अफवाहों के अंधेरे में न भटकें, सिर्फ ऑफिशियल चैनल पर करें यकीन; बिना आदेश के न करें ब्लैकआउट ड्रिल- नोएडा DM
नोएडा के डीएम मनीष कुमार वर्मा ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। उन्होंने यह भी साफ किया है कि ब्लैकआउट ड्रिल, स्कूल बंद करने या किसी अन्य आपात स्थिति से जुड़ी सूचना के लिए सिर्फ आधिकारिक चैनलों के माध्यम से ही जारी की जाएगी। ऐसी किसी भी सूचना के लिए किसी फर्जी व्हाट्सऐप मैसेज या वीडियो पर यकीन न करें।

नोएडा डीएम ने की अहम बैठक
भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बीच नोएडा के जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और उनपर भरोसा न करने की अपील की है। उन्होंने लोगों से कहा कि वे बिना विशेषज्ञों की निगरानी के किसी भी तरह की सिविल डिफेंस ड्रिल न करें। नोएडा डीएम ने यह बात शुक्रवार को आरडब्ल्यूए, औद्योगिक संगठनों, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, अग्निशमन और राहत बलों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक में कही। डीएम ने यह भी स्पष्ट किया कि "ब्लैकआउट, स्कूल बंद करने या किसी भी आपात स्थिति से जुड़ी सूचना केवल आधिकारिक चैनलों से दी जाएगी। लोग ऐसे फर्जी मैसेज या वीडियो पर यकीन न करें और उन्हें फॉरवर्ड न करें।"
ब्लैकआउट में भी बंद नहीं होगी लिफ्ट
डीएम मनीष कुमार वर्मा ने कहा कि आने वाले समय में अगर कोई और ब्लैकआउट ड्रिल किया जाएगा, तो इस संबंध में सरकार की ओर से आधिकारिक आदेश जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लिफ्टों को किसी भी हालात में बंद नहीं किया जाना है। कुछ हाउसिंग सोसाइटीज ने अपनी तरफ से लिफ्ट बंद कर दी थी। वहीं कुछ सोसाटियों ने नोटिस लगाया कि ब्लैकआउट के दौरान लिफ्ट का इस्तेमाल न करें, जिससे लोगों के बीच भ्रम की स्थिति फैली।
कई सोसायटियों ने खुद से किया मॉक ड्रिल
डीएम ने कहा कि 7 मई को गृह मंत्रालय के आदेश पर स्थानीय प्रशासन ने कुछ तय स्थानों पर हवाई हमले के प्रोटोकॉल पर ड्रिल करने की घोषणा की थी। लेकिन कई सोसायटियों ने बिना निर्देश के खुद से ब्लैकआउट ड्रिल शुरू कर दी। उन्होंने बताया कि निवासियों के बीच एक फर्जी व्हाट्सएप मैसेज तेजी से फैला, जिसमें कहा गया था कि पूरे जिले में पूरी तरह से ब्लैकआउट किया जाना चाहिए। जिसके बाद कई RWA और AOA ने बिना किसी निगरानी के मॉक ड्रिल की। जिसमें लोगों के बेसमेंट में इकट्ठा होना, लाइट बंद करना और लिफ्टों को बंद करना शामिल था।
मैसेज वैरिफाई करने के लिए ट्रोल फ्री नंबर
डीएम ने कहा कि ऐसा कोई आदेश प्रशासन की ओर से जारी नहीं किया गया था। बाद में हमने स्पष्ट किया कि ड्रिल सिर्फ कुछ तय जगहों पर होनी थी। उन्होंने एडीएम (वित्त और राजस्व) को एक कंट्रोल रूम और टोल-फ्री नंबर बनाने का निर्देश दिया। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि फिर से इस तरह की गलत जानकारी फिर से न फैले। डीएम ने स्कूलों को भी निर्देश दिया है कि वे बच्चों के माता-पिता को बताएं कि स्कूल बंद होने जैसी अफवाहों पर भरोसा न करें। ऐसी सूचना सिर्फ सरकारी माध्यमों से जारी होने पर ही मानी जाएं।
पुलिस-सेना की गतिविधियों को न करें शेयर
संयुक्त पुलिस आयुक्त राजीव नारायण मिश्रा ने हाउसिंग सोसाइटीज से कहा कि किसी भी हालत में लिफ्ट बंद न करें। आपातकालीन स्थितियों में भी जब ब्लैकआउट का आदेश दिया गया हो, तब भी लिफ्ट को चालू रखा जाए। उन्होंने कहा कि लिफ्टों के लिए बिजली कनेक्शन की वैकल्पिक करें। जिससे यह सुनिश्चित हो कि पावर कट के समय भी लिफ्ट चालू रहें, ताकि कोई अंदर न फंसे। उन्होंने यह भी कहा कि लोग सोशल मीडिया पर पुलिस या सेना की गतिविधियों के वीडियो रिकॉर्ड न करें और न ही उन्हें शेयर करें।
ग्रेटर नोएडा की आरडब्ल्यूए फेडरेशन के अध्यक्ष देवेंद्र टाइगर ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि कि कई सोसाइटियों ने सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों के चलते मॉक ड्रिल शुरू की थी। जिससे उन्हें भ्रम हुआ कि सभी लोगों को ब्लैकआउट ड्रिल करने की जरूरत है। उन्होंने कहा अब हम प्रशासन से सीधे संपर्क में रहेंगे और सिर्फ आधिकारिक जानकारी पर ही भरोसा करेंगे।
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