Mahakumbh 2025: महाकुंभ में उमड़ा जनसैलाब, हर दिन 1 करोड़ से अधिक श्रद्धालु लगा रहे आस्था की डुबकी

Mahakumbh 2025: महाकुंभ में हर दिन 1 करोड़ से अधिक लोग आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। मौनी अमावस्या के बाद भी यहां श्रद्धालुओं का रेला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। हर दिन यहां संगम घाट पर श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं।

Mahakumbh 2025.

महाकुंभ में उमड़ा जनसैलाब

Mahakumbh 2025: प्रयागराज में विश्व के सबसे बड़े धार्मिक सांस्कृतिक समागम 'महाकुंभ 2025' ने दुनिया को अचंभित कर रखा है। महाकुंभ 2025 की शुरुआत 13 जनवरी 2025 में की गई थी। तब से लगातार यहां भारी संख्या में श्रद्धालु संगम घाट पर स्नान करने के लिए पहुंच रहे हैं। दुनियाभर के बड़े धार्मिक आयोजनों में यह अपनी विशेष पहचान बना चुका है। प्रयागराज में मां गंगा, मां यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों के पावन संगम में बीते 30 दिनों में आस्था का अटूट रेला उमड़ रहा है। प्रतिदिन महाकुंभ में 1 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे है। 8 फरवरी तक करीब 42 करोड़ लोगों ने संगम घाट पर आस्था की डुबकी लगाई है।

हर दिन एक करोड़ से अधिक श्रद्धालु लगा रहे आस्था की डुबकी

जानकारी के अनुसार, प्रतिदिन महाकुंभ में श्रद्धाभाव से पहुंच रहे श्रद्धालुओं की संख्या का आकलन करें तो औसतन 1.44 करोड़ लोग हर रोज त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित कर रहे हैं। महाकुंभ के जरिए सनातनियों की आस्था और श्रद्धा की बेमिसाल लहर देखने को मिल रही है। विशेष पर्वों पर श्रद्धालुओं की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के पर्व पर सर्वाधिक 7.64 करोड़ से ज्यादा, जबकि इससे एक दिन पहले 28 जनवरी को 4.99 करोड़ से ज्यादा लोगों ने संगम स्नान किया। वहीं 14 जनवरी (मकर संक्रांति) को 3.50 करोड़ श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया था।

मौनी अमावस्या के बाद भी नहीं थमा श्रद्धालुओं का रेला

आस्थावानों का रेला मौनी अमावस्या के बाद भी नहीं थमा है और प्रतिदिन करीब एक करोड़ और इससे ज्यादा लोग संगम में डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं। इस दौरान महाकुंभ नगरी भक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत नजर आ रही है। 9 फरवरी तक 43 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है।

योगी सरकार की ओर से इस विराट और ऐतिहासिक आयोजन के लिए विशेष तैयारियां पहले ही पूरी कर ली गई थीं, जिससे श्रद्धालुओं को सुगम स्नान की और अन्य सुविधाएं मिल सकीं हैं। सुरक्षा, स्वच्छता और प्रबंधन के शानदार प्रयासों ने महाकुंभ को ऐतिहासिक बना दिया है। आस्था के इस महामेले ने न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया के सनातन संस्कृति प्रेमियों को एक सूत्र में बांधने का कार्य किया है।

इन तिथियों पर जुटे सर्वाधिक श्रद्धालु

13 जनवरी (पौष पूर्णिमा) को 1.70 करोड़

14 जनवरी (मकर संक्रांति) को 3.50 करोड़

26 जनवरी को 1.74 करोड़

27 जनवरी को 1.55 करोड़

28 जनवरी को 4.99 करोड़

29 जनवरी (मौनी अमावस्या) को 7.64 करोड़

30 जनवरी को 2.06 करोड़

31 जनवरी को 1.82 करोड़

1 फरवरी को 2.15 करोड़

3 फरवरी (बसंत पंचमी) को 2.57 करोड़

9 फरवरी को 1.57 करोड़

(इनपुट - आईएएनएस)

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varsha kushwaha author

वर्षा कुशवाहा टाइम्स नाऊ नवभारत में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रही हैं। नवबंर 2023 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। वह इंफ्रा, डे...और देखें

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