चंद्रयान-3 से आधे पैसे में सूरज होगा फतह ! जानें आदित्य L-1 से भारत कैसे बनेगा सरताज
Aditya L-1 Mission And Launch Date: आदित्य L-1 मिशन चंद्रयान-3 से भी सस्ता है। और अगर भारत का सूर्य मिशन सफल हो जाता है। तो भारत, ऐसा करने वाले अमेरिका, जर्मनी और यूरोपीय स्पेस एजेंसी और चीन की कतार में खड़ा हो जाएगा। सबसे अहम बात यह है कि आदित्य मिशन चंद्रयान की लागत से करीब आधी कीमत में लांच होगा।
2 सितंबर को होगा आदित्यन L-1 मिशन लांच
What is Aditya L-1 Mission And Launch Date: भारत अब अंतरिक्ष में एक और इतिहास रचने के करीब है। वह 2 सितंबर को अपना सूर्य मिशन लांच करेगा। यह भारत का पहला सूर्य मिशन होगा। जिसे आदित्य L-1 नाम दिया गया है। खास बात यह है कि आदित्य L-1 मिशन चंद्रयान-3 से भी सस्ता है। और अगर भारत का सूर्य मिशन सफल हो जाता है। तो भारत, ऐसा करने वाले अमेरिका, जर्मनी, यूरोपीय स्पेस एजेंसी और चीन की कतार में खड़ा हो जाएगा। सबसे अहम बात यह है कि आदित्य मिशन चंद्रयान की लागत से करीब आधी कीमत में लांच होगा। ऐसा कर, इसरो एक बार फिर पूरी दुनिया को सकते में डाल देगा।
जनवरी में पहुंचेगा आदित्य L-1
आदित्य एल1 सूर्य का अध्ययन करने वाला पहला अंतरिक्ष आधारित भारतीय मिशन होगा। अंतरिक्ष यान को सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के लाग्रेंज प्वाइंट (एल1) के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में रखा जाएगा। पृथ्वी से लाग्रेंज प्वाइंट की दूरी 15 लाख किलोमीटर है। आदित्य L-1, 2 सितंबर को जब अपनी यात्रा शुरू करेगा तो उसके करीब 4 महीने बाद यानी जनवरी 2024 को वह अपनी तय पोजिशन पर पहुंचेगा। आदित्य एल 1 सूरज और धरती के बीच लाग्रेंज प्वाइंट(L) 1 पर रुकेगा और यहीं से सूर्य का अध्ययन करेगा।
कितनी है लागत
अभी तक इसरो ने आदित्य L-1 मिशन की लागत के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। लेकिन 2019 में सरकार द्वारा आवंटित किए गए बजट को देखा जाय तो यह चंद्रयान-3 मिशन से करीब आधा है। रायटर्स की रिपोर्ट के अनुसार सरकार ने आदित्य L-1 मिशन के लिए 4.6 करोड़ डॉलर यानी करीब 378 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इस आधार पर अगर चंद्रयान-3 की लागत से तुलना की जाय तो यह करीब 61 फीसदी राशि में पूरा हो जाएगा। चंद्रयान-3 की लागत करीब 615 करोड़ रुपये है। हालांकि रिपोर्ट के अनुसार आदित्य L-1 की लागत में लांचिंग खर्च को नहीं शामिल किया गया है। ऐसे में इसकी लागत थोड़ी बढ़ सकती है।
दुनिया में अब तक 22 सूर्य मिशन
सूरज पर अब तक 22 अंतरिक्ष मिशन हो चुके हैं। अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने सूरज पर पहला मिशन पायनीर 1960 में भेजा था। इसके बाद उसने 1969 तक पायनीर 5,6,7, 8, 9 और पायनीर ई नाम से सूरज पर मिशन भेजे। नासा के ये सभी ऑर्बिटर मिशन थे। पायनीर ई ऑर्बिटर में नहीं पहुंच पाया।
इसके बाद नासा अलग-अलग समय पर जर्मनी की अंतरिक्ष एजेंसी डीएफवीएलआर और यूरीपीय स्पेस एजेंसी (ESA) के साथ मिलकर सूरज पर मिशन भेजता रहा। 1974 से लेकर 1997 तक सूरज की तरफ सात मिशन भेजे गए। ये सभी ऑर्बिटर मिशन थे। साल 2000 के बाद नासा और यूरोपीय स्पेस एजेंसी ने सूरज के लिए नौ मिशन रवाना किए। इनमें से सात मिशन सफल हुए जबकि नासा और ESA के दो सूर्य मिशन अभी रास्ते में हैं।
वहीं चीन की बात करें तो उसने भी 2021-22 के दौरान अपना सूर्य मिशन लांच किया था।
क्या करेगा आदित्य एल 1
आदित्य एल1 को सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के लाग्रेंज प्वाइंट (एल1) के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में रखा जाएगा। खास बात है कि इस प्वाइंट पर सूर्य ग्रहण का असर नहीं होता है। यानी आदित्य यहां से हमेशा सूर्य की निगरानी करता रहेगा। यह वास्तविक समय में सौर गतिविधियों और अंतरिक्ष मौसम पर इसके प्रभाव को देखने का काम करेगा करेगा। अंतरिक्ष यान यहां से फोटोस्फीयर, क्रोमोस्फीयर और सूर्य की सबसे बाहरी परतों (कोरोना) का निरीक्षण करने के साथ तस्वीरें खींचेगा।
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