GBS 2025 में बोले टाइम्स नेटवर्क के MD विनीत जैन, आज दुनिया हमें सिर्फ मार्केट नहीं, बल्कि पार्टनर के रूप में देख रही है

द टाइम्स नेटवर्क के मैनेजिंग डायरेक्टर विनीत जैन ने Global Business Summit 2025 के मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी के सफल अमेरिकी दौरे पर उन्हें बधाई दी और साथ ही बताया कि कैसे आज दुनिया हमें सिर्फ बाजार नहीं समझती, बल्कि अपने पार्टनर के रूप में देखती है।

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द टाइम्स नेटवर्क के एमडी विनीत जैन

Global Business Summit 2025: ग्लोबल बिजनेस समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत द टाइम्स नेटवर्क के मैनेजिंग डायरेक्टर विनीत जैन ने किया। उन्होंने कहा कि यह समिट हमेशा ही बिजनेस, इकोनॉमिक्स और समाज के लिए एजेंडा सेट करता है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में यह समिट एक ऐसा समिट बन गया है, जहां पर सिर्फ विचारों का आदान-प्रदान नहीं होता, बल्कि उन पर एक्शन भी होता है।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सफल अमेरिकी दौरे पर उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा कि पीएम के इस दौरे से देश को लंबे समय में काफी फायदा होगा। इससे दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश, एनर्जी सिक्योरिटी और डिफेंस में रिश्ते और प्रगाढ़ होंगे। उन्होंने कहा इससे दुनिया के दो बड़े लोकतंत्रों और अर्थव्यवस्थाओं के बीच सहयोग बढ़ेगा।

टाइम्स नेटवर्क के मैनेजिंग डायरेक्टर विनीत जैन ने बिंदुवार बताया कि कैसे देश तरक्की कर रहा है। उन्होंने बताया कि आज दुनिया हमें बाजार के रूप में नहीं बल्कि अपने सहयोगी के रूप में देख रही है। आज हम इतिहास के मुहाने पर खड़े हैं। उनके नेतृत्व में भारत आज सबसे तेजी से विकास करती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है।

उन्होंने कहा कि US-India Compact के लॉन्च होने से 21वीं सदी में मिलिट्री पार्टनरशिप के साथ ही कॉमर्स और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भी संभावनाएं बढ़ेंगी। आपका MAGA प्लस MIGA (मेक इंडिया ग्रेट अगेन) मंत्रा मेगा पार्टनरशिप के समान है, जो दो बड़ी आर्थिक शक्तियों और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच है।

आज दुनिया भारत की ओर प्रशंसा और आशा भरी नजरों से देख रही है। कभी भारत की पहचान उसकी क्षमता से होती थी, लेकिन अब उसकी पहचान उसके प्रदर्शन से होती है। आज हम सिर्फ वैश्विक आर्थिक बातचीत का हिस्साभर नहीं है, बल्कि हम उस विश्व को आकार भी दे रहे हैं। भारत का आर्थिक विकास सिर्फ हमारे देश के लिए मील का पत्थर नहीं है, बल्कि हम एक वैश्वक शक्ति हैं, जो गतिमान है।

आज हम इतिहास के मुहाने पर खड़े हैं। वैश्वक आर्थिक व्यवस्था तेजी से पुनर्संतुलन के दौर से गुजर रही है। आज खेल के नियम बदल रहे हैं और जो विकसित होंगे, उभरेंगे और विस्तार करेंगे, वही भविष्य को परिभाषित भी करेंगे। यही ET NOW GBS का इस साल का थीम भी है - Evolve, Emerge, Expand.

प्रधानमंत्री जी आपने हाल ही में पैरिस में हुए AI समिट में नवाचार के क्षेत्र में अग्रणी रहने की भारत की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया। आपने आर्थिक विकास को गति देने तथा उद्योगों में बदलाव लाने में AI की अपार क्षमता को भी रेखांकित किया।

इसके बाद आपने और राष्ट्रपति ट्रंप ने कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों के अनुप्रयोग को बढ़ावा देने के लिए अमेरिका-भारत ट्रस्ट इनिशिएटिव की घोषणा की है। इसका मुख्य स्तंभ साल के अंत तक एआई इंफ्रास्ट्रक्चर को गति देने के लिए यूएस इंडिया रोडमैप है।

आज हम जो भारत देख रहे हैं, वह एक दशक के आर्थिक निर्णयों और परिवर्तनकारी नीति निर्माण का परिणाम है। यह प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण से आता है, जिसने हमारे देश को न केवल वैश्विक मामलों में भागीदार के रूप में, बल्कि उन्हें आकार देने वाले नेता के रूप में स्थापित किया है। उनके नेतृत्व में, भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन गया है।

आज भारत का आर्थिक विकास उपभोग आधारित नहीं है, बल्कि निवेश, इनोवेशन और ग्लोबल वैल्यू चेन के इंटीग्रेशन से जुड़ा है। आज भारत इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसमें सिर्फ सड़क और पोर्ट ही नहीं हैं, बल्कि आर्थिक गलियारे भी हैं, जहां मैन्युफैक्चरिंग, लॉजिस्टिक्स और टेक्नोलॉजी के हब बन रहे हैं।

