न्यूक्लियर साइट्स पर अमेरिकी हमला रहा कितना कारगर? क्या सुरंगों को भरकर बड़े नुकसान से बच निकला ईरान?

एक ओर जहां अमेरिका के रक्षा अधिकारियों ने कहा है कि वे हमले में हुए नुकसान का पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं, ईरान ने यह नहीं बताया है कि हमले में उसे कितना नुकसान हुआ है।

Nuke Iran

क्या बड़े नुकसान से बच गया ईरान?

US Attack On Nuclear Sites of Iran: एक तरफ जहां अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया हैंडल ‘ट्रुथ सोशल’ पर कहा है कि अमेरिका के हमले में ईरान के परमाणु केंद्रों को भारी नुकसान पहुंचा है, वहीं दूसरी ओर इस बात पर कयास लग रहे हैं कि आखिर ईरान को कितना नुकसान पहुंचा है? ईरान ने अब तक इस पर चुप्पी साध रखी है। दरअसल, ये बात सामने आ रही है कि ईरान ने अमेरिकी हमले से पहली ही परमाणु स्थलों पर सुरंगों को मिट्टी से ढक दिया था। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि अमेरिका हमला कितना कारगर रहा?

ईरान ने नुकसान पर साधी चुप्पी

अमेरिका के रक्षा अधिकारियों ने कहा है कि वे हमले में हुए नुकसान का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। उधर, ईरान ने भी यह नहीं बताया है कि हमले में उसे कितना नुकसान हुआ है। ईरान ने इस युद्ध में इजराइल की ओर से किए गए हमलों के बारे में अभी तक कोई विवरण नहीं दिया है। ईरान ने संभवतः अमेरिकी हमलों से पहले परमाणु केंद्रों के पास बनी सुरंगों को भर दिया था। अमेरिका के एक परमाणु अप्रसार संगठन द्वारा उपग्रह तस्वीरों के विश्लेषण से पता चलता है कि ईरान ने शायद रविवार की सुबह अमेरिकी हमलों से पहले इस्फहान में अपने परमाणु स्थल पर बनी सुरंगें भर दी हैं।

सुरंगों को मिट्टी से भरा

अमेरिका स्थित इंस्टीट्यूट फॉर साइंस एंड इंटरनेशनल सिक्योरिटी ने एयरबस द्वारा ली गई उपग्रह तस्वीरों को प्रकाशित किया, जिसमें शुक्रवार को परमाणु केंद्र पर सुरंगों में ट्रकों से मिट्टी भरते देखा जा सकता है। संगठन ने कहा कि अमेरिकी हमले ने संभवतः सुरंग के प्रवेश द्वारों को निशाना बनाया। संगठन के अनुसार, चार सुरंगों में से कम से कम तीन के प्रवेश द्वार ढह गए हैं। चौथे की स्थिति स्पष्ट नहीं है। माना जाता है कि ईरान ने अमेरिकी हमले से पहले अपने भूमिगत फोर्डो संवर्धन केंद्र में सुरंगों को भर दिया था। ऐसा संभवत: हमलों से केंद्र को बचाने के लिए किया गया था।

ऑस्ट्रेलिया ने किया अमेरिका का समर्थन

इस बीच, ‘इंस्टीट्यूट फॉर साइंस एंड इंटरनेशनल सिक्योरिटी’ ने कहा कि इस्फहान केंद्र पर अमेरिकी क्रूज मिसाइल हमले ने संभवतः इसके यूरेनियम रूपांतरण केंद्र को नष्ट कर दिया। ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग ने कहा कि उनकी सरकार ने अमेरिकी हमलों का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि हम ईरान को परमाणु हथियार प्राप्त करने से रोकने के लिए कार्रवाई का समर्थन करते हैं।

सोमवार को चैनल नाइन न्यूज पर प्रसारित अपनी टिप्पणी में वोंग ने कहा कि आखिरकार हम तनाव कम होते देखना चाहते हैं और कूटनीति चाहते हैं। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि क्या हमले के लिए ऑस्ट्रेलियाई उपग्रह संचार या ‘सिग्नल इंटेलिजेंस’ का इस्तेमाल अमेरिका द्वारा किया गया था या नहीं। दोनों देश खुफिया सूचना साझा करने के लिए ‘फाइव आईज’ साझेदारी के सदस्य हैं। वोंग ने कहा कि अमेरिका ने स्पष्ट किया है कि यह एकतरफा हमला था।

ट्रंप बोले, परमाणु स्थलों को भारी नुकसान पहुंचाया

अमेरिका का बी-2 बॉम्बर ईरान में तबाही मचाकर लौट चुका है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस हमले को सटीक बता रहे हैं और उन्होंने ईरान को हुए नुकसान का आकलन भी कर दिया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने कुछ सैटेलाइट तस्वीरों का जिक्र करते हुए कहा है कि ईरान में सभी परमाणु स्थलों को भारी नुकसान पहुंचा है।

ट्रंप ने सोशल साइट 'ट्रुथ' पर एक पोस्ट में लिखा, सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि ईरान के सभी परमाणु स्थलों को भारी नुकसान पहुंचाया गया है। 'नष्ट करना' एक सटीक शब्द है। जो सफेद ढांचा दिखाई दे रहा है, वो चट्टान के भीतर गहराई से समाया हुआ है। इसकी छत भी जमीन के नीचे है। सबसे बड़ा नुकसान जमीन के नीचे गहराई में हुआ है।

इसके पहले डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर अटैक के बाद अपने बी-2 बॉम्बर के वापस लौटने का वीडियो शेयर किया। पोस्ट में ट्रंप ने लिखा, महान बी-2 पायलट अभी-अभी मिसौरी में सुरक्षित रूप से उतरे हैं। सटीक काम के लिए धन्यवाद। इस वीडियो में ट्रंप का एक पोस्ट भी दिख रहा था, जिसमें उन्होंने लिखा था, ईरान में परमाणु स्थलों को भारी क्षति पहुंची है। हमले बहुत ही सटीक और जोरदार थे। हमारी सेना ने बहुत ही कुशलता दिखाई।

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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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