NEET PG 2024: न्यायालय ने मांगा 'नये सिरे से काउंसलिंग की याचिका' पर केंद्र, NMC व अन्य से जवाब

NEET PG 2024 Counselling: उच्चतम न्यायालय ने नीट-पीजी 2024 के अखिल भारतीय कोटा (एआईक्यू) चरण-3 की नये सिरे से काउंसलिंग के अनुरोध वाली याचिका पर मंगलवार को केंद्र, राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) और अन्य से जवाब मांगा है।

NEET PG 2024 Counselling Date Latest News

नीट पीजी 2024 काउंसलिंग

NEET PG 2024 Counselling Date Latest News: उच्चतम न्यायालय ने नीट-पीजी 2024 के अखिल भारतीय कोटा (एआईक्यू) चरण-3 की नये सिरे से काउंसलिंग के अनुरोध वाली याचिका पर मंगलवार (4 फरवरी) को केंद्र, राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) और अन्य से जवाब मांगा है। (NEET PG 2024 Latest News) न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की पीठ ने याचिका पर जवाब तलब करते हुए नोटिस जारी किया और सुनवाई 7 फरवरी के लिए निर्धारित कर दी।

राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातकोत्तर (नीट-पीजी) 2024 की काउंसलिंग के लिए पात्र याचिकाकर्ताओं ने कहा कि नीट-पीजी के लिए ‘एआईक्यू’ काउंसलिंग का चरण-3 कुछ राज्यों में काउंसलिंग के चरण-2 के समापन से पहले शुरू हुआ था।

याचिका में क्या कहा गया

वकील तन्वी दुबे की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता एआईक्यू और राज्य कोटा संबंधी काउंसलिंग कार्यक्रम में टकराव से व्यथित हैं।

इसमें कहा गया है कि राज्य कोटे से कई अभ्यर्थियों को एआईक्यू चरण-3 में पंजीकरण करने और सीट प्राप्त करने का मौका मिल गया, जो अन्यथा एआईक्यू चरण-3 के लिए पंजीकरण करने के वास्ते अयोग्य थे।

याचिका में कहा गया है कि जब राज्य संबंधी चरण-2 की काउंसलिंग शुरू हुई, तो उनके पास सबसे अच्छे विकल्प के बीच चयन करने और राज्य संबंधी काउंसलिंग में बेहतर सीट मिलने पर एआईक्यू सीट छोड़ने का विकल्प था।

इसमें कहा गया है, ‘‘इससे याचिकाकर्ताओं और उनकी तरह के अन्य अभ्यर्थियों के लिए गंभीर पूर्वाग्रह पैदा हुआ, क्योंकि वे उन सीट से वंचित रह गए, जो राज्य संबंधी अभ्यर्थियों को मिल गईं, जिनके चरण-2 की काउंसलिंग पहले शुरू नहीं हुई थी।’’

याचिका में कहा गया है, ‘‘यदि सभी राज्यों में राज्य संबंधी चरण-2 काउंसलिंग समाप्त होने के बाद एआईक्यू चरण-2 आयोजित किया गया होता, तो अभ्यर्थियों के एक समूह को एआईक्यू चरण-3 में सीट प्राप्त करने और बाद में राज्य संबंधी चरण-2 में भाग लेने के दौरान इसे छोड़ने का अनुचित लाभ नहीं मिलता।’’

याचिका में दावा किया गया है कि ‘मेडिकल काउंसलिंग कमेटी’ ने राज्य संबंधी काउंसलिंग चरण-2 के समापन से पहले एआईक्यू चरण-3 काउंसलिंग आयोजित की, जिसके कारण मध्यप्रदेश के अभ्यर्थियों को सीट मिल गईं, जहां राज्य संबंधी काउंसलिंग का चरण-2 तब तक समाप्त नहीं हुआ था। इसमें कहा गया है कि इससे ऐसी स्थिति पैदा हो गई, जिसमें कई मेधावी अभ्यर्थी सीट पाने से वंचित रह गए।

(भाषा इनपुट के साथ)

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नीलाक्ष सिंह author

उत्तर प्रदेश की राजधानी, नवाबों के शहर लखनऊ का रहने वाला हूं। स्कूली शिक्षा, ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री सब इसी शहर से प्राप्त की। मीडिया क्ष...और देखें

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