बिहार में 'ठाकुर' पर मचा बवाल, मनोज झा के इस बयान पर छिड़ा RJD में 'गृहयुद्ध'
Bihar Cast Politics: मनोझ झा ने राज्यसभा में ठाकुरों पर ऐसा बयान दिया, जिससे उनकी ही पार्टी के नेता उनसे रूठ गए हैं। लालू की पार्टी में अंदरूनी कलेश शुरू हो गया है और आरजेडी विधायक चेतन आनंद ने ये कह दिया है कि ठाकुरों के खिलाफ इस तरह के बयान हम कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। आपको सारा विवाद समझाते हैं।
आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद ने मनोज झा को सुनाई खरी-खोटी।
Thakur Controversy: लालू यादव की पार्टी आरजेडी के ठाकुर नेता इन दिनों नाराज चल रहे हैं। इस नाराजगी की वजह है राज्यसभा सांसद मनोज झा का वो बयान जिसमें उन्होंने ठाकुरों पर तंज कसा था। महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान मनोज झा ने ठाकुरों पर सदन में टिप्पणी करते हुए कहा था कि 'चूल्हा मिट्टी का, मिट्टी तालाब की, तालाब ठाकुर का…'। उनका यही बयान आरजेडी के ठाकुर नेताओं को चुभ गया है और विधायक चेतन आनंद ने सीधे मनोज झा को लपेटे में ले लिया।
आनंद मोहन के बेटे ने मनोज झा को कोसा
बिहार की सियासत में आनंद मोहन की पहचान ठाकुरों के नेता के तौर पर है। राजपूत समाज से आने वाले उनके बेटे चेतन आनंद ने मनोज झा पर एक फेसबुक पोस्ट के जरिए तीखा प्रहार किया है। उन्होंने लिखा कि 'हम ठाकुर हैं साहब, सबको साथ लेकर चलते हैं। इतिहास में सबसे अधिक बलिदान हमारा है। समाजवाद में किसी एक जाति को टारगेट करना समाजवाद के नाम पर दोगलापन के अलावा कुछ नहीं। जब हम दूसरों के बारे में गलत नहीं सुन सकते तो अपने (ठाकुरों) पर अभद्र टिप्पणी बिल्कुल नहीं बर्दाश्त करेंगे।'
क्या आरजेडी में होने वाली है टूट?
आरजेडी विधायक चेतन आनंद के इस पोस्ट के बाद से पार्टी में खलबली मच गई है। बिहार की सियासत में जातीय समीकरण बेहद अहम है। लालू की पार्टी में समाजवाद के नाम पर घमासान छिड़ गया है। बताया जा रहा है कि मनोज झा के बयान से राजपूत समाज में भारी है, जिसका असर आगामी लोकसभा चुनाव में देखने को मिल सकता है। माना ये भी जा रहा है कि अगर इस विवाद पर लगाम नहीं लगा तो आरजेडी में दरार भी पड़ सकती है।
मनोज झा के किस बयान पर मचा बवाल?
आरजेडी के दिग्गज नेताओं में शुमार होने वाले मनोज झा ने राज्यसभा में नारी शक्ति वंदन विधेयक पर चर्चा के दौरान एक कविता पढ़ी थी। उन्होंने इस कहा था, 'चूल्हा मिट्टी का, मिट्टी तालाब की, तालाब ठाकुर का…भूख रोटी की, रोटी बाजरे की, बाजरा खेत का, ठाकुर का बैल, ठाकुर का हल, हल की मूठ पर हथेली अपनी, फसल ठाकुर की, कुआं ठाकुर का, पानी ठाकुर का, खेत-खलिहान ठाकुर के, गली-मुहल्ले ठाकुर के फिर अपना क्या? गांव? शहर? देश?'
बिहार की राजनीति में जाति का कितना वर्चस्व
कहते हैं उत्तर प्रदेश और बिहार की राजनीति में जातीय समीकरण का सबसे बड़ा प्रभाव पड़ता है। जिस इलाके में जिस जाति का बोलबाला है, वहां को वोटर्स एकमुश्त मतदान करते हैं। बिहार में कुछ प्रमुख जातियों में कुर्मी, यादव, भूमिहार, एससी-एसटी, कायस्थ और राजपूत का अच्छा खासा प्रभाव है। ऐसे में आरजेडी की ये कोशिश होगी कि इस विवाद पर जल्द से जल्द ब्रेक लगा दिया जाए।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। पटना (Cities News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।
मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें
'पत्नी-रिश्तेदार करते थे शोषण', 24 पन्ने का सुसाइड नोट; बेंगलुरु के इंजीनियर ने बताया जीना दूभर कर दिया था
यूपी के फतेहपुर में नूरी मस्जिद पर चला बुलडोजर, भारी पुलिस बल तैनात; PWD ने पहले ही दे दिया था नोटिस
सहारनपुर में विकास की नई उड़ान, रिंग रोड का होगा निर्माण; देवला से हरोड़ा तक बनेगा फोरलेन
राहुल गांधी ने संभल हिंसा पीड़ितों से की मुलाकात, न्याय दिलाने का किया वादा
रवि किशन के संग मजाकिया अंदाज में दिखे CM योगी, बोले- कभी अच्छा और पुण्य का काम किया करो
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited