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आधार कार्ड को लेकर मद्रास हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, अपने डिटेल में सुधार का मौलिक अधिकार, क्यों देना पड़ा यह फैसला?

Aadhaar Card Madras High Court Verdict: मद्रास हाई कोर्ट ने कहा कि आधार कार्ड धारक को अपने आधार कार्ड में डिटेल बदलवाने का मौलिक अधिकार है। न्यायमूर्ति जीआर स्वामीनाथन ने बताया कि आधार अधिनियम के तहत कार्डधारक इस बदलाव का अधिकार रखते हैं। आइए जानते हैं हाई कोर्ट को यह फैसला क्यों देना पड़ा।

Aadhaar Card Madras High Court Verdict

आधार कार्ड पर मद्रास हाईकोर्ट का बड़ा फैसला (तस्वीर-istock)

Aadhaar CardMadras High Court Verdict : मद्रास हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया कि आधार कार्ड धारक को अपने आधार कार्ड में डिटेल बदलवाने का मौलिक अधिकार है। न्यायमूर्ति जीआर स्वामीनाथन ने अपने आदेश में कहा कि केंद्र सरकार ने आधार योजना शुरू की थी और यह कानून आधार संख्या धारक को अपने डिटेल में बदलाव करने का अधिकार देता है। कोर्ट ने आधार अधिनियम के सेक्शन 7 का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि केंद्र या राज्य सरकार किसी व्यक्ति की पहचान स्थापित करने के लिए यह मांग कर सकते हैं कि वह आधार संख्या प्रस्तुत करे या प्रमाणीकरण कराए, जब वह किसी लाभ, सब्सिडी या सेवा का पात्र हो।

आधार कार्डधारक का मौलिक अधिकार

लाइव लॉ डॉट इन के मुताबिक मद्रास हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के केएसपुत्तस्वामी बनाम भारत संघ (2019) के फैसले का भी हवाला दिया, जिसमें कहा गया कि सेक्शन 7 का उद्देश्य उन गरीब और हाशिए पर रहने वाले लोगों को लाभ पहुंचाना है, जिनके लिए कल्याणकारी योजनाएं बनाई गई हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि जब लाभ प्राप्त करने का अधिकार मौलिक अधिकार है और आधार कार्ड इसके लिए अनिवार्य माध्यम है, तो कार्डधारक का यह भी मौलिक अधिकार है कि वह सेक्शन 31 के तहत आधार कार्ड में अपने डिटेल में बदलाव करवा सके।

स्थानीय स्तर पर उपलब्ध हो आधार डिटेल में बदलाव की सुविधा

मद्रास हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि आधार प्राधिकरण (UIDAI) पर यह कर्तव्य है कि अगर वह पाता है कि पहले दर्ज जानकारी सही नहीं है, तो बदलाव करे। कोर्ट ने इस बात पर भी ध्यान दिया कि शारीरिक पहुंच एक समस्या है। उदाहरण के लिए याचिकाकर्ता एक विधवा वरिष्ठ नागरिक हैं और रामनाथपुरम जिले के परमाकुड़ी की निवासी हैं। यह समझ से परे है कि उन्हें मदुरै तक जाकर अपने आधार डिटेल बदलवाने की जरूरत क्यों है। आधार डिटेल में बदलाव के लिए स्थानीय स्तर पर सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए। तमिलनाडु में 4056 आधार केंद्र हैं, और ये बदलाव की सुविधा दे सकते हैं।

आधार कार्ड में जानकारी सही होना जरूरी

मद्रास हाई कोर्ट ने कहा कि आधार कार्ड में जानकारी सही होना जरूरी है और कार्डधारक का यह कर्तव्य है कि वह गलत जानकारी मिलने पर सुधार की मांग करे। सेक्शन 31(3) के तहत UIDAI संतुष्ट होने पर बदलाव कर सकता है। हालांकि न्यायालय ने कहा कि इस संदर्भ में may शब्द कर्तव्यनिष्ठा के अर्थ में भी लिया जा सकता है। मैं यह मानता हूं कि ऑथरिटी को आधार कार्ड में सुधार करने का कर्तव्य है अगर वह पाता है कि जानकारी सही नहीं है। यानी सेक्शन 31 का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आधार कार्ड में सही डिटेल दर्ज हो।

क्यों मद्रास हाई कोर्ट देना पडा यह फैसला, जानें पूरा मामला

यह मामला याचिकाकर्ता की ओर से दायर की गई याचिका से जुड़ा था, जिसमें UIDAI से उनके आधार कार्ड में नाम और जन्मतिथि सुधारने का निर्देश मांगा गया था। नाम: 'Pushbam' की जगह 'Pushpam' और जन्मतिथि: 25.06.1952 की जगह 07.06.1952 ।

याचिकाकर्ता एक विधवा वरिष्ठ नागरिक हैं, जिनके पति भारतीय सेना में 21 वर्ष सेवा करने के बाद पेंशन प्राप्त कर रहे थे। उनके निधन के बाद, याचिकाकर्ता ने पेंशन खाता ट्रांसफर के लिए आवेदन किया, लेकिन आधार कार्ड में त्रुटियों के कारण यह प्रक्रिया नहीं हो सकी।

याचिकाकर्ता ने परमाकुड़ी के ई-सेवाई मैयम से इस सुधार के लिए संपर्क किया, लेकिन उन्हें स्थानीय डाकघर भेज दिया गया। वहां प्रयास विफल होने पर उन्होंने बेंगलुरु के क्षेत्रीय केंद्र को पत्र भेजा, लेकिन कोई उत्तर नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने मद्रास हाई कोर्ट का रुख किया।

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रामानुज सिंह
रामानुज सिंह Author

रामानुज सिंह टाइम्स नाऊ नवभारत डिजिटल में बिजनेस डेस्क के इंचार्ज हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वो बिहार के खगड़िया जिले के र... और देखें

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