इराक से अमेरिकी कर्मियों को क्यों बाहर निकाल रहे ट्रंप? क्या गाजा की तरह नेतन्याहू ईरान पर भी बरपाएंगे कहर

US Iran Tension: खाड़ी देश में कुछ बड़ा होने वाला है और इसकी सुगबुगाहट तेज हो गई है। तभी तो अमेरिका ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए अपने कर्मियों को इराक छोड़ने का निर्देश दिया है। अमेरिका को आशंका है कि ईरान पड़ोसी इराक में कुछ अमेरिकी ठिकानों को निशाना बना सकता है।

Israel Iran Tension

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (बाएं) और ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई (दाएं)

US Iran Tension: खाड़ी देश में कुछ बड़ा होने वाला है और इसकी सुगबुगाहट तेज हो गई है। तभी तो अमेरिका ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए अपने कर्मियों को इराक छोड़ने का निर्देश दिया है। विदेश विभाग और सेना ने बुधवार को कहा कि पश्चिम एशिया में अशांति की आशंकाओं के बीच अमेरिका इस क्षेत्र में अपने दूतावासों में उन कर्मचारियों की संख्या कम कर रहा है जिनकी उसके मुताबिक वहां जरूरत नहीं है।

विदेश विभाग ने बताया कि उसने अपनी नवीनतम समीक्षा और 'घर तथा विदेश दोनों जगह अमेरिकियों को सुरक्षित रखने' की प्रतिबद्धता के आधार पर बगदाद में अमेरिकी दूतावास से सभी गैर-आवश्यक कर्मियों को वहां से निकलने का आदेश दिया है। हालांकि, यह आदेश दूतावास में बड़ी संख्या में कर्मियों को प्रभावित नहीं करेगा।

अमेरिका ने क्यों उठाया यह कदम?

दरअसल, अमेरिका को आशंका है कि ईरान पड़ोसी इराक में कुछ अमेरिकी ठिकानों को निशाना बना सकता है। ऐसा इसलिए भी है, क्योंकि हाल ही में ईरान ने धमकी दी कि अगर उसके परमाणु कार्यक्रम को लेकर बातचीत नाकाम होती है तो वह क्षेत्र में मौजूद अमेरिकी ठिकानों पर हमला कर सकता है।

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इसके अलावा, इजरायल ईरान में कुछ बड़ा प्लान कर रहा है तभी तो अमेरिकी अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। सूत्रों के हवाले से यह जानकारी सामने आई। साथ ही अमेरिका को अब ईरान पर भरोसा नहीं है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ऐसा लगने लगा है कि शायद ही यह समझौता हो पाए।

ईरान पर क्यों भड़का इजरायल

इजरायल और ईरान के बीच पिछले कुछ समय से तनाव चरम पर है। इजरायल ने लेबनान में हिजबुल्ला को निशाना बनाते हुए पेजर धमाका किया। बड़े पैमाने पर पेजर बजने के बाद फट गए थे जिसमें हिजब्बुला के लड़ाके घायल हो गए। लेबनान में हुए इजरायल के इस हमले से ईरान बौखला गया और उसने मिसाइलों की झड़ी लगा दी थी।

हालांकि, हाल ही में ईरान ने एक बार फिर इजरायल को भड़काने की कोशिश की। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रमुख ने कहा कि ईरान ने दावा किया है कि उसने इजरायल के परमाणु कार्यक्रम के बारे में जो जानकारी जब्त की है, वह देश के सोरेक परमाणु अनुसंधान केंद्र से संबंधित है। यह तेहरान के बाहर पहली इजरायली परमाणु कार्यक्रम के सीक्रेट चोरी किए जाने की पहली स्वीकारोक्ति है।

क्या है परमाणु विवाद?

अमेरिका, इजरायल को लगता है कि ईरान कई वर्षों से परमाणु तकनीक पर काम कर रहा है। हालांकि, ईरान का कहना है कि वह इस तकनीक का इस्तेमाल महज बिजली बनाने और मेडिकल साइंस में कर रहा है, लेकिन अमेरिका और ईरान को संदेह है कि ईरान पर्दे के पीछे परमाणु हथियार बनाने का काम कर रहा है। ऐसे में अगर ईरान परमाणु हथियार को विकसित कर लेता है तो वह खाड़ी देशों में मौजूद अमेरिकी और इजरायली ठिकानों के लिए बड़ा खतरा बन जाएगा।

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परमाणु कार्यक्रम को लेकर ट्रंप सख्त

हाल ही में ट्रंप ने ईरान को लेकर कहा, "उनके पास परमाणु हथियार नहीं होने चाहिए। यह बहुत सीधी बात है। हम उन्हें परमाणु हथियार बनाने की इजाजत नहीं देंगे।" ट्रंप का यह बयान उन रिपोर्टों के बाद आया है, जिनमें कहा गया कि अमेरिका इराक में अपने दूतावास को आंशिक रूप से खाली करने की तैयारी कर रहा है।

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अनुराग गुप्ता author

टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर कीबोर्ड पीट रहा हूं। परत-दर-परत खबरों को खंगालना और छानना आदतों में शुमार है। पत्रकारिता एवं जनसंच...और देखें

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