदास जयंती के अवसर पर आयोजित एक समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने विपक्षी पार्टी पर निशाना साधा और अपने मौजूदा सहयोगी भाजपा की तारीफ की। उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा, क्या हमसे पहले सत्ता में रहने वालों ने कुछ किया? जो कुछ भी हुआ है, वह सब हमने किया है। मंच पर केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा बैठे थे। ये सभी भाजपा से हैं।

नीतीश ने आरजेडी के साथ गठबंधन को याद किया

नीतीश ने कहा, जब 2005 में हमने सत्ता संभाली थी, तब क्या स्थिति थी? खराब कानून-व्यवस्था के कारण लोग शाम ढलने के बाद घर से बाहर निकलने से डरते थे। और आज देखिए कि हालात क्या हैं। लड़के-लड़कियां रात 11 बजे तक सड़कों पर देखे जा सकते हैं। नीतीश कुमार ने राजद के साथ गठबंधन को भी याद किया, जो दोनों ही मौकों पर दो साल से भी कम समय तक चला। उन्होंने दावा किया कि मेरे अपने कुछ लोगों ने उन्हें गठबंधन के लिए प्रेरित किया था।

जद(यू) अध्यक्ष ने कहा, लेकिन मुझे जल्द ही एहसास हो गया कि इन लोगों (आरजेडी) का लोगों के लिए काम करने का कोई इरादा नहीं है और मैं उनके साथ काम नहीं कर पाऊंगा। इसलिए मैंने इसे खत्म कर दिया। गौरतलब है कि नीतीश कुमार का आरजेडी के साथ पहला गठबंधन 2015 में हुआ था और इसके बाद बने 'महागठबंधन' ने विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की थी। हालांकि, 2017 तक नीतीश कुमार तत्कालीन डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का नाम मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आने से परेशान हो गए। नीतीश ने नाराजगी में इस्तीफा दे दिया, लेकिन उन्हें भाजपा से समर्थन का प्रस्ताव मिला, जिसे उन्होंने कुछ साल पहले नरेंद्र मोदी के साथ मतभेदों के कारण छोड़ दिया था।

2022 में बीजेपी को दिया झटका

2022 में नीतीश कुमार को संदेह था कि भाजपा जद(यू) को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही है, जिसे दो साल पहले हुए विधानसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा था, जब एनडीए के एक अन्य सहयोगी चिराग पासवान ने उनके खिलाफ खुलेआम विद्रोह किया था। भाजपा पर अपने पूर्व करीबी सहयोगी आरसीपी सिंह की मदद से जद(यू) को तोड़ने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए नीतीश कुमार महागठबंधन में चले गए।

इंडिया गठबंधन के गठन में निभाई अहम भूमिका

उन्होंने देश भर से भाजपा के विरोधी नेताओं को लाने में अहम भूमिका निभाई, जिसके परिणामस्वरूप इंडिया ब्लॉक का गठन हुआ। हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनावों से कुछ महीने पहले, उनका नए गठन से मोहभंग हो गया और वे एनडीए में लौट आए। संसदीय चुनावों में एनडीए में उनकी लोकप्रियता बढ़ी, क्योंकि भाजपा बहुमत से चूक गई और सत्ता में बने रहने के लिए जेडी(यू) और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी जैसे सहयोगियों पर निर्भर हो गई।

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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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