भारत के भगोड़े नाइजीरिया के बन गए 'अंबानी', जानें कौन हैं संदेसरा ब्रदर्स
Sandesara Brothers Profile: भारत सरकार का कहना है कि ये पब्लिक बैंकों के साथ 1.7 अरब डॉलर या 14034 करोड़ रु से अधिक का धोखा करके भाग गए हैं। ये दोनों भाई भारत से भागकर नाइजीरिया में बस गए और वहां के बड़े अमीरों में शाामिल हैं।
Updated Jun 7, 2023 | 11:36 AM IST

कौन हैं कौन हैं संदेसरा ब्रदर्स
मुख्य बातें
- संदसेरा भाइयों ने नाइजीरिया में बनाया ठिकाना
- तेल कारोबार में बनाई पैंठ
- एसबीआई समेत कई बैंकों को धोखा देने का आरोप
Sandesara Brothers Profile: भारत के कई ऐसे भगौड़े कारोबारी हैं, जो देश के बैंकों का पैसा लेकर भाग गए और दूसरे देशों में जाकर बस गए। भारत सरकार इन्हें वापस लाने के प्रयास करती है। इन भागने वालों में संदेसरा ब्रदर्स (Sandesara Brothers), नितिन और चेतन संदसेरा, भी शामिल हैं। 2017 में भारत छोड़कर जाने वाले गुजराती कारोबारी संदेसरा बंधु कर्जदाताओं को धोखा देने से इनकार करते हैं और कहते हैं कि वे राजनीतिक उत्पीड़न के शिकार हैं।
भारत सरकार का कहना है कि ये पब्लिक बैंकों के साथ 1.7 अरब डॉलर या 14034 करोड़ रु से अधिक का फ्रॉड करके भाग गए हैं। ये दोनों भाई भारत से भागकर नाइजीरिया में बस गए और वहां के बड़े अमीरों में शाामिल हैं।
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कैसे हुए नाइजीरिया में कामयाब
ईटी की रिपोर्ट के अनुसार लगभग 20 साल पहले इन भाइयों ने भारत में दिक्कतों को देखते हुए नाइजीरियाई तेल इंडस्ट्री में एंट्री की। वहां इन्हें दो ऑनशोर लाइसेंस मिल गए। इसी से इन्होंने अपना ध्यान लागोस (नाइजीरिया का सबसे बड़ा शहर) पर लगाया।
नाइजीरियाई सरकार के पार्टनर बने
संदेसरा ब्रदर्स ने अफ्रीका के सबसे बड़े कच्चे तेल के उत्पादक देश नाइजीरिया में सबसे बड़ी स्वतंत्र तेल कंपनी खड़ी कर दी। नाइजीरिया में क्रूड से समृद्ध नाइजर डेल्टा से लगभग 1,000 किलोमीटर (621 मील) दूर देश के शुष्क पूर्वोत्तर में 1 अरब बैरल तेल खोजा गया था। संदेसरा ब्रदर्स नाइजीरिया में इसी अरबों डॉलर के तेल प्रोजेक्ट में सरकार के पार्टनर हैं।
ईटी की रिपोर्ट के अनुसार 2010 के आस-पास संदसेरा भाइयों के कारोबारी ग्रुप की वैल्यू करीब 7 अरब डॉलर यानी आज के हिसाब से 57,777 करोड़ रु थी।
इन बैकों के साथ किया फ्रॉड
- एसबीआई (SBI)
- बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB)
- यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (UBI)
रोज 50000 बैरल तेल का प्रोडक्शन
संदसेरा भाइयों की कंपनियां Sterling Oil Exploration और Sterling Global Oil Resources डेली 50000 बैरल कच्चा तेल निकालती है। इसके लिए इन्होंने नाइजीरिया की सरकारी कंपनी के साथ एग्रीमेंट किया है। एक और यूनिट इस साल इनके प्रोडक्शन को 100,000 बैरल से ऊपर पहुंचा सकती है।
बन गए नाइजीरिया के 'अंबानी'
अंबानी की तेल कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) की मार्केट कैपिटल 16.78 लाख करोड़ रु है और ये भारत की सबसे बड़ी तेल कंपनियों में शामिल है। वहीं ईटी की रिपोर्ट के अनुसार 2010 के आस-पास संदसेरा भाइयों के कारोबारी ग्रुप की वैल्यू करीब 7 अरब डॉलर यानी आज के हिसाब से 57,777 करोड़ रु थी, जो नाइजीरिया के प्रमुख तेल प्रॉड्यूसर्स में से एक है। रिलायंस और Sterling Oil दोनों अपने देशों में मौजूद प्रमुख तेल प्रॉड्यूसर कंपनियां हैं, इसीलिए यहां अंबानी और संदसेरा भाइयों की तुलना की गई है।
नाइजीरिया ने नहीं मानी भारत की बात
ईटी की रिपोर्ट में देश की टॉप जांच एजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो या सीबीआई (CBI) के हवाले से कहा गया है कि संदेसरा भाइयों ने नाइजीरियाई नागरिकता के लिए आवेदन भी किया। मगर ये स्पष्ट नहीं है कि उन्हें नागरिकता मिली या नहीं। इस बीच भारत सरकार ने नाइजीरिया से उन्हें प्रत्यर्पित करने का अनुरोध किया, जिसे वहां की सरकार ने अस्वीकार कर दिया।
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