Nipah Alert: केरल में निपाह का खतरा बढ़ा, एक और मौत; सतर्क हुआ कर्नाटक, लोगों को न जाने की दी सलाह

Nipah Alert: केरल में निपाह वायरस के मद्देनजर पड़ोसी राज्य कर्नाटक ने इस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सीमावर्ती जिलों में सतर्कता बढ़ा दी है। कर्नाटक सरकार ने दक्षिण कन्नड़ और पड़ोसी राज्य की सीमा से लगे जिलों के अधिकारियों को बुखार निगरानी मजबूत करने का निर्देश दिया है।

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केरल में निपाह वायरस का केस मिलने के बाद कर्नाटक ने जारी किया सर्कुलर (फोटो- PTI&ANI)

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ डिजिटल

Nipah Alert: केरल में निपाह वायरस का खतरा बढ़ता जा रहा है। अब तक निपाह वायरस के 5 मामले सामने आ चुके हैं। जिसमें से तीन लोगों की मौत हो गई है। कुछ संदिग्ध मरीज भी मिले हैं। वहीं इस वायरस को खतरे को देखते हुए केरल के पड़ोसी राज्य भी सतर्क हो गए हैं। कर्नाटक ने अपने नागरिकों को केरल नहीं जाने की सलाह दी है।

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कर्नाटक सतर्क

केरल में निपाह वायरस के मद्देनजर पड़ोसी राज्य कर्नाटक ने इस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सीमावर्ती जिलों में सतर्कता बढ़ा दी है। कर्नाटक सरकार ने दक्षिण कन्नड़ और पड़ोसी राज्य की सीमा से लगे जिलों के अधिकारियों को बुखार निगरानी मजबूत करने का निर्देश दिया है। कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग ने राज्य पुलिस से जिलों में प्रवेश करने वाले मालवाहक वाहनों का निरीक्षण करने और फलों की भी जांच करने को कहा है। इसके अलावा, अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को तुरंत बुखार सर्वेक्षण करने के लिए कहा गया है।

सर्कुलर जारी

केरल में निपाह के मामलों को देखते हुए, कर्नाटक सरकार ने एक सर्कुलर जारी किया है। सर्कुलर में लोगों को कहा गया है कि लोग केरल के प्रभावित क्षेत्रों में अनावश्यक यात्रा से बचें। साथ ही कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग ने केरल के सीमावर्ती जिलों (कोडागु, दक्षिण कन्नड़, चामराजनगर और मैसूर) के एंट्री प्वाइंट पर निगरानी तेज कर दी है।

केरल में निपाह

केरल क कोझिकोड में निपाह वायरस से संक्रमण के पांच मामलों की पुष्टि हुई है। पांच मरीजों में से 3 की मौत हो चुकी है। निपाह के प्रकोप के मद्देनजर आईसीएमआर ने इससे निपटने के लिए राज्य के आग्रह पर ‘एंटीबॉडी’ उपलब्ध करा दी है। राज्य को संदिग्ध संक्रमितों के नमूनों की जांच के लिए एक सचल प्रयोगशाला भी भेजी गई है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने बृहस्पतिवार को कोझिकोड में ‘मोनोक्लोनल एंटीबॉडी’ की आपूर्ति की। वायरस से संक्रमित लोगों का इलाज करने के लिए एंटीवायरल ही सरकार के पास उपलब्ध एकमात्र विकल्प है, हालांकि इसकी प्रभावकारिता अभी तक चिकित्सकीय रूप से सिद्ध नहीं हुई है। यह चौथी बार है जब राज्य में इस वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है। 2018 और 2021 में कोझिकोड में और 2019 में एर्नाकुलम में भी इस वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई थी।

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शिशुपाल कुमार author

पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक अपनी समझ विकसित की है। जिसमें कई सीनियर सं...और देखें

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