खनन समझौते को मंजूरी दिए जाने के खिलाफ कांग्रेस ने गोवा सरकार को लिया आड़े हाथ, किया विरोध प्रदर्शन

खनन समझौते को मंजूरी दिए जाने पर गोवा कांग्रेस ने गोवा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए अपना विरोध जताया। गोवा के कांग्रेस प्रमुख अमित पाटकर ने वेदांता का जिक्र करते हुए मांग की कि राज्य सरकार को वेदांता के लिए टन लौह अयस्क की लोडिंग रोक देनी चाहिए, साथ ही कंपनी पर 165 करोड़ रुपये का बकाया होने का आरोप लगाया है।

Goa Congress

गोवा सरकार के खिलाफ कांग्रेस ने किया विरोध प्रदर्शन

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने घोषणा की कि कैबिनेट ने बिचोलिम खनिज ब्लॉक के लिए वेदांता लिमिटेड के साथ खनन विकास और उत्पादन समझौते (एमपीडीएस) पर हस्ताक्षर करने को मंजूरी देने के बाद कांग्रेस पार्टी ने इस फैसले के खिलाफ राज्य में विरोध प्रदर्शन किया और सीएम सावंत सरकार से खनन कंपनियों से 270 करोड़ रुपये से अधिक के कथित खनन बकाया की वसूली करने की मांग की।

कांग्रेस ने वेदांता पर लगाया गंभीर आरोप

गोवा के कांग्रेस प्रमुख अमित पाटकर ने भी वेदांता का जिक्र करते हुए मांग की कि राज्य सरकार को वेदांता के लिए टन लौह अयस्क की लोडिंग रोक देनी चाहिए, साथ ही कंपनी पर 165 करोड़ रुपये का बकाया होने का आरोप लगाया है। "यह स्पष्ट है कि सीएम सावंत के नेतृत्व वाली असंवेदनशील सरकार वेदांता जैसे अन्य बकाएदारों के साथ मिली हुई है। हम मांग करते हैं कि सरकार को वेदांता द्वारा मोरमुगाओ बंदरगाह पर लीला फ़ूजी वेसल में 80,000 टन आयरन ऑर की लोडिंग को तब तक रोकना चाहिए जब तक वे 165 करोड़ का अपना बकाया भुगतान नहीं कर देते।"

दुर्गादास कामत ने भी राज्य सरकार पर उठाएं कई सवाल

कांग्रेस पार्टी ने बिचोलिम में खनन ब्लॉकों के पट्टा क्षेत्रों के सीमांकन में सरकार द्वारा अपनाई गई दोषपूर्ण प्रक्रिया के संबंध में माइनिंग विभाग के डिप्टी डायरेक्टर से भी सवाल किया। गोवा कांग्रेस नेता अमित पाटकर ने यह भी सवाल खड़ा किया कि "भाजपा सरकार मंदिरों और पूजा स्थलों को खदान संचालकों को बेचना चाहती है। क्या यह भाजपा का हिंदुत्व एजेंडा है?"

साथ ही गोवा फॉरवर्ड पार्टी के नेता दुर्गादास कामत ने भी राज्य सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि 2012 में भाजपा सरकार खनन से जुड़े बड़े पैमाने पर घोटाले का आरोप लगाकर सत्ता में आई थी और अब खनन क्षेत्रों को उन्होंने बड़ी कंपनियों को नीलाम कर दिया है। उन्होंने कहा, " भाजपा खनन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर घोटाले का आरोप लगाकर सत्ता में आई थी। अब, वही सावंत सरकार खनन क्षेत्रों को नीलामी में दे रही है। इसमें मंदिर और गांव भी शामिल हैं जो गलत है। अब तक, वैध खनन शुरू नहीं हुआ है इसके विपरित सरकार अवैध खनन को बढ़ावा दे रही है।'' एक तरफ जहां कांग्रेस ने इस मामले में जमकर विरोध प्रदर्शन किया तो सरकार ने भी खुलकर अपने फैसले का ऐलान किया। गौरतलब है कि चुनावी सीजन में ये विपक्ष के लिए सरकार को घेरने का एक और मुद्दा बनते नजर आ रहा है।

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    अरुणील सदड़ेकर author

    अरुणील सदड़ेकर टाइम्स नाउ नवभारत में प्रिंसिपल कॉरेस्पोंडेंट हैं। 10 साल से वह पत्रकारिता की दुनिया में है और महाराष्ट्र की सियासत पर पैनी नजर रखते हैं...और देखें

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