आज खत्म हो रहा संसद सत्र, पास करने होगा ये अहम बिल, 10 प्वाइंट में जानिए अब तक क्या-क्या हुआ

अविश्वास प्रस्ताव के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी, गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री मोदी के भाषण में रहे। इस दौरान क्या-क्या हुआ 10 प्वाइंट में समझें।

Pariiament Modi Rahul

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Parliament Monsoon Session: संसद का मानसून सत्र आज समाप्त हो रहा है। इस सत्र के दौरान विपक्ष के विरोध का केंद्र मणिपुर में हिंसा रही, जिसके कारण कई व्यवधान हुए और अविश्वास मत भी असफल रहा। अविश्वास प्रस्ताव के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी, गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री मोदी के भाषण में रहे। गुरुवार को कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी को उनके बर्ताव के चलते लोकसभा से निलंबित भी किया गया। वहीं, सत्र के दौरान एक अहम बिल भी पेश किया गया जिसमें चुनाव आयुक्तों का चुनाव करने वाले पैनल से सीजेआई को हटाने का प्रावधान है। 10 प्वाइंट में समझें कि इस सत्र में क्या-क्या अहम रहा।

  • अधीर रंजन चौधरी के लोकसभा से निलंबन और राज्यसभा में अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए विपक्षी नेता आज सुबह 10 बजे मिलेंगे। लोकसभा में कांग्रेस के नेता चौधरी को मंत्रियों को परेशान करने के आरोप में कल निलंबित कर दिया गया था।
  • राज्यसभा में गतिरोध जारी है क्योंकि विपक्ष नियम 267 के तहत मणिपुर पर लंबी चर्चा की अपनी मांग पर अड़ा हुआ है, जबकि केंद्र नियम 176 के तहत केवल छोटी चर्चा के लिए सहमत हुआ है। राज्यसभा के सभापति ने दोनों पक्षों से इस मुद्दे को सुलझाने का अनुरोध किया है ताकि चर्चा हो सके।
  • केंद्र ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो और घुड़दौड़ के लिए 28% माल और सेवा कर (जीएसटी) लगाने के लिए लोकसभा में एक कानून लाने के लिए तैयार है।
  • सरकार ने कल उस अविश्वास प्रस्ताव को हरा दिया जो विपक्ष ने मणिपुर में हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने के लिए लाया था। विपक्षी सांसद पीएम के भाषण के बीच से ही बाहर चले गए।
  • पीएम मोदी ने कल अविश्वास बहस के दौरान संसद को संबोधित किया, मणिपुर पर राजनीतिक खेल खेलने की कोशिश के लिए विपक्ष पर निशाना साधा और आश्वासन दिया कि देश हिंसा प्रभावित राज्य के साथ खड़ा है। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने इस सत्र में महत्वपूर्ण विधेयकों पर कोई चर्चा नहीं होने देकर लोगों को धोखा दिया है।
  • लोकसभा में उनका दो घंटे का संबोधन एक आभासी चुनाव अभियान था जिसमें उन्होंने अविश्वास प्रस्तावों का मजाक उड़ाते हुए कहा कि यह उनके लिए भाग्यशाली है क्योंकि ये विपक्ष के लिए परीक्षा बन जाते हैं। उन्होंने 2028 में एक और अविश्वास प्रस्ताव की भी भविष्यवाणी की और कहा कि यह 2029 में जीत का मार्ग प्रशस्त करेगा।
  • मानसून सत्र को मोदी उपनाम मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक लगाए जाने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्य के रूप में वापसी से भी जाना गया। राहुल गांधी ने बुधवार को अविश्वास बहस के दौरान संसद को संबोधित किया और मोदी सरकार को निशाने पर लिया।
  • केंद्र एक ऐसा कानून लाने जा रहा है जिससे न्यायपालिका के साथ नए सिरे से टकराव शुरू होने की संभावना है। मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) विधेयक, 2023, गुरुवार को राज्यसभा में पेश किया गया, जो भारत के मुख्य न्यायाधीश को देश के शीर्ष चुनाव अधिकारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया से बाहर कर देगा।
  • संसद ने इस सत्र में एक महत्वपूर्ण कानून को मंजूरी दे दी जो राष्ट्रीय राजधानी में अधिकारियों की पोस्टिंग और स्थानांतरण पर दिल्ली सरकार से नियंत्रण हटा देता है। यह विधेयक केंद्र सरकार द्वारा पहले लागू किए गए अध्यादेश का स्थान लेता है।
  • एक और कानून लाया गया जिसमें डेटा उल्लंघनों के लिए भारी जुर्माना लगाने का प्रावधान है। गोपनीयता संबंधी चिंताओं के बावजूद इस सत्र में संसद की बाधा दूर हो गई। डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (डीपीडीपी) विधेयक में डेटा उल्लंघनों के लिए 250 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान शामिल है।
पीएम मोदी ने विपक्ष को घेरा

गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अविश्वास प्रस्ताव पर विपक्ष को जमकर घेरा। लोकसभा में उनके भाषण से ये संकेत तो सबको साफ मिल गए, मगर उन्होंने इसके साथ ही आगामी चुनावों के लिए नैरेटिव सेट करने का पुरजोर प्रयास किया। सवा दो घंटे से अधिक समय (लगभग 132 मिनट्स) के अपने संबोधन के दौरान उन्होंने जिस कदर विरोधियों को पानी पी-पीकर कोसा उसने राजनीतिक गलियारों में स्पष्ट संदेश दिया कि उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव का नैरेटिव बदलने की पूरी कोशिश की। पीएम ने चुन-चुनकर एक-एक मसले पर अपनी बात रखी। फिर चाहे वह अविश्वास प्रस्ताव हो, विवपक्षी गठजोड़ 'इंडिया' को जवाब हो, कांग्रेस के पूर्व चीफ राहुल गांधी पर प्रहार हो या फिर मणिपुर हिंसा पर अपना बयान हो।

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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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