अमरमणि जेल से रिहाः डिंपल बोलीं- औरतों के लिए ये अच्छा संदेश नहीं; कभी UP में त्रिपाठी की बोलती थी तूती

Madhumita Shukla Murder Case: यूपी के पूर्व मंत्री के बेटे ने मीडिया से कहा- हम 20 साल से इस पल और अपने मां-बाप के लिए तरस रहे थे।

Amarmani Tripathi

तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (क्रिएटिवः अभिषेक गुप्ता)

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो

Madhumita Shukla Murder Case: मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी को 16 साल बाद राहत मिली है। शुक्रवार (25 अगस्त, 2023) शाम उन्हें पत्नी मधुमणि त्रिपाठी के साथ गोरखपुर जेल से रिहा कर दिया गया। यूपी शासन के कारागार प्रशासन और सुधार अनुभाग के विशेष सचिव मदन मोहन ने एक रोज पहले 24 अगस्त 2023 को राज्य की 2018 की रिहाई नीति का जिक्र करते हुए अमरमणि की समयपूर्व रिहाई से जुड़ा आदेश जारी किया था, जबकि उच्चतम न्यायालय ने त्रिपाठी और उनकी पत्नी की रिहाई पर रोक लगाने से शुक्रवार को इन्कार कर दिया।

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अधिकारी ने आदेश का हवाला देते हुए कहा कि विभाग ने उनकी वृद्धावस्था और जेल में अच्छे आचरण का जिक्र किया है। वहीं, जेलर एके कुशवाहा ने बताया कि विभाग ने उनकी वृद्धावस्था और अच्छे व्यवहार का भी हवाला दिया क्योंकि अमरमणि 66 वर्ष के हैं और मधुमणि 61 वर्ष की हैं। उन्होंने बताया कि दोनों को जेल हिरासत से रिहा कर दिया गया है, लेकिन वे बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ही रहेंगे।

इस बीच, बेटे अमनमणि त्रिपाठी ने मीडिया से कहा, "माता-पिता चिकित्सकों की निगरानी में हैं। चिकित्सकीय सलाह के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।" देखिए, उनके बेटे ने और क्या बताया:

BJP के अलावा SP-BSP में भी रहे त्रिपाठीबाहुबली नेता हरिशंकर तिवारी के सियासी चेले माने जाने वाले त्रिपाठी की तूती कभी यूपी में बोलती थी। महराजगंज जिले की लक्ष्‍मीपुर (अब नौतनवा) विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित अमरमणि त्रिपाठी कल्‍याण सिंह, राम प्रकाश गुप्ता और राजनाथ सिंह के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार में मंत्री रह चुके हैं। मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान वह समाजवादी पार्टी (सपा) में थे और फिर वह बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में चले गए थे।

क्या है मधुमिता शुक्ला हत्याकांड? जानिएदरअसल, कवयित्री मधुमिता की नौ मई, 2003 को लखनऊ की पेपर मिल कॉलोनी में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। घटना के वक्त वह गर्भवती थीं। अमरमणि को सितंबर, 2003 में कवयित्री की हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था, जिनके साथ कथित तौर पर अवैध संबंध थे। केस की जांच केन्‍द्रीय अन्‍वेषण ब्‍यूरो (सीबीआई) को दी गई थी।

देहरादून की एक अदालत ने अक्टूबर, 2007 में मधुमिता की हत्या के लिए त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, जिसके बाद नैनीताल उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय ने भी दंपति की सजा को बरकरार रखा था। दोनों कवयित्री मधुमिता के मर्डर के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे।

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अभिषेक गुप्ता author

छोटे शहर से, पर सपने बड़े-बड़े. किस्सागो ऐसे जो कहने-बताने और सुनाने को बेताब. कंटेंट क्रिएशन के साथ नजर से खबर पकड़ने में पारंगत और "मीडिया की मंडी" ...और देखें

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