भारत का पहला टेबल पंचांग हुआ जारी; तिथियों, पर्वों और नक्षत्रों के साथ अध्यात्म का मिलेगा संगम

राजधानी दिल्ली के प्रतिष्ठित प्रेरणा मीडिया संस्थान श्याम सुंदर पाठक द्वारा निर्मित पंचांग को रिलीज करने के लिए समारोह का आयोजन किया गया था। इस पंचांग में तिथियों और पर्वों के साथ संस्कृति, समय और अध्यात्म का संगम देखने को भी मिलेगा।

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भारत का पहला टेबल पंचांग हुआ जारी

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के प्रतिष्ठित प्रेरणा मीडिया संस्थान में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस गरिमामय आयोजन के अंतर्गत जाने-माने कवि एवं वरिष्ठ जीएसटी आयुक्त श्याम सुंदर पाठक द्वारा निर्मित पंचांग रिलीज किया गया। यह पंचांग न केवल समय गणना का माध्यम है, बल्कि भारतीय संस्कृति, परंपराओं और आध्यात्मिक चेतना को जन-जन तक पहुंचाने का एक सशक्त प्रयास भी है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर अनिल पांडेय और वरिष्ठ चिंतक, लेखक एवं पत्रकार बलबीर पुंज मुख्य वक्ता (Keynote Speaker) के रूप में उपस्थित रहे। इतना ही नहीं उन्होंने पंचांग रिलीज कार्यक्रम में शामिल लोगों को संबोधित भी किया।

भारत का पहला टेबल पंचांग रिलीज

इस विशेष अवसर पर पत्रकार बलबीर पुंज ने कहा, “पंचांग केवल कैलेंडर नहीं होता, यह समय का वह सूक्ष्म दर्शन है, जो ऋषियों ने युगों पूर्व स्थापित किया था। इसमें खगोलीय गणनाओं के साथ-साथ सामाजिक और आध्यात्मिक संकेत भी छिपे होते हैं। श्याम सुंदर पाठक का यह प्रयास नई पीढ़ी को भारतीय वैचारिक धारा से जोड़ने का एक सराहनीय माध्यम है।” मुख्य अतिथि अनिल पांडेय ने कहा, “आज जब हम अपनी सांस्कृतिक पहचान को लेकर संघर्ष कर रहे हैं, तब ऐसे पंचांग समाज को आत्मस्मरण कराते हैं कि हमारी जड़ें कितनी गहरी और समृद्ध हैं। श्याम सुंदर पाठक ने इस पंचांग में जो सूक्ष्म विवेचन किया है, वह इसे साधारण पंचांग से अलग और विशेष बनाता है।”

क्या है पंचांग की खासियत

श्याम सुंदर पाठक द्वारा निर्मित पंचांग न केवल तिथियों, पर्वों और नक्षत्रों की जानकारी देता है, बल्कि प्रत्येक माह के प्रारंभ में इंस्पिरेशनल कोट्स, सांस्कृतिक तथ्यों, और धार्मिक प्रसंगों के माध्यम से पाठकों को आत्ममंथन का अवसर भी देता है। इसमें वर्णित योग, करण, मुहूर्त, और ग्रह चाल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी प्रमाणित हैं।

इस पंचांग में है एक अनोखी बात

इस पंचांग में एक अनोखी बात है। वह बात यह है कि पंचांग में श्रीमद्भगवद्गीता के श्लोकों व श्री रामचरितमानस की उपयोगी चौपाईयों का भी समावेश किया गया है । पाठक जी ने बताया, “यह पंचांग मात्र तिथियों का क्रम नहीं, बल्कि एक जीवन-दर्शन है। मैंने इसमें प्रयास किया है कि समय के साथ-साथ संस्कृति का भी बोध हो। गीता के श्लोकों को इस रूप में जोड़ना कि वे हमारे मानसिक क्रियाकलापों से संवाद करें, यही इस पंचांग की आत्मा है।” कार्यक्रम में नोएडा विकास प्राधिकरण की ACEO श्रीमती वंदना त्रिपाठी आई ए एस ने भी श्याम सुंदर पाठक जी के पंचांग की प्रशंसा की। वहीं उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के प्रचार प्रमुख कृपा शंकर ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।

डिजिटल रूप में भी उपलब्ध होगा पंचांग

पंचांग रिलीज समारोह में राजधानी के अनेक साहित्यकार, पत्रकार, शिक्षाविद एवं प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे। इसके अलावा कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट में हाल में लगी न्याय की मूर्ति के सृजनकर्ता विनोद गोस्वामी , लेखक शिवेश प्रताप और जाने-माने डॉक्टर आशीष भूषण सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। सभी ने पंचांग की सामग्री, भाषा-शैली और सांस्कृतिक प्रस्तुति की मुक्त कंठ से प्रशंसा की। प्रेरणा मीडिया संस्थान के निदेशक मंडल ने बताया कि यह पंचांग पूरे देश में वितरित किया जाएगा और डिजिटल रूप में भी उपलब्ध रहेगा, ताकि युवा वर्ग भी आसानी से इसे देख सके।

संस्कृति से जोड़ता है यह पंचांग

आज के समय में जब लोग आधुनिक जीवनशैली में भारतीय तिथियों और संस्कारों से अलग होते जा रहे हैं, ऐसे में यह पंचांग उन्हें न केवल धार्मिक तिथियों की जानकारी देगा, बल्कि मानव जीवन के मूल्यों की ओर भी उन्मुख करेगा।

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varsha kushwaha author

वर्षा कुशवाहा टाइम्स नाऊ नवभारत में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रही हैं। नवबंर 2023 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। वह इंफ्रा, डे...और देखें

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