पैसों को लेकर Rich Dad Poor Dad के लेखक रॉबर्ट कियोसाकी का नया नजरिया, जानकर हो जाएंगे दंग

Fake Money: रिच डैड पुअर डैड (Rich Dad Poor Dad) के लेखक रॉबर्ट कियोसाकी (Robert Kiyosaki) ने फिर से पैसे से जुड़ी सलाह दी है। सबसे अधिक बिकने वाली पर्सनल फाइनेंस बुक के लेखक ने पैसे के बारे में एक बिल्कुल नया नजरिया पेश किया है। रॉबर्ट कियोसाकी जो अक्सर इंटरनेट पर पैसे से जुड़ी सलाह देते हैं। उन्होंने कहा कि सेंट्रल बैंक द्वारा ब्याज दरें तय करना मूल्य निर्धारण और केंद्रीय नियोजन का एक रूप है। नकली पैसे (fake money) के बारे में उन्होंने जो कहा यहां जानिए।

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Rich Dad Poor Dad के लेखक ने पैसों को लेकर कही बड़ी बात

Fake Money: क्या आपने कभी सोचा है कि जो पैसा आपके पास है वह नकली (fake money) हो सकता है? हाल ही में रिच डैड पूअर डैड (Rich Dad Poor Dad) के लेखक रोबर्ट कियोसाकी (Robert Kiyosaki) ने फिर से पैसे के बारे में अपनी राय साझा की। उन्होंने पैसे के बारे में एक नया दृष्टिकोण पेश किया है। कियोसाकी ने फेमस लेखक रॉन पॉल का हवाला दिया, जो पूर्व अमेरिकी कांग्रेसमैन रह चुके हैं, इस अवधारणा को समझाने के लिए कि यह नकली पैसा क्या है? रोबर्ट कियोसाकी अक्सर इंटरनेट पर पैसे से संबंधित सलाह देते हैं। उन्होंने कहा कि जब केंद्रीय बैंक ब्याज दरों को निर्धारित करता है, तो यह कीमत निर्धारण (price fixing) और सेंट्रल प्लानिंग (central planning) का रूप है।

अपने X अकाउंट पर रिच डैड पूअर डैड के लेखक रोबर्ट कियोसाकी ने लिखा कि पूर्व अमेरिकी कांग्रेसमैन रॉन पॉल से ज्ञान के शब्द: 'End the Fed' के लेखक और फेड, सभी केंद्रीय बैंकों को समाप्त करने और एक अच्छा और ईमानदार पैसे के सिस्टम में लौटने के पक्षधर रॉन पॉल ने कहा कि 'केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों का निर्धारण कीमत निर्धारण है और यह सेंट्रल प्लानिंग का रूप है।

इसके साथ ही कियोसाकी ने यह स्पष्ट किया कि केंद्रीय बैंक द्वारा किया गया कीमत निर्धारण सोशलिज्म का एक उपकरण है। वहीं सेंट्रल प्लानिंग मार्क्सवाद का एक शुद्ध रूप है, जो सार्वजनिक संपत्ति को चुराने के लिए डिजाइन किया गया है। उन्होंने कहा कि कीमत निर्धारण सोशलिज्म का एक उपकरण है और सेंट्रल प्लानिंग शुद्ध मार्क्सवाद है और इसका उद्देश्य आपकी संपत्ति को चुराना, उत्पादन को नष्ट करना, हमारी स्वतंत्रताओं को चुराना और सोशलिस्ट के लिए तख्तापलट का दरवाजा खोलना है।

साधारण शब्दों में कियोसाकी ने समझाया कि सीधे शब्दों में कहें तो नकली पैसा धोखाधड़ी वाले पैसे, धोखाधड़ी वाली सांख्यिकी, धोखाधड़ी वाली लेखा-जोखा, धोखाधड़ी वाले बैलेंस शीट, धोखाधड़ी वाले मुआवजे, धोखाधड़ी वाले रिश्ते, धोखाधड़ी वाले नेता और रोजमर्रा की जिंदगी में भ्रष्टाचार का कारण बनता है।

तो इस जाल से बाहर कैसे निकला जाए?

अपने सुझाव में, कियोसाकी ने लिखा कि हारने वाला मत बनो। बाएं झुकाव वाले अकादमिक समाजवादियों को जीतने मत दो। वापसी करो। अपनी स्वतंत्रता बचाओ। नकली पैसे पर काम मत करो या बचत मत करो। अपने स्वतंत्र सोने, चांदी और बिटकॉइन स्टैंडर्ड पर भरोसा रखो। ध्यान रखना।

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रामानुज सिंह author

रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें

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