LK Advani Ram Rath Yatra: जब 1990 में लालकृष्ण आडवाणी ने निकाली थी राम रथयात्रा, घर-घर गूंजा आंदोलन, BJP को पहुंचा दिया था बुलंदियों पर
1990 LK Advani Ram Rath Yatra Summary: लालकृष्ण आडवाणी ने 90 के दशक में राम मंदिर आंदोलन की अगुवाई की थी। उन्हीं के नेतृत्व में 1990 में भाजपा ने गुजरात के सोमनाथ से राम रथयात्रा शुरू की थी।
आडवाणी ने निकाली थी राम रथयात्रा
1990-L.K. Advani's rath yatra: भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्य और राम मंदिर आंदोलन के अगुआ रहे लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने का फैसला लिया गया है। भाजपा के उभार में सबसे बड़ी भूमिका आडवाणी की ही रही है। उन्होंने भाजपा को एक पौधे से लेकर विराट पेड़ में तब्दील होते देखा है। आडवाणी के राम मंदिर आंदोलन ने न सिर्फ इतिहास में नाम दर्ज कराया था, बल्कि इसने भाजपा को भी बुलंदियों पर पहुंचाया। उस दौर में नरेंद्र मोदी जैसे नेता उनकी छत्रछाया में ही आगे बढ़े।
राम मंदिर आंदोलन की अगुवाई की
लालकृष्ण आडवाणी ने 90 के दशक में राम मंदिर आंदोलन (Ram Mandir Andolan) की अगुवाई की थी। उन्हीं के नेतृत्व में 1990 में भाजपा ने गुजरात के सोमनाथ से राम रथयात्रा(Ram Rath Yatra) शुरू की थी। 'मंदिर वहीं बनाएंगे' नारे से लालकृष्ण आडवाणी ने राम मंदिर आंदोलन को आम लोगों तक पहुंचाया और इसे चर्चित बना दिया था। इसका फायदा भाजपा को जबरदस्त तरीके से मिला और उसने बहुत तेजी से तरक्की की। दो सीटों वाली पार्टी अगले दो दशक में देश की सत्ता पर काबिज हुई और बाद में सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी भी बनी।
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लोकसभा में भाजपा के सिर्फ दो सांसद थे
आज भाजपा देश की सबसे बड़ी पार्टी है। लेकिन 80 के दशक में लोकसभा में सिर्फ दो सांसद थे, लेकिन राम मंदिर आंदोलन और लालकृष्ण आडवाणी की रथयात्रा ने भाजपा देश भर में लोकप्रिय बना दिया था। इसके बाद से भाजपा का देश की सियासत में तेजी से उभार हुआ और दो दशक के भीतर उसने अपनी सरकार भी बनाई। 1996 में पहली बार अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई में भाजपा की सरकार बनी थी।
बीजेपी के संस्थापक सदस्य
आडवाणी हमेशा पार्टी के मजबूत स्तंभ भी रहे। वह बीजेपी के संस्थापक सदस्य हैं। साल 1980 में बीजेपी के गठन के समय वह भी पार्टी में एक अहम चेहरा और मजबूत स्तंभ रहे और पार्टी को आगे बढ़ाने में सबसे बड़ी भूमिका निभाई। लाल कृष्ण आडवाणी बीजेपी के सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष रहने वाले नेता भी रहे। वह लंबे समय तक सांसद रहे और भाजपा सरकार में उप-प्रधानमंत्री और गृह मंत्री भी रहे।
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हुआ जन्म
आडवाणी का जन्म 8 नवंबर 1927 को पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा कराची के सेंट प्रैट्रिस स्कूल से पूरी की। जानकारी के मुताबिक, महज 14 साल की उम्र में वह आरएसएस में शामिल हो गए थे। उन्होंने लंबे समय तक संघ प्रचारक के तौर पर काम किया। 80 के दशक में भाजपा के गठन में उन्होंने अहम भूमिका निभाई। बड़ी पार्टियों के साये में पार्टी बहुत धीरे-धीरे आगे बढ़ती रही, लेकिन आडवाणी की अगुवाई में 1990 का राम मंदिर आंदोलन भाजपा के लिए नया सवेरा लेकर आया और पार्टी ने बुलंदियों को छुआ।
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करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें
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