Corporate Tax Budget 2025: देश की सारी कंपनियों से ज्यादा टैक्स भर रहे टैक्सपेयर्स, क्या कॉरपोरेट को और राहत मिलेगी? फाइनेंस बिल खोलेगा राज

Corporate Tax Rate Budget 2025: व्यक्तिगत टैक्सपेयर्स अब सभी कंपनियों के कुल योगदान से अधिक टैक्स भरते हैं। 2019-20 में, कॉरपोरेट टैक्स (556,876 करोड़ रुपये) अधिक था, लेकिन 2023-24 तक, इनकम टैक्स बढ़कर 1,156,000 करोड़ रुपये हो गया, जो कॉरपोरेट टैक्स (1,042,830 करोड़ रुपये) से अधिक है।

Corporate Tax Rate Budget 2025

आम टैक्सपेयर्स पर बढ़ रहा टैक्स का बोझ

मुख्य बातें
  • आम टैक्सपेयर्स पर बढ़ रहा टैक्स का बोझ
  • कॉरपोरेट की हो रही चांदी
  • बजट में नहीं हुआ ऐलान

Corporate Tax Rate Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट 2025-26 में कॉरपोरेट टैक्स का कोई जिक्र न होने पर बहस छिड़ गई है। उन्होंने बजट भाषण में पर्सनल इनकम टैक्स में राहत, निवेश को प्रोत्साहन और जीएसटी संशोधनों पर ध्यान दिया, मगर कॉरपोरेट टैक्स स्पष्ट रूप से गायब रहा, जिससे बिजनेस और अर्थशास्त्री सरकार के अगले कदम के बारे में अटकलें लगा रहे हैं। इस अनिश्चितता को और बढ़ाते हुए सीतारमण ने घोषणा की कि अगले हफ्ते एक नया इनकम टैक्स विधेयक पेश किया जाएगा, जिससे कई लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या कॉरपोरेट टैक्स में बदलाव अलग से बताए जाएंगे।

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कंपनियों से ज्यादा टैक्स रही आम जनता

हाल के आंकड़ों से पता चलता है कि व्यक्तिगत टैक्सपेयर्स अब सभी कंपनियों के कुल योगदान से अधिक टैक्स भरते हैं। 2019-20 में, कॉरपोरेट टैक्स (556,876 करोड़ रुपये) अधिक था, लेकिन 2023-24 तक, इनकम टैक्स बढ़कर 1,156,000 करोड़ रुपये हो गया, जो कॉरपोरेट टैक्स (1,042,830 करोड़ रुपये) से अधिक है।

कैसी आ रही लोगों की प्रतिक्रियाएं

सोशल मीडिया पर कई लोगों ने प्रतिक्रियाएं दीं। कुछ लोगों ने कॉरपोरेट के लिए टैक्स कटौती की भविष्यवाणी की, जबकि मिडिल क्लास के टैक्सपेयर्स के लिए बहुत कम बदलाव किया गया। जीएसटी में संभावित वृद्धि को लेकर भी लोगों में चिंता बढ़ी है, जिसका निम्न आय वर्ग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

आम लोगों पर बढ़ रहा टैक्स का बोझ

आलोचकों का तर्क है कि आम लोगों पर टैक्स का बोझ बढ़ता जा रहा है जबकि कॉरपोरेट को टैक्स कटौती से लाभ मिल रहा है। बजट में कॉरपोरेट टैक्स संशोधनों के स्पष्ट संकेत न होने के कारण, बिजनेस और टैक्सपेयर्स अब फाइनेंस बिल का इंतजार कर रहे हैं, जो बहुत जरूरी स्पष्टता प्रदान करेगा।

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काशिद हुसैन author

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

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