23 जिले 1500 KM लंबाई! बिहार में रफ्तार की क्रांति लाएंगे ये 3 एक्सप्रेस-वे; किसानों की भरेगी तिजोरी
Bihar Expressway: बिहार में करीब 1500 किलोमीटर की तीन एक्सप्रेसवे परियोजनाओं के लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य शेष है। हालांकि, पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए 6 जिलों में किसानों की जमीन खरीदने के लिए भूमि अधिग्रहण टीम का गठन कर दिया गया है, लेकिन 2 बड़े प्रोजेक्ट हल्दिया-रक्सौल और गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे की एलाइनमेंट मंजूर होने के बाद भी पथ निर्माण विभाग को दस्तावेज नहीं मिले। आइये जानते हैं ये सड़क मार्ग कितने जिलों को कवर करेंगे और इन्हें बनाने में कितने रुपये खर्च करने की योजना है?

बिहार एक्सप्रेसवे
Bihar Expressway: बिहार में सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जा रहा है। राज्य में कई सड़क परियोजनाएं प्रस्तावित हैं। इनमें पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे के निर्माण प्रक्रिया की कवायत तेज कर दी गई है! 281 किलोमीटर लंबे पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस-वे (Patna-Purnia Expressway) के लिए कंपीटेंट अथॉरिटी ऑफ लैंड एक्विजिशन (काला) का गठन हो गया है, जबकि, रक्सौल-हल्दिया मार्ग (Haldia-Raxaul Expressway) और गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे (Gorakhpur-Siliguri Expressway) के एलाइनमेंट को अभी हाल में ही मंजूरी मिली है। हालांकि, मंजूरी के दस्तावेज पथ निर्माण विभाग को अभी तक नहीं सौंपे गए। लिहाजा, निर्माण कार्य इस साल शुरू होने में परेशानी हो सकती है। इन तीनों परियोजनाओं की लंबाई करीब 1500 किलोमीटर के आसपास है, जो 23 जिलों को कनेक्ट करेंगी। पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे को लेकर माना जा रहा है कि जमीन अधिग्रहण के बाद इसकी डीपीआर तैयार कर निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। अब जल्द ही परियोजना को रफ्तार देने के लिए संबंधित रूट पर जमीन की खरीदी की जाएगी, जिससे किसानों को आर्थिक तौर पर काफी मुनाफा होगा। इन तीन बड़ी परियोजनाओं से जुड़ी पूरी डिटेल हम आपके साथ साझा कर रहे हैं।
पटना-पूर्णिया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे रूट मैप
पटना-पूर्णिया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे की लंबाई 281.05 किलोमीटर है। इसे 6 लेन के तहत विकसित किया जाएगा। इस एक्सप्रेस-वे के लिए 14 जिलों में जमीन का अधिग्रहण होना है। यह एक्सप्रेसवे एनएच-22 के मीरनगर (वैशाली) से शुरू होकर समस्तीपुर, दरभंगा, सहरसा और मधेपुरा होते हुए एनएच-25 के चंद भट्टी (पूर्णिया) तक जाएगा। यह परियोजना 6 जिलों के 29 प्रखंडो में 3381.2 हेक्टेयर भूमि पर निर्मित की जाएगी। इसके बनने से पटना से पूर्णिया तक की यात्रा महज 3 घंटे में पूरी होगी।
पटना-पूर्णिया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे की लागत
पटना-पूर्णिया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे की अनुमानित लागत 18042 करोड़ रुपये है। इसके बनने 4 जिलों के 15 प्रखंडो को राहत मिलेगी और किसानों को अपनी फसल मंडियों तक ले जाने में आसानी होगी। साथ ही लोगों का सफर काफी आसान होगा।
जानकारी | विवरण |
एक्सप्रेसवे का नाम | पटना-पूर्णिया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे |
एक्सप्रेसवे की लंबाई | 281 किमी. |
एक्सप्रेसवे की लागत | 18042 करोड़ रुपये |
एक्सप्रेसवे लेन संख्या | 6 |
एक्सप्रेसवे रूट जिले | वैशाली, समस्तीपुर, दरभंगा, सहरसा, मधेपुरा और पूर्णिया |
कंपलीट होने की तिथि | 2028-29 |
रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट
उधर, रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे भी 6 लेन में विकसित किए जाएगा। यह एक्सप्रेसवे बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के लोगों का सफर आसान करेगा। खासकर, बिहार के लिए ये हाईटेक मार्ग वरदान साबित होगा। राज्य में 695 में से 367 किमी की दूरी कवर करेगा। यह पूरी तरह एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेसवे होगा, जो पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की तरह दोनों ओर से घिरा रहेगा। ताकि, बाहरी जानवर इत्यादि अंदर न आ सकें। पूरी तरह एक्सीडेंट कंट्रोल रखने के लिए लिहाज से इसको बनाया जा रहा है। चूंकि, इसमें अधिकतम स्पीड लिमिट 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे रखी गई है।
