मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार (फाइल फोटो:canva)
'मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को कहा कि मतदान केंद्रों के सीसीटीवी फुटेज केवल उच्च न्यायालयों के साथ साझा किए जा सकते हैं।' उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि ऐसे इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड जनता के साथ साझा करना मतदाताओं की निजता का उल्लंघन है। कुमार का कहना था कि मतदान की वेबकास्टिंग फुटेज फॉर्म 17ए के समान है, जिसे उन मतदाताओं की पहचान की सुरक्षा के लिए राजनीतिक दलों के साथ साझा नहीं किया जाता है जिन्होंने मतदान किया।
बिहार विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा के लिए आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कुमार ने कहा कि ऐसे फुटेज संबंधित उच्च न्यायालय के साथ साझा किए जाते हैं जहां किसी विशेष चुनाव के परिणाम के खिलाफ चुनाव याचिका दायर की जाती है।
चुनाव संचालन नियमों के अनुसार, फॉर्म 17ए, जिसमें मतदान केंद्र पर मतदान करने वाले मतदाताओं के नाम होते हैं, उन्हें अदालतों के अलावा किसी और के साथ साझा नहीं किया जाता है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने यह भी बताया कि बिहार के दियारा क्षेत्र में 250 मतदान केंद्रों पर गश्त के लिए पुलिस घोड़ों का इस्तेमाल करेगी, जबकि 197 मतदान केंद्रों तक पहुंचने के लिए मतदान दल नावों का इस्तेमाल करेंगे।
कुमार ने बताया, 'दियारा क्षेत्र में कम से कम 250 मतदान केंद्रों पर पुलिस घोड़ों के ज़रिए गश्त करेगी। इसी तरह, 197 मतदान केंद्रों पर मतदान दल नाव से यात्रा करेंगे।' बिहार विधानसभा चुनाव के लिए कुल 90,712 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे।कुमार ने मतदाताओं को बड़ी राहत की खबर देते हुए यह भी कहा कि आयोग आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मतदान केंद्रों पर मोबाइल फोन जमा करने के लिए काउंटर स्थापित करेगा।
बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। इसके मुताबिक 6 और 11 नवंबर को वोट डाले जायेंगे वहीं 14 नवंबर को चुनाव नतीजे आयेंगे। निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक बिहार में कुल 7.43 करोड़ मतदाता हैं. इनमें करीब 3.92 करोड़ पुरुष, 3.50 करोड़ महिला और 1,725 ट्रांसजेंडर मतदाता शामिल हैं।
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