आज फाइनेंशियल सेक्टर की बात करें तो वह सिर्फ बैंकिंग और पारंपरिक कर्जदायी संस्थाओं तक सीमित नहीं है। बल्कि आज डिजिटल रेवोल्यूशन से इंवेस्टमेंट का तरीका बदल रहा है।

हमारा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम सफलता की सिर्फ कुछ कहानियों के बारे में नहीं है - यह उद्यमशीलता-आधारित विकास की दिशा में एक व्यवस्थित मानसिकता है। भारत के सफल अंतरिक्ष मिशन और सुनियोजित मेगा आध्यात्मिक महाकुंभ 2025 देश के वैज्ञानिक प्रगति और सांस्कृतिक विरासत पर दोहरे फोकस को दर्शाता है।

दुनिया परिवर्तन के दौर से गुजर रही है। अमेरिका नीतिगत बदलावों के साथ तालमेल बिठा रहा है, यूरोप मुश्किल समायोजनों से गुजर रहा है, और चीन भी आर्थिक पुनर्संतुलन की प्रक्रिया से गुजर रहा है। इस पृष्ठभूमि में, भारत वह सब प्रदान करता है जो अन्य कुछ ही प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं प्रदान कर सकतीं - उच्च विकास, वृहद आर्थिक स्थिरता, तथा समृद्ध निवेश वातावरण।

आज, प्रमुख बहुराष्ट्रीय कंपनियां भारत को सिर्फ एक बाजार के रूप में नहीं देख रही हैं, बल्कि अपनी वैश्विक विकास रणनीतियों में एक प्रमुख भागीदार के रूप में देख रही हैं। सप्लाई चेन का रीअलाइनमेंट भारत के लिए वैश्विक विनिर्माण में एक गंभीर विकल्प के रूप में उभरने का अवसर पैदा कर रहा है, जिसका श्रेय सरकार की नीतियों जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स और स्मार्ट फोन के लिए पीएलआई योजना, पीएम गति शक्ति, नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी और कई अन्य को जाता है। प्रौद्योगिकी एक और क्षेत्र है जिसमें भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। स्पेस एक्सप्लोरेशन से लेकर एडवांस सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग और फिनटेक तक, भारत ऐसे मानक स्थापित कर रहा है जिस पर दुनिया की नजर है।

भारत की फिनटेक क्रांति, जिसके नेतृत्व में यूपीआई द्वारा प्रतिवर्ष 70 अरब से अधिक लेनदेन संसाधित होते हैं, वित्तीय समावेशन में एक वैश्विक केस स्टडी बन गई है।

माननीय प्रधानमंत्री जी, आज हम जिस भारत को देख रहे हैं, वह एक दशक के परिवर्तनकारी नेतृत्व का परिणाम है। आपने जिन नीतियों को आगे बढ़ाया है - मेक इन इंडिया, एआई इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, खेलो इंडिया - ने आकांक्षाओं को हकीकत में बदल दिया है, एक ऐसे देश की नींव रखी है जो अब न केवल वैश्विक बदलावों में भाग ले रहा है, बल्कि उन्हें परिभाषित भी कर रहा है।

इसके अलावा, प्रधानमंत्री जन-धन योजना और आयुष्मान भारत सहित आपकी दूरदर्शी पहलों ने वित्तीय समावेशन और सुलभ स्वास्थ्य सेवा के साथ लाखों नागरिकों को सशक्त बनाया है, जिससे भारत अधिक समतापूर्ण भविष्य की ओर अग्रसर हुआ है।

इस प्रकार आपके नेतृत्व ने यह सुनिश्चित किया है कि भारत न केवल एक बड़े पैमाने की अर्थव्यवस्था है, बल्कि एक प्रभावशाली अर्थव्यवस्था भी है। आज दुनिया भारत को न केवल एक बाजार के रूप में देखती है, बल्कि अवसरों के निर्माता, नवाचार के केंद्र और वैश्विक आर्थिक स्थिरता के एक प्रमुख स्तंभ के रूप में देखती है, जो भविष्य को आकार दे रहा है।

विनीत जैन ने कहा, मैं यहां इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि यह बदलाव सिर्फ नीतियों के बारे में नहीं है - यह लोगों के बारे में भी है। यह उद्यमशीलता की भावना के बारे में है, जो बेंगलुरू में स्टार्ट-अप से लेकर गुजरात में विनिर्माण केंद्रों तक... मुंबई में फिनटेक डिसरप्टर्स से लेकर हैदराबाद में एआई अग्रदूतों तक, हर जगह सामने आई है।

माननीय प्रधानमंत्री जी, आर्थिक परिवर्तन की इस यात्रा पर आगे बढ़ते हुए, हम आपसे और आपके दृष्टिकोण से भारत को अद्वितीय विकास और वैश्विक प्रभाव के युग में आगे बढ़ाने की उम्मीद करते हैं। आज यहां आपका संबोधन सिर्फ एक मुख्य भाषण नहीं है। यह भारत के उत्थान के लिए एक रोडमैप है। एक ऐसा विजन है जो व्यवसायों, निवेशकों और नीति निर्माताओं को भारत को 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए प्रेरित करेगा।

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Digpal Singh author

खबरों की दुनिया में लगभग 19 साल हो गए। साल 2005-2006 में माखनलाल चतुर्वेदी युनिवर्सिटी से PG डिप्लोमा करने के बाद मीडिया जगत में दस्तक दी। कई अखबार...और देखें

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