दिल्ली BJP में मची हलचल, वीरेंद्र सचदेवा की मौजूदगी में हुई विधायक दल की बैठक, जानें क्या है मुद्दा

One Nation, One Election: भाजपा ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' की अवधारणा पर चर्चा के लिए रविवार को राष्ट्रीय राजधानी स्थित अपने मुख्यालय में विधायक दल की बैठक की। बैठक के बाद वीरेंद्र सचदेवा ने मीडिया से कहा कि 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' देश की जरूरत है सचदेवा ने बताया कि बार-बार चुनाव होने से देश का विकास बाधित होता है।

BJP

वीरेंद्र सचदेवा की मौजूदगी में हुई विधायक दल की बैठक

One Nation, One Election: भाजपा ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' की अवधारणा पर चर्चा के लिए रविवार को राष्ट्रीय राजधानी स्थित अपने मुख्यालय में विधायक दल की बैठक की। बैठक का नेतृत्व भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और प्रदेश संगठन महामंत्री पवन राणा ने किया। इसमें दिल्ली भाजपा के विधायक योगेंद्र चंदोलिया और कमलजीत सहरावत, प्रदेश महामंत्री विष्णु मित्तल, दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष सतीश उपाध्याय, दिल्ली सरकार के मंत्री डॉ. पंकज सिंह और रवींद्र इंद्रराज, एक राष्ट्र , एक चुनाव के दिल्ली संयोजक गजेंद्र यादव, सह-संयोजक अशोक गोयल देवड़ा, योगेंद्र लकड़ा और अन्य पदाधिकारी शामिल हुए।

बार-बार चुनाव होने से देश का विकास बाधित होता है- वीरेंद्र सचदेवा

बैठक के बाद वीरेंद्र सचदेवा ने मीडिया से कहा कि 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' देश की जरूरत है सचदेवा ने बताया कि बार-बार चुनाव होने से देश का विकास बाधित होता है। उन्होंने कहा कि अगर आप पिछले 30 सालों के आंकड़ों पर गौर करें तो पाएंगे कि हर साल किसी न किसी राज्य में चुनाव होते हैं और हर पांच साल में लोकसभा चुनाव के साथ-साथ राज्य चुनाव भी होते हैं। इससे चुनावी प्रक्रिया में कई तरह की समस्याएं पैदा होती हैं।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि ऐसे चुनावों से समय, धन और संसाधनों की बर्बादी होती है। उदाहरण के लिए, पिछले लोकसभा चुनाव में करीब एक करोड़ (10 मिलियन) सरकारी कर्मचारी चुनाव प्रक्रिया में शामिल थे। अगर हम भारत को विकसित राष्ट्र बनाना चाहते हैं तो हमें अपने संसाधनों, धन और समय का संरक्षण करना होगा। हर बार जब आदर्श आचार संहिता लागू होती है तो विकास कार्य रुक जाते हैं। भाजपा सांसद कमलजीत सहरावत ने भी इस विचार का समर्थन करते हुए कहा कि एक राष्ट्र, एक चुनाव समय की मांग है क्योंकि इससे देश और संसद दोनों का समय बचेगा। सचदेवा ने आगे कहा कि भाजपा इस अभियान को दिल्ली के हर घर तक ले जाएगी। उन्होंने कहा कि देश और समाज को इससे कैसे लाभ मिल सकता है, यह बताने के लिए जन जागरूकता अभियान शुरू किया जाना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह पहली बार नहीं है जब देश ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' देखा है। 1952 से 1967 तक चुनाव एक साथ होते थे। 1968 में सरकार गिरने के बाद ही यह व्यवस्था टूट गई। इसलिए देश को एक राष्ट्र, एक चुनाव की जरूरत है। भाजपा सांसद योगेंद्र चंदोलिया ने कहा कि 1952 से 1967 तक लोकसभा और राज्यसभा के चुनाव एक साथ होते थे। उसके बाद यह परंपरा टूट गई और पिछले 30 सालों में एक भी साल ऐसा नहीं रहा जब चुनाव न हुए हों। इसका असर देश की अर्थव्यवस्था, जीडीपी पर पड़ता है... चुनावों में करोड़ों रुपये खर्च होते हैं, इसलिए अगर एक राष्ट्र , एक चुनाव लागू होता है तो भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। देश (India News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

Shashank Shekhar Mishra author

शशांक शेखर मिश्रा टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल (www.timesnowhindi.com/ में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। इन्हें पत्रकारिता में करीब 5 वर्षों का अनुभव ह...और देखें

End of Article

© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited