रफ्तार के रौब में मंजिल लगेगी आसान, बिहार में खुलने वाले हैं 4 नए एक्सप्रेसवे
Bihar Upcoming Expressway: बिहार में एक्सप्रेसवे का जाल बिछाकर अन्य राज्यों के साथ कनेक्टिविटी को बेहतर किया जा रहा है। इसके लिए गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे (Gorakhpur-Siliguri Expressway), रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे (Raxaul-Haldia Expressway) के बाद वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे (Varanasi-Ranchi-Kolkata Greenfield Expressway) का निर्माण कार्य शुरू होने वाला है। आइये जानते हैं इन एक्सप्रेसवे की खूबियां क्या हैं और ये कहां से होकर गुजरेंगे?
एक्सप्रेसवे
Bihar Upcoming Expressway : उत्तर प्रदेश और बिहार देश के दो प्रमुख राज्य हैं, जिन्हें आपस में कनेक्ट करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम चल रहा है। खासकर, यूपी में एक्सप्रेसवे का जाल बिछा हुआ है, यहां कुल 14 एक्सप्रेसवे हैं। कुछ इसी तर्ज पर बिहार-बंगाल और झारखंड के लोगों को भी नए एक्सप्रेसवे से जोड़ने पर काम चल रहा है। इनमें सबसे महत्वपूर्ण है हाईस्पीड सड़क मार्ग वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे होने वाला है। इस सड़क मार्ग का निर्माण कार्य 7 पैकेज में किया जा रहा है। इनमें से 5 पैकेज के तहत बिहार के कई हिस्सों को जोड़ते हुए एक्सप्रेस-वे बनाया जाएगा। इसी साल बिहार क्षेत्र में इस एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर तय समय से काम पूरा हो गया तो 2027 तक इसे अवागमन के लिए खोल दिया जाएगा। आइये जानते हैं कि ये एक्सप्रेसवे किन शहरों से होकर गुजरेगा और इससे क्या सहूलियतें मिलेंगी? साथ ही हम जानेंगे कि बिहार से जुड़े और कितने एक्सप्रेसवे आने वाले दिनों में खुलने वाले हैं?
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भारत माला परियोजना-2 ए (Bharat Mala Project-2) के तहत बनाए वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे बिहार में यातायात को सुगम करेगा साथ ही राज्य के आर्थिक विकास (Economic Development) का स्कोप तय करेगा। केवल बिहार में 136 किमी. प्रस्तावित इस एक्सप्रेसवे के निर्माण में 5241 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा हल्दिया-रक्सौल और गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे भी राज्य में रफ्तार को धार देंगे।
वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे की लागत (Cost of Varanasi-Ranchi-Kolkata Expressway
वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे वे की कुल अनुमानित लागत 28,500 करोड़ बताई जा रही है। 619 किलोमीटर लंबाई के साथ यह चार राज्यों को कवर करेगा, जिसका 159 किमी लंबा हिस्सा बिहार राज्य से होकर गुजरेगा। इस ग्रीन फील्ड सिक्सलेन एक्सप्रेस-वे (Green Field Six Lane Expressway) के लिए बिहार में 136.7 किमी जमीन चिन्हित कर ली गई है। फेज-1 के निर्माण के लिए 1371 करोड़ खर्च होंगे। वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे यूपी में वाराणसी से शुरु होगा। इसके बाद बिहार के चार जिलों को पार करते हुए झारखंड में प्रवेश करेगा। यहां के पांच जिलों में से गुजरते हुए एक्सप्रेस वे पश्चिम बंगाल में प्रवेश करेगा। यह बंगाल के भी चार जिलों से होते हुए नेशनल हाईवे 19 से जाकर मिलेगा। झारखंड में इसकी लंबाई 187 किमी रहेगी। पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा 242 किमी लंबाई तय करेगा।
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वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेस पहले पैकेज में यूपी के वाराणसी से आरंभ होकर बिहार के कुछ हिस्से में खत्म होगा, जो कि करीब 22 किमी लंबा होगा। इसके अलावा करीब 994.3 करोड़ रुपये की लागत से पहले पैकेज में 27 किमी सड़क का निर्माण किया जाएगा। वहीं, दूसरे पैकैज में भी 27 किमी सड़क का ही निर्माण किया जाएगा, जो कि 851 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा।
बिहार में इन जिलों को करेगा कनेक्ट (Varanasi-Ranchi-Kolkata Greenfield Expressway Route Map)
वाराणसी-रांची-कोलकाता ग्रीनफील्ड सिक्सलेन एक्सप्रेसवे चंदौली (यूपी) स्थित बरहुली गांव से होकर बिहार में प्रवेश करेगा। कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद और गया जिले से होते हुए एक्सप्रेस वे झारखंड में प्रवेश करेगा। फिर चतरा, हजीराबाग, रामगढ़, पीटरबार और बोकारो से होते हुए एक्सप्रेसवे पश्चिम बंगाल में प्रवेश करेगा। बंगाल के पुरुलिया, बांकुरा और आरामबाग से होकर एक्सप्रेसवे उलुबेरिया में राष्ट्रीय राजमार्ग 19 पर समाप्त होगा।जानकारी | विवरण |
एक्सप्रेसवे का नाम | वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे |
एक्सप्रेसवे की लंबाई | 610 KM बिहार में लंबाई 159 किमी. |
परियोजना की अनुमानित लागत | 28,500 करोड़ |