हल्दिया-रक्सौल एक्सप्रेसवे पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार में 695 किलोमीटर की दूरी कवर करेगा। ग्रीन फील्ड एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेसवे (Greenfield Access Control Expressway) झारखंड राज्य के दो जिलों देवघर में 65 किलोमीटर और जामताड़ा में 50 किमी दूरी का शामिल करते हुए हल्दिया बंदरगाह (Haldia Port) को कनेक्ट करेगा। प्रारंभिक परियोजना को 4 से 6 लेन तक प्रस्तावित किया गया है। यह बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में रक्सौल और उधर पश्चिम बंगाल में हल्दिया तक बनेगा। एक रिपोर्ट के अनुसार इसके चालू होने से देवघर और पटना और कोलकाता जैसे प्रमुख शहरों के बीच यात्रा का समय केवल तीन घंटे में पूरा होगा।
हल्दिया-रक्सौल एक्सप्रेसवे रूट मैप
बिहार में 367 किलोमीटर तक बनने वाले इस एक्सप्रेसवे के लिए 20,000 करोड़ रुपये की लागत निर्धारित की गई, यह बढ़ भी सकती है। यह एक्सप्रेसवे पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, लखीसराय, जमुई और बांका से गुजरेगा। एक्सप्रेसवे रक्सौल से शुरू होगा और पूर्वी चंपारण, शिवहर, समस्तीपुर, बेगूसराय से होकर आगे बढ़ेगा। आगे सूर्यागढ़ा से मलयपुर, चिरयंदी, बांका के कटोरिया, देवघर के मोहनपुर-नागपुर, घोरमारा, सोनारायताढ़ी तक नए पुल के जरिए गंगा नदी (Ganga River) को पार करेगा। फिर आगे जामताड़ा में पालोजोरी, कुंडलित, बोलपुर, आरामबाग, राजहट्टी, पूर्वी मिदनापुर और अंत में हल्दिया बंदरगाह तक जाएगा। पश्चिम बंगाल के आसमसोल-दुर्गापुर को कवर करेगा। इस परियोजना को बनाने के लिए एनएचएआई 60,000 हजार करोड़ रुपये खर्च कर रही है।
जानकारी | विवरण |
एक्सप्रेसवे का नाम | हल्दिया-रक्सौल एक्सप्रेसवे |
एक्सप्रेसवे की लंबाई | 695 किमी. |
एक्सप्रेसवे की लागत | 60,000 हजार करोड़ |
एक्सप्रेसवे लेन संख्या | 6 |
एक्सप्रेसवे के जिले | पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, लखीसराय, जमुई और बांका |
कंपीलट होने की तिथि | 2028 संभावित |
गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे
उत्तर-प्रदेश, बिहार और बंगाल को सीधे कनेक्टिविटी देने के लिए 519 किलोमीटर लंबे 6 लेन गोरखपुर-सिलीगुड़ी ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए तैयारियां तेज कर दी गई हैं। इसके निर्माण को मंजूरी मिल गई है। इसका 73 प्रतिशत हिस्सा बिहार के 8 जिलों में निर्मित किया जाएगा। इसको 120 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से वाहन दौड़ाने के लिहाज से डिजाइन किया जाएगा। फिलहाल इसके लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य शेष है।
गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे के जिले
गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे 417 किलोमीटर की दूरी बिहार के दरभंगा, चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, किशनगंज, सुपौल, फारबिसगंज को सीधे कनेक्ट करेगा। यह राज्य के 39 प्रखंडो के 313 गांवों से होकर गुजरेगा। इस प्रोजेक्ट के तहत गंडक और कोसी नदी के पुल के रिएलायनमेंट की योजना है। बिहार में इस हाईटेक मार्ग के निर्माण के लिए 27,552 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। एक्सेस कंट्रोल ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे पर 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वाहन दौड़ाये जा सकते हैं।
जानकारी | विवरण |
एक्सप्रेसवे का नाम | गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रे |
गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे की लंबाई | 519 किमी. |
38,645 करोड़ रुपये | |
एक्सप्रेसवे लेन संख्या | 6 |
एक्सप्रेसवे के जिले (बिहार) | पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज |
कंपलीट होने की तिथि | 2028 (संभावित) |
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे की लंबाई
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे यूपी में 84.3 किमी., बिहार में 417 किमी. और पश्चिम बंगाल में 18 किमी की लंबाई तय करेगा। मौजूदा समय में गोरखपुर-सिलीगुड़ी को जोड़ने वाली कोई सीधा सड़क मार्ग नहीं है। लिहाजा, अभी सफर तय करने में 15 घंटे का टाइम लगता है। लेकिन, इस सड़क मार्ग के निर्माण से 15 घंटे का सफर महज 6 घंटे में तय किया जा सकेगा। इस परियोजना को विकसति करने के लिए कुल 37,645 करोड़ निर्धारित किए गए हैं।
फिलहाल, रक्सौल-हल्दिया और गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे का कार्य एलाइनमेंट की स्वीकृति दस्तावेज प्राप्त नहीं होने के कारण रुका हुआ है। पथ निर्माण विभाग के हाथ दस्तावेज आते ही इसके काम में तेजी आने के कयास हैं।
बिहार में इन एक्सप्रेसवे के निर्माण से संबंधित रूट पर पड़ने वाले शहरो, कस्बों और गांव के आसपास रोजगार की संभावनाएं बढ़ेगी। एक्सप्रेसवे के किनारे औद्योगिक इकाईयां, होटल, रेस्टोरेंट, ढाबे, मंडियां, ईधन, पेट्रोल पंप और बाजार इत्यादि विकसित कर स्थानीय लोगों को रोजगार मुहैया कराया जाएगा। स्थानीय लोग अपने छोटे धंधे को बढ़ाकर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकेंगे।
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