दिल्ली में वोटिंग से पहले AAP में मची खलबली, 8 विधायकों ने दिया इस्तीफा, कहा- केजरीवाल से उठ गया भरोसा
आम आदमी पार्टी के त्रिलोकपुरी से विधायक रोहित महरौलिया, कस्तूरबा नगर से विधायक मदन लाल, जनकपुरी से विधायक राजेश ऋषि, पालम से विधायक भावना गौड़ सहित कुल 8 विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया।

AAP विधायकों ने दिया इस्तीफा
AAP MLA Resigned: दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग से पहले आज आम आदमी पार्टी के कई विधायकों ने इस्तीफा दे दिया। आम आदमी पार्टी के त्रिलोकपुरी से विधायक रोहित महरौलिया, कस्तूरबा नगर से विधायक मदन लाल, जनकपुरी से विधायक राजेश ऋषि, पालम से विधायक भावना गौड़, बिजवासन से विधायक भूपिंदर सिंह जून, आदर्श नगर से विधायक पवन शर्मा, महरौली से विधायक नरेश यादव और मादीपुर से गिरीश सोनी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। कुल आठ विधायकों ने इस्तीफा दिया है। पार्टी ने इस बार इन्हें टिकट नहीं दिया था जिसके चलते इन्होंने पार्टी छोड़ दी।
मदनलाल बोले, नजरअंदाज करने के कारण विधायक दुखी
कस्तूरबा नगर से मौजूदा विधायक मदन लाल ने दावा किया कि उन्होंने और पार्टी के छह अन्य विधायकों ने आप की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। मदन लाल ने कहा कि उन्होंने अपना त्यागपत्र दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल को भी भेज दिया है। इस्तीफा देने वाले आप विधायकों में भावना गौड़ (पालम), नरेश यादव (महरौली), रोहित मेहरौलिया (त्रिलोकपुरी) और पवन शर्मा (आदर्श नगर), बी एस जून (बिजवासन) और राजेश ऋषि (जनकपुरी) भी शामिल हैं।
मदन लाल ने से कहा, आप के सात विधायक इस बात से दुखी हैं कि पार्टी और उसके नेताओं ने उन्हें नजरअंदाज कर दिया, जबकि वे वर्षों से ईमानदारी से काम कर रहे हैं। हम जल्द ही अपनी भविष्य की रणनीति साझा करेंगे। पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल को संबोधित अपने त्यागपत्र में पालम से दो बार की विधायक गौड़ ने कहा, मैं आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रही हूं, क्योंकि मेरा आप (केजरीवाल) और पार्टी पर से भरोसा उठ गया है।
आप ने कहा, ये विधायक जनता के लिए नहीं थे उपलब्ध
इस्तीफा देने वाले विधायकों की आलोचना करते हुए आप की राष्ट्रीय प्रवक्ता रीना गुप्ता ने कहा कि पार्टी द्वारा कराए गए सर्वेक्षण से पता चला है कि ये सभी अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में जनता के लिए उपलब्ध नहीं थे और इसीलिए उन्हें चुनाव में टिकट नहीं दिया गया। गुप्ता ने कहा, हमने सर्वेक्षण के प्रतिकूल परिणामों के कारण उन्हें टिकट नहीं दिया। टिकट नहीं मिलने के बाद अब वे दूसरी पार्टी में शामिल हो रहे हैं, यह कोई बड़ी बात नहीं है। यह राजनीति का हिस्सा है।
आम आदमी पार्टी ने पांच फरवरी को होने वाले चुनाव के लिए अपने 16 मौजूदा विधायकों की जगह नए चेहरे उतारे हैं। यादव को पहले आप ने महरौली से टिकट दिया था, लेकिन दिसंबर में पंजाब की एक अदालत द्वारा कुरान की बेअदबी के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद महेंद्र चौधरी को टिकट दे दिया गया था। यादव 2015 से महरौली के विधायक हैं। त्रिलोकपुरी आरक्षित सीट से आप विधायक मेहरौलिया ने भी अपना त्यागपत्र एक्स पर साझा करते हुए कहा, ऐसे फर्जी और अवसरवादी लोगों से मेरा रिश्ता आज खत्म हो गया है, जिन्हें बाबा साहेब (आंबेडकर) की सिर्फ तस्वीर चाहिए, उनकी विचारधारा नहीं। मैं आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और अन्य सभी पदों से इस्तीफा देता हूं।
जनकपुरी के विधायक राजेश ऋषि भी केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी छोड़ने वालों में शामिल हैं। ऋषि ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, अन्ना हजारे आंदोलन से जन्मी और भ्रष्टाचार मुक्त दिल्ली सुनिश्चित करने के लिए अरविंद केजरीवाल द्वारा गठित आप अब भ्रष्ट हो गई है, जिसके परिणामस्वरूप मैं भारी मन से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और अन्य सभी पदों से इस्तीफा दे रहा हूं।
महरौली से विधायक नरेश यादव ने भी दिया इस्तीफा
इसके अलावा महरौली से आम आदमी पार्टी के विधायक नरेश यादव ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया। लगातार दो बार विधायक रहे नरेश यादव को तीसरी बार आम आदमी पार्टी ने उम्मीदवार बनाया था। लेकिन बेअदबी मामले में आरोप साबित होने के बाद नरेश यादव ने खुद ही टिकट वापस कर दिया, जिसके बाद आप ने महरौली से दूसरा उम्मीदवार उतार दिया था। नरेश यादव का आरोप है कि आप पार्टी भी भ्रष्टाचार में लिप्त हो गई है।
इन विधायकों ने दिया इस्तीफा 1. महरौली से विधायक नरेश यादव
2. त्रिलोकपुरी से विधायक रोहित महरौलिया
3. पालम से विधायक भावना गौड़
4. जनकपुरी से विधायक राजेश ऋषि
5. कस्तूरबा नगर विधायक मदनलाल
6. बिजवासन से विधायक भूपिंदर सिंह जून
7. आदर्श नगर से विधायक पवन शर्मा
8. मादीपुर से विधायक गिरीश सोनी
आप विधायक बिजवासन से विधायक भूपिंदर सिंह जून ने क्या कहा सुनिए-
आप के कई विधायकों का टिकट कटा
इस बार आप ने कई नामी विधायकों को टिकट नहीं दिया है और इसी के चलते इनकी पार्टी से नाराजगी बढ़ी है और इस्तीफों का दौर निकल पड़ा है। कैलाश गहलोत जैसे बड़े नेता भी आप छोड़कर बीजेपी में जा चुके हैं। वह दिल्ली सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। इससे पता चलता है कि पार्टी में बड़े स्तर पर नाराजगी है। दिल्ली में इन दिनों चुनाव प्र्चार चरम पर पहुंच चुका है और बीजेपी की तरफ से पीएम मोदी भी प्रचार में जुटे हैं। वहीं, केजरीवाल भी धुआंधार प्रचार में जुटे हैं और इसी सिलसिले में वह चुनाव आयोग से सीधी टक्कर भी ले चुके हैं।
8 फरवरी को मतगणना
अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी दिल्ली में लगातार 15 साल तक सत्ता में रही। कांग्रेस को पिछले दो विधानसभा चुनावों में झटका लगा है और वह एक भी सीट जीतने में विफल रही है। इसके विपरीत, आप ने 2020 के विधानसभा चुनावों में 70 में से 62 सीटें जीतकर अपना दबदबा बनाया, जबकि भाजपा को केवल आठ सीटें मिलीं। दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान होना है और 8 फरवरी को मतगणना होगी।
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