Maharashtra Politics: लोकसभा चुनाव से पहले फडणवीस पर सबकी निगाहें, जिनकी पहल से छात्रों का हुआ उत्थान
Devendra Fadnavis News: लोकसभा चुनाव से पहले 48 सीटों वाले राज्य महाराष्ट्र पर सभी की निगाहें टिकी हैं। इन सबके इतर भाजपा और अन्य नेता भी फडणवीस के रुख को लेकर टकटकी लगाए बैठे हैं। सीएम रहते हुए और अब डिप्टी सीएम के तौर पर उनके काम को देखा जा रहा है। उनकी पहल से कई कल्याणकारी योजना के जरिए छात्रों का उत्थान हुआ।
देवेंद्र फडणवीस, उप मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र।
Maharashtra: सियासी सरगर्मी तेज हो चुकी है और आगामी लोकसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर सूबे के दिग्गजों और बड़े सियासतदानों की निगाहें टिकी हुई हैं। फडणवीस ने राज्य में विकास की रफ्तार देने के लिए कई महत्वपूर्ण काम किए। प्रदेश के विकास की बात हो या फिर मराठा के सम्मान की, उनके समर्थकों का मानना है कि फडणवीस मसीहा बनकर बिना किसी लोभ की मंशा से मराठी लोगों के साथ हर वक्त खड़े रहे। ऐसे में आगामी चुनाव में उनकी क्या भूमिका होगी ये देखना अहम होगा।
मुख्यमंत्री रहते हुए फडणवीस मे जीता लोगों का दिल
पहल पर पिछली सरकार में कैबिनेट की ओर से लंबे समय से महाराष्ट्र में आरक्षण को लेकर हो रहे आग बबूला हुए युवाओं के आंदोलन को रोकने के लिए कई लाभकारी योजना की शुरुआत की गई। गाहे बगाहे फडणवीस की पहल पर साल 2016 में पिछली सरकार की कैबिनेट द्वारा आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (ईबीसी) के छात्रों के लिए राजर्षि शाहू महाराज छात्रवृत्ति योजना पर काम की शुरुआत की गई। जिसका परिणाम स्वरुप अब महाराष्ट्र से आने वाले ईबीसी छात्रों के वार्षिक पारिवारिक आय मानदंड को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दिया गया।
उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए कई छूट और रियायतें
इसके अलावा और भी कई पहल की गई, जिसमें इस श्रेणी के आने वाले उन सभी छात्रों को उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए कई छूट और रियायतें दी गई। इस योजना के जरिए असहाय छात्र की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और उनकी पारिवारिक दिक्कतों की वजह से पठन-पाठन में कई तरह की बाधा आती हैं, जिनकी वार्षिक आय 6 लाख रुपये से कम है।
फडणवीस की इस योजना से छात्रों को मिली काफी मदद
राजर्षि शाहू महाराज शिक्षा शुल्क प्रतिपूर्ति योजना के तहत, सरकार छात्रों द्वारा शिक्षा के लिए साल दर साल खर्च किए गए शुल्क का 50 प्रतिशत हिस्से का भुगतान करने का प्रावधान बना। सियासी दिग्गजों का मानना है कि इसका श्रेय फडणवीस को ही जाता है। जमीनी स्तर की राजनीति करने वाले देवेंद्र फडणवीस को अक्सर मराठाओं के हक और हुकूक के लिए लड़ने वाले जनसेवक के तौर पर देखा जाता रहा है।
कांग्रेस से तंग आकर जब लोगों ने भाजपा पर भरोसा जताया, उस वक्त फडणवीस की सरकार ने मराठियों के सम्मान के लिए और अन्य योजनाओं को धरातल पर उतारने की कोशिश की। महाराष्ट्र में भाजपा के पास फडणवीस ही फिलहाल सबसे बड़े चेहरे हैं, और पार्टी इस बात को बेहतर समझती है कि आगामी लोकसभा चुनाव में उनकी अहम भूमिका हो सकती है।
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