लेन | 6 |
शुरुआती बिंदु | बरहुली गांव (चंदौली) |
आखिरी बिंदु | रांची |
निर्माणकर्ता कंपनी | एनएचएआई |
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे (Gorakhpur-Siliguri Expressway)
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे बिहार की सीमा से सटकर गुजरेगा। कुल मिलाकर पटना से पूर्णिया और बक्सर से भागलपुर तक बनने वाला यह एक्सप्रेस-वे इधर गोरखपुर (यूपी) और उधर सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल) को कनेक्ट करेगा। राज्य में चार महत्वपूर्ण एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य जल्द आरंभ होना है। इसमें गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे (519 किमी) रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे (650 किमी) पूर्वांचल एक्सप्रेस भी शामिल है।यह भी पढ़ें - Surat-Chennai Expressway : रोमांच से भरी होंगी राहें, आ गया देश का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे
इस एक्सप्रेसवे का लगभग 84 किलोमीटर हिस्सा यूपी के गोरखपुर, देवरिया और कुशीनगर जिलों से होकर गुजरेगा। इस एक्सप्रेसवे का लगभग 84 किलोमीटर हिस्सा यूपी के गोरखपुर, देवरिया और कुशीनगर जिलों से होकर गुजरेगा। बिहार के भीतर यह 9 जिलों पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, फारबिसगंज और किशनगंज को आपस में जोड़ेगा।
जानकारी | विवरण |
एक्सप्रेसवे का नाम | गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे |
एक्सप्रेसवे | 519.58 KM |
परियोजना की लागत | 32,000 करोड़ |
लेन | 6 |
शुरुआती बिंदु | जगदीशपुर (गोरखपुर) |
आखिरी बिंदु | सिलीगुड़ी |
निर्माणकर्ता कंपनी | एनएचएआई |
निर्माण पूरा होने की तिथि | 2025 |
आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे (Amas-Darbhanga Expressway
ये ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे राज्य के औरंगाबाद से दरभंगा समेत 8 जिलों से होते हुए गया तक जाएगा। दरभंगा से गया तक फोर लेन होगा। इसके निर्माण से राज्य के संबंधित जिलों के लोगों को आवागमन में सहूलियत होगी। इसके लिए जमीन का अधिग्रहण हो चुका है। 189 किलोमीटर लंबा ये एक्सप्रेस-वे औरंगाबाद के अमास से शुरू होगा। वहीं, अरवल, जहानाबाद, पटना, वैशाली, समस्तीपुर समेत सात जिलों को पार करते हुए दरभंगा तक जाएगा। हाइवे का निर्माण कार्य भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की ओर से किया जाएगा। यह परियोजना 4 फेज में पूरी होगी। इसके निर्माण से दोनों जिलों के बीच की दूरी करीब 4 घंटे कम होने के साथ अमस और दरभंगा के बीच बेहतर कनेक्टिविटी से कृषि उपज, कच्चे माल और औद्योगिक सामानों की तेज आवाजाही में सुविधा होगी।
जानकारी | विवरण |
एक्सप्रेसवे का नाम | आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे |
एक्सप्रेसवे की लंबाई | 189 KM |
परियोजना की अनुमानित लागत | 10 हजार करोड़ |
शुरुआती बिंद | औरंगाबाद |
आखिरी बिंदु | नवादा (दरभंगा) |
निर्माणकर्ता कंपनी | एनएचएआई |
निर्माण पूरा होने की तिथि | 2025-26 |
रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे (Raxaul-Haldia Expressway)
रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे का निर्माण 2023 से जारी है। रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस वे बिहार के कई जिलों से होकर झारखंड और पश्चिम बंगाल के हल्दिया तक बनाया जा रहा है। बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में रक्सौल और पश्चिम बंगाल में हल्दिया बंदरगाह को जोड़ने वाले मार्ग है। भारतमाला परियोजना के चरण 2 के तहत इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का उद्देश्य माल ढुलाई की दक्षता में सुधार करना और नेपाल, बिहार और झारखंड से निर्यात को बढ़ावा देना है। एक्सप्रेसवे के साल 2028 में पूरा होने की उम्मीद है। हालांकि, इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट उपलब्ध नहीं कराई गई है। रास्ते में यह बिहार के मुजफ्फरपुर और पश्चिम बंगाल के आसनसोल-दुर्गापुर से होकर गुजरेगा।
जानकारी | विवरण |
एक्सप्रेसवे का नाम | रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे |
एक्सप्रेसवे की लंबाई | 695 किमी. |
परियोजना की अनुमानित लागत | 54,000 करोड़ |
लेन | 4/6 |
शुरुआती बिंदु | हल्दिया |
आखिरी बिंदु | रक्सौल |
निर्माणकर्ता कंपनी | एनएचएआई |
बिहार में 367 किलोमीटर तक बनने वाले इस एक्सप्रेसवे के लिए 20,000 करोड़ रुपये होगी। यह एक्सप्रेसवे पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, लखीसराय, जमुई और बांका से गुजरेगा।
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Pushpendra kumar author
पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्षा-दीक्षा भी उसी परिवेश के साथ आगे बढ़ी। साल 2016 स...और देखें
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