Success Story: इंटरव्यू से पहले अस्पताल में भर्ती फिर 22 साल में बनें IPS ऑफिसर, बॉलीवुड फिल्म से कम नहीं सफीन हसन की कहानी

IPS Safin Hasan Success Story: बिना मुश्किलों के सफलता हासिल करना नामुमकिन हैं। कुछ ऐसा ही मानना है सबसे कम उम्र में आईपीएस ऑफिसर बनने वाले सफिन हसन का। उनकी जिंदगी में कई उतार चढ़ाव आए, फिर भी वो डटे रहे और अफसर बनने के अपने सपने को पूरा करके दिखाया।

IPS Officer Safin Hasan Success Story

आईपीएस ऑफिसर सफीन हसन की सक्सेस स्टोरी

मुख्य बातें
  • अपने पहले प्रयास में ही सफीन ने यूपीएससी में सफलता हासिल की।
  • इंटरव्यू से पहले हसन अस्पताल में भर्ती थे।
  • सफीन हसन केवल 22 साल की उम्र में आईपीएस ऑफिसर बने।

IPS Safin Hasan Success Story: सफीन हसन उन व्यक्तियों में से एक हैं जिनका सफर किसी रोलर कोस्टर राइड से कम नहीं रहा है। जिंदगी के हर एक पड़ाव पर मुसीबत उनका रास्ता रोके खड़ी रहीं लेकर उन्होंने डरने या घबराने की जगह मेहनत करने का रास्ता चुना। भारतीय पुलिस सेवा, आईपीएस ऑफिसर के रूप में काम करने वाले सफीन हसन (IPS Officer Safin Hasan) के पास बचपन में स्कूल फीस जमा करने तक के पैसे नहीं होते थे। बावजूद इसके सफीन ने जिंदगी से शिकायत करने की बजाए मेहनत करना एक अच्छा ऑप्शन माना और देख लिया अफसर बनने का सपना।

‘अगर मुश्किलें ना होती तो आईपीएस ना बनता’

एक इंटरव्यू में आईपीएस ऑफिसर सफीन हसन बताते हैं कि अगर उनकी जिंदगी में मुश्किलें ना होती तो वह कभी आईपीएस ऑफिसर बन ही ना पाते। केवल 22 साल की उम्र में देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक यूपीएससी (UPSC) पास करने वाले सफीन का मानना है कि अगर जिंदगी आराम से कट रही है तो आखिर हम क्यों मेहनत करना चाहेंगे? हम केवल तब ही मुश्किल रास्ता चुन सकेंगे जब हमारे पास उसके सिवाए कोई रास्ता ना हो। सफीन का कहना है कि अगर उन्होंने बचपन में गरीबी ना देखी होती तो शायद वह अफसर बनने की चाहत भी ना रखते।

बचपन से ही जानते थे कि बड़े होकर अफसर बनूंगा

भारत के पश्चिम में मौजूद गुजरात के सूरत के एक छोटे से गांव कानोदर के रहने वाले सफीन की शिक्षा सरकारी स्कूल से ही हुई। हालांकि एक दिन जब डीएम उनके स्कूल आए, उनकी जिंदगी ही बदल गई। डीएम को इतनी इज्जत मिलती देख सफीन ने अपनी मौसी से पूछा कि आखिर सब इन्हे इतनी इज्जत क्यों दे रहे हैं? तो मौसी ने डीएम को जिले का राजा कहकर बुलाया। बस इसी दिन से सफीन ने ठान लिया कि बड़े होकर उन्हें भी डीएम ही बनना है।

इंटरव्यू से पहले हुए अस्पताल में भर्ती

सफीन हसन की जिंदगी अब एक और बार इम्तिहान लेने वाली थी। यूपीएससी मेन्स परीक्षा के लिये जाते समय सफीन का स्कूटी फिसलने के कारण एक्सीडेंट हो गया। जिस कारण से उन्हें कई गंभीर चोटें भी आई। हालांकि उन्होंने चेक किया कि उनका सीधा हाथ सही है और उन्हें लिखने में कोई दिक्कत नहीं है। इतनी चोट लगने के बावजूद वह अस्पताल जाने की बजाए परीक्षा केंद्र गए और परीक्षा दी। जिसके बाद जब मेंस की परीक्षा खत्म हो गई तो सफीन अस्पताल में भर्ती हो गए और डेढ़ महीने वहीं रहे। जिसके बाद इंटरव्यू से करीब एक हफ्ते पहले वह अस्पताल से डिस्चार्ज हुए और इंटरव्यू की तैयारी के लिए दिल्ली आ गए।

इन सब मुसीबतों के बावजूद सफीन हसन ने साल 2017 में केवल 22 साल की उम्र में 570 वीं रैंक हासिल की और यूपीएससी में सफलता हासिल कर ली। जिसके बाद उन्हें गुजरात के जामगड़ में आईपीएस ऑफिसर के रूप में नियुक्त कर दिया गया। सफीन हसन की इस कहानी से शाहरुख खान का वो डायलॉग सच होता नजर आता है कि ‘अगर किसी चीज को शिद्दत से चाहो तो पूरी कायनात तुम्हे उससे मिलाने की साजिश में लग जाती है।’

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