लड़की का हाथ थाम इश्क का इजहार करना नहीं होता छेड़छाड़- नाबालिग से बदतमीजी के आरोप पर कोर्ट का बयान

दरअसल, अदालत की यह टिप्पणी उस मामले में आई, जहां एक रिक्शा चालक पर नाबालिग से बदतमीजी का आरोप लगा था। मामले में रिक्शा वाले ने लड़की का हाथ पकड़कर कथित तौर पर उसके साथ छेड़खानी की थी।

लड़की का हाथ थाम इश्क का इजहार करना नहीं होता छेड़छाड़- नाबालिग से बदतमीजी के आरोप पर कोर्ट का बयान

लड़की का हाथ थाम कर इश्क का इजहार करना छेड़छाड़ नहीं होता है। यह बात मंगलवार (28 फरवरी, 2023) को बॉम्बे हाईकोर्ट की ओर से साफ की गई। दरअसल, अदालत की नागपुर बेंच की तरफ से यह टिप्पणी उस मामले में आई, जहां एक रिक्शा चालक पर नाबालिग से बदतमीजी का आरोप लगा था। मामले में रिक्शा वाले ने लड़की का हाथ पकड़कर कथित तौर पर उसके साथ छेड़खानी की थी।

कोर्ट के आदेश के अनुसार, चूंकि आरोपी ने उसका हाथ किसी यौन इरादे से नहीं थामा था, लिहाजा लगाए गए आरोप से यह समझा जा सकता है कि यह किसी प्रकार का यौन उत्पीड़न नहीं है। 17 बरस की लड़की के पिता ने आरोपी के खिलाफ यवतमाल के एक पुलिस स्टेशन में शिकायत दी थी, जिसके बाद हरकत में आते हुए पुलिस अफसरों ने आईपीसी (भारतीय दंड संहिता) के संबंधित प्रावधानों के अंतर्गत केस दर्ज कर लिया था।

मीडिया रिपोर्ट्स में लड़की पक्ष की कंप्लेट के हवाले से बताया गया कि वह कोचिंग और कॉलेज के लिए आरोपी के रिक्शा से ही जाती थी। कुछ समय बाद जब उसने उसका रिक्शा लेना बंद कर दिया तब आरोपी इस बात पर बुरी तरह भड़क उठा और उसने इस बात कड़ी नाराजगी जाहिर की थी। यही नहीं, वह लड़की का इसके बाद पीछा करने लगा था।

आगे बताया गया कि एक नवंबर, 2022 को आरोपी ने बाइक पर बैठाने के लिए पीड़िता को कहा था, मगर उसने इस बात से साफ इन्कार कर दिया। फिर क्या था, आरोपी ने उसका कथित तौर पर हाथ पकड़ा और प्रपोज भी कर दिया, जिसके बाद यह पूरा मामला पुलिस तक पहुंचा।

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अभिषेक गुप्ता author

छोटे शहर से, पर सपने बड़े-बड़े. किस्सागो ऐसे जो कहने-बताने और सुनाने को बेताब. कंटेंट क्रिएशन के साथ नजर से खबर पकड़ने में पारंगत और "मीडिया की मंडी" ...और देखें

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