अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी। तस्वीर-PTI
Amir Khan Muttaqi : छह दिनों की यात्रा पर भारत आए अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों पर तालिबान सरकार का जोरदार बचाव किया है। अफगानिस्तान में महिला अधिकारों के हनन के अंतरराष्ट्रीय आरोपों को उन्होंने 'प्रोपगैंडा' बताया और जोर देकर कहा कि अगस्त 2021 में सत्ता में तालिबान के आने के बाद महिलाओं की स्थिति में सुधार हुआ है। अफगानिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा कि तालिबान शासन में अब हालात बदल गए हैं।
दिल्ली में टाइम्स नाउ ने मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों पर मुत्तकी से सवाल किया। इस सवाल का जवाब देते हुए मुतक्की ने कहा कि तालिबान के सत्ता में आने से पहले अफगानिस्तान ज्यादा हिंसक देश था। उन्होंने कहा, 'आप 15 अगस्त 2021 से पहले के अफगानिस्तान को अगर देखें तो आप पाएंगे कि यहां हर रोज कम से कम 300 से 400 लोगों की मौत होती थी। अफगानिस्तान में यह अब रुक गया है। दरअसल, तालिबान शासन में अफगानिस्तान में अब हालात बदल गए हैं।'
मुत्तकी ने कहा कि तालिबान के शासन ने दशकों से चले आ रहे युद्ध के बाद स्थिरता लाई है। उन्होंने कहा, 'महिलाएं खुश हैं। अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग परंपराएं और संस्कृतियां होती हैं, और आपको इसका ध्यान रखना चाहिए'। महिलाओं के दमन की रिपोर्टों को खारिज करते हुए, मंत्री ने दावा किया कि अफगान महिलाओं ने मौजूदा व्यवस्था को स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा, 'अगर महिलाएं तालिबान शासन में खुश नहीं होतीं, तो वे हमारा समर्थन नहीं करतीं और सड़कों पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर देतीं।'
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री का यह बयान ऐसे समय आया है जब महिलाओं की स्वतंत्रता पर तालिबान की पाबंदियों को लेकर वैश्विक आक्रोश है। संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठनों ने इन पाबंदियों की कड़ी निंदा की है। 2021 में सत्ता संभालने के बाद से, तालिबान ने लड़कियों को माध्यमिक और उच्च शिक्षा से वंचित किया है, महिलाओं के काम करने के अवसरों को सीमित किया है, और सख्त पहनावे के नियम लागू किए हैं।
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