Muda Case: मुडा केस में सिद्दारमैया को बड़ी राहत, CM, उनकी पत्नी को लोकायुक्त ने दी क्लीन चिट

Muda Case : मुडा केस में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया, उनकी पत्नी और अन्य को राहत मिल गई है। साक्ष्यों के अभाव में कर्नाटक लोकायुक्त ने इन सभी आरोपियों को क्लीन चिट दे दी है। लोकायुक्त ने कहा कि ये सभी आरोप सिविल प्रकृति के हैं और इनमें आपाराधिक कार्यवाही आगे बढ़ाने की जरूरत नहीं है।

Siddaramaiah

मुडा केस में आरोपी हैं सिद्दारमैया।

Muda Case : मुडा केस में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया, उनकी पत्नी और अन्य को राहत मिल गई है। साक्ष्यों के अभाव में कर्नाटक लोकायुक्त ने इन सभी आरोपियों को क्लीन चिट दे दी है। लोकायुक्त ने कहा कि ये सभी आरोप सिविल प्रकृति के हैं और इनमें आपाराधिक कार्यवाही आगे बढ़ाने की जरूरत नहीं है। इसकी जानकारी देने के लिए लोकायुक्त पुलिस की तरफ से शिकायतकर्ता पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा को एक नोटिस भेजा गया है। शिकायतकर्ता इस फैसले को उचित मजिस्ट्रेट के समक्ष चुनौती दे सकता है, इसके लिए उसे एक सप्ताह का समय दिया गया है।

लोकायुक्त की नोटिस में कहा गया है कि जांच के दौरान आरोपों को सही ठहराने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं मिले। यह भी कहा गया है कि कानूनी प्रावधानों के बारे में गलतफहमी होने के चलते खामियां नजर आई होंगी। सिद्धरमैया और उनकी पत्नी के अलावा उनके करीबी रिश्तेदार मल्लिकार्जुन स्वामी और जमीन के मालिक देवराजू भी आरोपी हैं।

आरोपों की आगे जांच की जाएगी -लोकायुक्त

लोकायुक्त पुलिस ने कहा कि मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) द्वारा 2016 से 2024 तक 50:50 के अनुपात में प्रतिपूरक भूखंड उपलब्ध कराने के आरोपों की आगे जांच की जाएगी और दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 173 (8) के तहत उच्च न्यायालय को अतिरिक्त अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।

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ईडी भी कर रहा मामले की जांच

एमयूडीए भूखंड आवंटन मामले में, यह आरोप लगाया गया है कि सिद्धरमैया की पत्नी की अधिग्रहित 3.16 एकड़ जमीन के बदले में उन्हें मैसूरु के एक पॉश इलाके में भूखंड आवंटित किए गए, जिनकी कीमत अधिग्रहित जमीन की तुलना में काफी अधिक थी। आरोप है कि मैसूरु तालुक के कसाबा होबली के कसारे गांव के सर्वे नंबर 464 में स्थित 3.16 एकड़ जमीन पर पार्वती का कोई कानूनी हक नहीं था। लोकायुक्त और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दोनों ही मामले की जांच कर रहे हैं।

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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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